दिल्ली: तिहाड़ जेल में गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की चाकुओं से गोदकर हत्या, गैंगवार में 4 कैदी घायल – Up18 News

दिल्ली: तिहाड़ जेल में गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की चाकुओं से गोदकर हत्या, गैंगवार में 4 कैदी घायल

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तिहाड़ जेल में गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया को चाकुओं से गोदकर मार डाला, गैंगवार में 4 कैदी घायल

दिल्ली की तिहाड़ जेल में शुक्रवार को गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की हत्या का मामला सामने आया है। गैंगस्टर प्रिंस पर पांच से सात बार चाकू से हमला कर हत्या की गई है। गैंगस्टर तेवतिया ती जेल में देर शाम हत्या की गई है। 30 साल का गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया लॉरेंस बिश्नोई गैंग का अहम सदस्य है।

तिहाड़ जेल नंबर तीन में प्रिंस तेवतिया को चाकू मारकर मौत के घाट उतार दिया गया है। चाकूबाजी की इस घटना में दो-तीन अन्य कैदी घायल हैं। गैंगवॉर की इस वारदात से तिहाड़ जेल की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा हो गया है। ध्यान रहे कि इस जेल में दिल्ली के दो पूर्व मंत्रियों समेत कई हाई प्रोफाल कैदी हैं।

मृतक गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया पर दिल्ली के विभिन्न थानों में कातिलाना हमले, जबरन वसूली समेत 18 से अधिक संगीन मामले दर्ज थे. बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले टॉप मोस्ट वांटेड गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और दिल्ली की दाऊद कहे जाने वाला टॉप बदमाश हाशिम बाबा के साथी प्रिंस तिवतिया का जेल में रोहित चौधरी गैंग से झगड़ा हुआ था। इसी बात को लेकर शुक्रवार को तिहाड़ जेल नंबर 3 में दोनों गुट भिड़ गए।

प्रिंस तेवतिया पर दनादन 7 से 8 बार चाकू मारा गया। जिसमें वह बुरी तरह जख्मी हो गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना में घायल अन्य कैदियों को डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जाता है कि तीन कैदी अस्पताल में भर्ती हैं जिनमें एक की हालत नाजुक है।

पुलिस ने बताया कि शाम 5.10 बजे तिहाड़ के जेल नंबर तीन में गैंगवॉर की सूचना मिली थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों से पूछताछ की और आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

2008 में प्रिंस तेवतिया के खिलाफ झगड़े का पहला केस दर्ज हुआ था। इसके बाद उसने अपराध जगत का चेहरा बनने की ठान ली। दरअसल, प्रिंस तेवतिया के पिता को किसी लड़के ने थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद प्रिंस ने लड़के की हत्या कर दी। 2010 में पुलिस ने उसे दिल्ली के अंबेडकर नगर इलाके में हत्या के इस मामले में गिरफ्तार किया। प्रिंस ने गिरफ्तारी के बाद खुद को नाबालिग साबित करने के लिए जाली कागजात पेश किए थे। साकेत थाने में कोर्ट के आदेश पर जालसाजी का भी मुकदमा दर्ज हुआ था।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh