वॉशिंगटन। अमेरिका में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए एक न्यायाधीश ने फैसला सुनाया है कि एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथी अमेरिका में काम कर सकते हैं। भारतीय-अमेरिकी समुदाय के एक प्रमुख नेता एवं आयोग के सदस्य अजय जैन भुटोरिया ने न्यायाधीश के फैसले का स्वागत किया है।
अमेरिका की जिला न्यायाधीश तान्या चटकन ने ‘सेव जॉब्स यूएसए’ द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया जिसमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के विनियम को खारिज करने का अनुरोध किया गया था। इस विनियम के तहत कुछ श्रेणी के एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों को रोजगार अधिकार कार्ड दिया जाता है।
‘सेव जॉब्स यूएसए’ एक ऐसा संगठन है जिसमें आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) कर्मचारी भी शामिल हैं, जो दावा करते हैं कि एच-1बी वीजाधारकों की वजह से उनकी नौकरी चली गई है। अमेजन, एप्पल, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियों ने मुकदमे का विरोध किया था। इस विनियम के तहत अमेरिका ने अब तक लगभग 1,00,000 एच-1बी वीजाधारी कर्मचारियों के जीवन साथियों को काम का अधिकार दिया है जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय शामिल हैं।
न्यायाधीश तान्या चटकन ने अपने आदेश में कहा कि ‘सेव जॉब्स यूएसए’ का पहला तर्क यह है कि कांग्रेस (अमेरिकी संसद) ने डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी को कभी एच-4 वीजाधारकों जैसे विदेशी नागरिकों को अमेरिका में रहने के दौरान काम करने की अनुमति नहीं दी है।
न्यायाधीश ने कहा कि कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से और सोच-समझकर अमेरिकी सरकार को अधिकार दिया है कि वह अमेरिका में एच-4 वीजाधारकों के जीवनसाथी के रहने की अनुमेय शर्त के रूप में रोजगार को अधिकृत करे। भारतीय-अमेरिकी समुदाय के एक प्रमुख नेता एवं आयोग के सदस्य अजय जैन भुटोरिया ने न्यायाधीश के फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथी को काम करने की अनुमति देने के अदालत के फैसले से देशभर के हजारों परिवार राहत की सांस ले पाएंगे। यह फैसला उन परिवारों को राहत प्रदान करेगा, जो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि ये परिवार एक साथ रह सकें।
भुटोरिया ने कहा कि एच-1बी वीजाधारकों के जीवन साथियों को काम करने की अनुमति देना केवल आर्थिक निष्पक्षता का मामला नहीं है बल्कि यह पारिवारिक एकता तथा स्थिरता का भी मामला है। मैं अदालत के फैसले का स्वागत करता हूं। मुझे उम्मीद है कि यह एक अधिक दयालु व न्यायसंगत प्रवासन प्रणाली की दिशा में पहला कदम साबित होगा। एच-1बी वीजा के जरिए अमेरिकी कंपनियां खासकर प्रौद्यगिकी क्षेत्र में विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति करती हैं। इस बीच ‘सेव जॉब्स यूएसए’ ने कहा कि वह अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करेगा।
- Agra News: नगला पदी में राशन डीलर की दबंगई, यूनिट से कम अनाज, सवाल पर धमकी — ‘कार्ड रद्द कर दूंगा’ - June 2, 2025
- Top Surgeons from India and Germany Collaborate to Excel in Complex Revision Knee Replacement Procedures - June 2, 2025
- Grand Launch Of Southern Street Premier League (SSPL) South India’s Biggest Cricket Extravaganza! - June 2, 2025