लखनऊ। प्रदेश के राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में स्टाफ नर्सों को आठ हजार पदों पर भर्ती की जाएगी। चार वर्षों तक हर साल करीब दो-दो हजार स्टाफ नर्सों की भर्ती होगी। पहले चरण में 1790 स्टाफ नर्सों के पदों पर भर्ती को हरी झंडी भी दे दी गई है। अगले तीन महीने के अंदर ही यह भर्ती होगी और इसके लिए लिखित परीक्षा कराने का जिम्मा संजय गांधी पीजीआइ को दिया गया है।
संजय गांधी पीजीआइ कराएगा लिखित परीक्षा
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की अध्यक्षता में राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सोसाइटी के शासी निकाय की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
योजना भवन के वैचारिकी हाल में हुई इस बैठक में राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के प्राचार्यों के अधिकारों में बढ़ोतरी करने का दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।
अब प्राचार्यों को नियुक्ति, क्रय, अवकाश स्वीकृति, अनुरक्षण और अन्य प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार दिए गए हैं।
इससे स्थानीय स्तर पर ही प्राचार्यों द्वारा निर्णय लेकर कार्य किया जा सकेगा और योजनाओं का क्रियान्वयन समय पर कराया जा सकेगा।
मेडिकल कालेजों के बैंक खाते में जमा धन का उपयोग भी प्राचार्य छात्रों व मरीजों के हित में कर सकेंगे।
मरीजों के उपचार में किसी भी तरह की कोताही न बरतें- ब्रजेश पाठक
तीसरे महत्वपूर्ण फैसला यह लिया गया कि दवा व उपकरण की खरीद के लिए संजय गांधी पीजीआइ की तर्ज पर हास्पिटल रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) व पैथोलाजी, रेडियालाजी तथा अन्य जांचे उपलब्ध कराने के लिए इंवेस्टिगेशन रेंडरिंग फंड (आइआरएफ) की व्यवस्था किए जाने को भी हरी झंडी दे दी गई। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्राचार्यों को निर्देश दिया कि वह मरीजों के उपचार में किसी भी तरह की कोताही न बरतें। बैठक में प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार भी मौजूद रहे। मालूम हो कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक शासी निकाय के अध्यक्ष भी हैं।
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