हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिन्दू नववर्ष 2080 की शुरुआत होती है। इसे विक्रम संवत भी कहा जाता है। इस दिन से चैत्र नवरात्रि भी आरंभ होती है। इस बार हिन्दू नववर्ष की शुरुआत 22 मार्च 2023 को बुधवार को सूर्योदय-कालीन मीन लग्न एवम ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश शनि के नक्षत्र उत्तराभाद्रपद में मीन राशि के चन्द्रमा में देवगुरु बृहस्पति, सूर्य एवं बुध ग्रह के साथ चार ग्रहों की एकसाथ युति में होगी। हिन्दू नववर्ष के सूर्योदय कालीन मीन लग्न में चन्द्रमा और देवगुरू बृह्स्पति ग्रह की अपनी स्वराशि मीन पर एकसाथ युति गजकेसरी नामक अत्यंत शुभ योग का भी निर्माण कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप भारत देश के लिए हिन्दू नववर्ष अत्यंत शुभ रहने की प्रबल संभावना है, विशेकर 30 अक्टूबर 2023 के बाद इसका सकारात्मक प्रभाव देश में ज्यादा देखने को मिलेगा। इसका कारण यह है कि 22 अप्रैल 2023 से 30 अक्टूबर तक गुरु-चाण्डाल योग के कारण देश में उथलपुथल होने के कारण विपरीत परिस्थितियों का दौर देश में बना रह सकता है।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि नवसंवत्सर 2080 के राजा बुध और मंत्री शुक्र होंगे। वहीं, 30 साल बाद हिन्दू नववर्ष की शुरुआत दुर्लभ योग में हो रही है, ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश शनि देव ने 30 साल बाद 17 जनवरी 2023 से अपनी स्वराशि कुंभ में ढाई वर्ष के लिए गोचर परिवर्तन किया है और हिन्दू नववर्ष का आगमन भी शनि के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हो रहा है, लेकिन शनि देव हिन्दू नववर्ष के सूर्योदयकालीन मीन लग्न से अशुभ भाव बारहवें में स्थित रहेंगे, जिसके परिणामस्वरूप हिन्दू नववर्ष में आम जनता का देश में शासन के प्रति विद्रोह भी देखने को मिलेगा।
हिन्दू नववर्ष में देवगुरू बृह्स्पति ग्रह भी 22 अप्रैल 2023 से 12 साल बाद मेष राशि में गोचर करेंगे जो कि 30 अक्टूबर 2023 तक पहले से ही मेष राशि में विराजमान चाण्डाल छाया ग्रह राहु के साथ एकसाथ युति बनाकर गुरु-चाण्डाल योग में अर्थात ग्रहण योग में रहेंगे जिसके परिणामस्वरूप देश में कुछ छिपे हुए अराजक तत्व देश में उथलपुथल का माहौल पैदा कर सकते हैं। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि इस बार नव संवत्सर 2080 काफी महत्वपूर्ण हो गया है। 22 अप्रैल 2023 से गुरु ग्रह का एक वर्ष के लिए मेष राशि पर गोचर परिवर्तन कुछ राशि वालों को जबरदस्त फायदा भी पहुंचा सकता है।
पंडित गौतम ने 22 अप्रैल 2023 से गुरु ग्रह के गोचर परिवर्तन के बाद तीन मुख्य राशियों के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि हिंदू नववर्ष में मिथुन राशि के जातकों को शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। हिन्दू नव वर्ष में गुरु ग्रह 22 अप्रैल 2023 से इनकी राशि से लाभ स्थान में होंगे। पुराने निवेश से फायदा मिलेगा, जिससे आमदनी में बढ़ोतरी होगी। नई नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को इस साल सफलता मिलेगी। आय के नये स्रोत मिलेंगे। गुरु 22 अप्रैल से धनु राशि से पंचम स्थान में गोचर करेंगे। पूरे साल धन लाभ का मौका मिलेगा। प्रॉपर्टी खरीद का सपना इस साल पूरा हो सकता है। लेकिन 30 अक्टूबर 2023 तक गुरु-चाण्डाल योग में महत्वपूर्ण निर्णयों को सावधानी पूर्वक लेने की जरूरत है।
हिन्दू नव वर्ष में 22 अप्रैल से तुला राशि के जातकों के लिए खुशियों भरी सौगात लेकर आएगा। देवगुरु बृहस्पति की शुभ दृष्टि भी आपकी राशि पर रहेगी। जिन लोगों का विवाह किसी न किसी वजह से रुक रहा था, वह इस साल शादी के बंधन में बंधेंगे। कारोबारी जबरदस्त मुनाफा कमाएंगे। कोर्ट- कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है।
हिन्दू नववर्ष में 22 अप्रैल 2023 से एक वर्ष के लिए गुरु ग्रह के मेष राशि पर गोचर परिवर्तन में वृष, कन्या एवं वृश्चिक राशि के व्यक्तियों को सावधानी बरतने की प्रबल आवश्यकता है।
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