क्या आपने वसीयत कराई है, अगर नहीं तो जरूर पढ़ें

क्या आपने वसीयत कराई है, अगर नहीं तो जरूर पढ़ें

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Agra (Uttar Pradesh, India) शहरी अचल सम्पत्ति के लिये यदि वसीयत की जाती है तो उसका निबन्धन कराना अनिवार्य नहीं, लेकिन भविष्य के सभी विवादों से बचने के लिये वसीयतकर्ता को उसका निबन्धन रजिस्ट्री विभाग में कराना चाहिए।  यह कहना है इन्दर चन्द्र जैन का। वे आगरा सिटी रेडिको, वी फोर आगरा व आगरा डवलपमेन्ट फाउन्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। वसीयत क्यों और कैसे की जानी चाहिये और वसीयत करते समय क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिये, इन विषयों को लेकर वेबिनार में मंथन हुआ। 

वसीयत के समय वीडियोग्राफी भी कराएं

इन्दर चन्द्र जैन ने बताया कि वर्तमान सामाजिक परिवेश में सभी लोगों को अपनी वसीयत करनी चाहिये ताकि उनकी मृत्योपरान्त उत्तराधिकार को लेकर झगड़े उत्पन्न न हों। साथ ही मेहनत से अर्जित की गई सम्पत्ति उनके इच्छानुसार वसीयत में नामित उत्तराधिकारियों को पहुंच सके। वसीयत के समय वीडियोग्राफी कराना भी एक अच्छा कदम है।

वसीयत के समय साक्षी को कुछ नहीं मिलता

किसी भी वसीयत में दो साक्षी बनाना अनिवार्य है जो विश्वसनीय व्यक्ति होने चाहिये और अधिक उम्र के नहीं होने चाहिये ताकि वसीयतकर्ता की मृत्योपरान्त वे वसीयत के किये जाने के सम्बन्ध में गवाही दे सकें। कम से कम दो व्यक्ति साक्ष्य होने चाहिये और उससे अधिक भी हो सकते हैं। यदि साक्षी अधिक उम्र के व्यक्ति बना दिये जाते हैं तो उनकी मृत्यु हो जाने पर वसीयत को सिद्ध करने में कठिनाइयां उत्पन्न हो जाती हैं। यह भी महत्वपूर्ण बात बतायी गयी कि जिस व्यक्ति के पक्ष में वसीयत की जा रही है, वह स्वयं तथा उसकी पत्नी या पति वसीयत के साक्षी नहीं हो सकते हैं। यदि उन्हें साक्षी बना दिया जाता है तो वसीयत के अन्तर्गत उन्हें कुछ भी प्राप्त नहीं होगा।

जमीन की वसीयत का निबंधन अनिवार्य

यह भी चर्चा आयी कि खेती की जमीन के लिये वर्ष 2004 से उत्तर प्रदेश में वसीयत का निबन्धन अनिवार्य है। यदि किसी वसीयत में कृषक व अकृषक दोनों सम्पत्तियां सम्मिलित हैं तो उसका निबन्धन कराना अनिवार्य ही होगा। किसी भी वसीयत को कभी भी समाप्त या संशोधित किया जा सकता है, अन्तिम वसीयत ही कानूनी रूप में मान्य होती है। यह भी बात आयी कि वसीयत का निबन्धन सामान्यतः वहीं होता है जहां पर वसीयत में सम्मिलित कोई भी सम्पत्ति पूरी तरह से या आंशिक रूप से स्थित हो। यह भी एक अहम बात निकल कर आयी कि वसीयत में एक एक्जीक्यूटर भी नियुक्त करना होता है जिसका कार्य वसीयकर्ता की मृत्यु के बाद सम्पत्तियों का उचित रूप से वितरण कराना होता है।

नामिती का दायित्व

श्री जैन ने यह कानूनी बिन्दु भी बताया कि एल0आई0सी0 पॉलिसी या जी0पी0एफ0 अकाउन्ट में यदि किसी व्यक्ति के नाम में नोमिनेशन किया गया है तो वह नोमिनी पॉलिसी या फण्ड का पैसा लेकर वास्तविक उत्तराधिकारियों को देगा। वह अपने पास नहीं रख सकता है और न ही वह मृतक का उत्तराधिकारी होता है, यदि नोमिनी के नाम में वसीयत है तो बात अलग है।

ये रहे उपस्थित
वेबिनार में केसी जैन, डॉ. संजीव शर्मा, डॉ. सुशील गुप्ता विभव, किशोर खन्ना रोमसन्स, डॉ. राम निवास मित्तल, तरुण अग्रवाल व डॉ. अजय बैनाड़ा आदि बड़ी संख्या में लोग सम्मिलित थे। वेबिनार का प्रसारण जूम ऐप व फेसबुक द्वारा हुआ जिसे बड़ी संख्या में लोगों द्वारा देखा गया। वेबिनार का समन्वय हेमन्त जैन द्वारा किया गया। 

27 thoughts on “क्या आपने वसीयत कराई है, अगर नहीं तो जरूर पढ़ें

  1. How to execute a will regarding house and the amount available including FDs in banks .If house to be willed in favour of one and a definite varying amount to be willed for the 10 members

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