फ्रांस ने धार्मिक कट्टरपंथ और चरमपंथ से निजात पाने के लिए नया फोरम बनाया

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फ्रांस ने धार्मिक कट्टरपंथ और चरमपंथ से निजात पाने के लिए एक नया फोरम बनाया है। द फोरम ऑफ इस्लाम इन फ्रांस में इस्लामी विद्वान, मौलवी और फ्रांसीसी सरकारी अधिकारी शामिल होंगे। बड़ी बात यह है कि इस फोरम में शामिल सभी लोगों की नियुक्ति फ्रांसीसी सरकार करेगी। यह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के फ्रांस में बढ़ते चरमपंथ और धार्मिक कट्टरता से छुटकारा पाने का एक प्रयास है।
द फोरम ऑफ इस्लाम का ऐलान
द फोरम ऑफ इस्लाम इन फ्रांस का नेतृत्व धार्मिक नेताओं और आम लोगों के हाथ में होगा। इस फोरम के सदस्य पश्चिमी यूरोप के सबसे बड़े मुस्लिम समुदाय का मार्गदर्शन करने में मदद करेंगे। इसके सभी सदस्यों को सरकार द्वारा चुना जाएगा और उनमें से कम से कम एक चौथाई महिलाएं होंगी। पिछले साल फ्रांस में कई आतंकी घटनाएं हुई थी। इसमें एक स्कूली शिक्षक का गला काटकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा चार्ली हेब्दो मैगजीन के ऑफिस के बाहर चाकूबाजी कर कई लोगों को घायल भी किया गया था।
समर्थक बोले, धार्मिक कट्टरता से देश को खतरा
फ्रांस पिछले कुछ साल से इस्लामी चरमपंथी हमलों का शिकार होता रहा है। बड़ी संख्या में फ्रांसीसी मुस्लिम सीरिया में इस्लामिक स्टेट में भी शामिल हुए थे। इसमें महिलाओं की संख्या भी काफी थी। ऐसे में फ्रांस का बड़ा तबका यह मानता है कि धार्मिक कट्टरता देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है। समर्थकों का कहना है कि यह देश और इसके 50 लाख मुसलमानों को सुरक्षित रखेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि फ्रांस में मुस्लिम प्रथाएं सार्वजनिक जीवन में धर्मनिरपेक्षता के देश के मूल्यों का पालन करें।
विरोधियों की दलील, सब चुनावी प्रपंच
वहीं, फ्रांस में बड़ी संख्या में लोग सरकार के इस कदम से असहमत भी हैं। आलोचकों का मानना है कि फ्रांस में 10 अप्रैल को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले दक्षिणपंथी मतदाताओं को लुभाने के लिए राष्ट्रपति मैक्रों की मध्यमार्गी पार्टी ने एक राजनीतिक चाल चली है। कई फ्रांसीसी मुसलमान जो धर्म को अपनी फ्रांसीसी पहचान का हिस्सा मानते हैं, उनका कहना है कि सरकार का यह पहल संस्थागत भेदभाव की ओर एक और कदम है। यह पूरे मुस्लिम समुदाय को कुछ के हिंसक हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराती है।
फ्रांसीसी काउंसिल ऑफ मुस्लिम फेथ की लेगा जगह
यह फोरम फ्रांसीसी काउंसिल ऑफ मुस्लिम फेथ की जगह लेगा। इस संगठन को 2003 में पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने स्थापित किया था। इस परिषद ने सरकार और धार्मिक नेताओं के बीच एक वार्ताकार के रूप में कार्य किया। पेरिस में आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण परिषद में शनिवार को फोरम का उद्घाटन किया गया। इसमें शामिल हुए फ्रांस के आंतरिक मंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने कहा कि हम राज्य और विश्वास के बीच संबंधों को फिर से शुरू कर रहे हैं। यह फ्रांस में इस्लाम की विविधता के अधिक खुले, अधिक समावेशी और अधिक प्रतिनिधित्व करेगा।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh