जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराए चार आतंकी, सर्च ऑपरेशन जारी

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कुलगाम (जम्मू-कश्मीर)। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम ज़िले के अखल इलाके में देर रात से चल रही भीषण मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने अब तक चार आतंकियों को मार गिराया है। सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की संयुक्त टीम इस ऑपरेशन अखल को अंजाम दे रही है।

यह एनकाउंटर शाम को उस समय शुरू हुआ जब सुरक्षाबलों को सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध आतंकी देवसर क्षेत्र के जंगलों की ओर छिपे हुए हैं। चारों ओर से घेरे जाने पर आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई की, जिससे यह मुठभेड़ शुरू हुई।

स्थानीय सूत्रों और सेना के अधिकारियों के अनुसार, सुबह 4 बजे तक करीब 20 मिनट तक लगातार फायरिंग होती रही। इसके बाद कुछ देर के लिए गोलीबारी थम गई, लेकिन सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी बनाए रखी। अंधेरा होने के कारण तलाशी अभियान को अस्थायी रूप से रोका गया था। जैसे ही सुबह का उजाला हुआ, तलाशी फिर से शुरू की गई और जंगल क्षेत्र में चार आतंकियों के शव बरामद किए गए।

मुठभेड़ स्थल पर अब भी सर्च ऑपरेशन जारी है। पूरे इलाके को सील कर तलाशी ली जा रही है ताकि कोई भी आतंकी भागने न पाए। देवसर और अखल के आस-पास के गांवों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और आम नागरिकों से अपने घरों में रहने की अपील की गई है।

इस ऑपरेशन से पहले शुक्रवार को ही अनंतनाग में तीन आतंकियों के मददगारों को भारी हथियारों के साथ पकड़ा गया था। साथ ही पुलवामा में एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया गया। माना जा रहा है कि ये सभी गतिविधियां एक समन्वित आतंकी नेटवर्क से जुड़ी हुई थीं।

सेना की विशेष यूनिट्स ने इस ऑपरेशन की बारीकी से योजना बनाई थी। गांव की बाहरी सीमा और जंगल क्षेत्र की ओर बढ़ते समय आतंकियों ने अचानक हमला किया, लेकिन सुरक्षाबलों की त्वरित प्रतिक्रिया ने उन्हें भागने का कोई मौका नहीं दिया। एनकाउंटर में आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया और गांववासियों को पूरी तरह सुरक्षित रखा गया।

सूत्रों के अनुसार, आतंकियों की संख्या अधिक भी हो सकती है हालांकि अब तक चार आतंकियों के शव बरामद हो चुके हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस क्षेत्र में अभी भी 2-3 आतंकी छिपे हो सकते हैं। इसलिए सुरक्षा बल अभी भी तलाशी अभियान को जारी रखे हुए हैं।

Dr. Bhanu Pratap Singh