चौ. उदयभान सिंह का साथ 57 वर्ष तक निभाया
चाहरवाटी के लठैत और संपन्न परिवार में जन्म हुआ
भरा-पूरा परिवार छोड़ा, दयालुता के किस्से सुना रहे लोग
जगनेर-तांतपुर रोड पर नौवां मील कृषि फार्म पर होगी अंत्येष्टि
डॉ. भानु प्रताप सिंह ‘चपौटा’
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Agra, Uttar Pradesh, Bharat, India. उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व राज्यमंत्री और फतेहपुर सीकरी के पूर्व विधायक चौधरी उदयभान सिंह की पत्नी श्रीमती शांति देवी का आज निधन हो गया। वे करीब 75 वर्ष की थीं। पिछले पांच माह से अस्वस्थ थीं। शांति देवी के निधन की सूचना मिलते ही शोक की लहर दौड़ गई। इसका कारण यह है कि चौ. उदयभान सिंह के निवास पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में आने वालों की आवभगत जैसे भोजन आदि की चिंता शांति देवी ही किया करती थीं। उन्होंने अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ा है।
श्रीमती शांति देवी को वर्ष 2019 में कैंसर हो गया था। एम्स दिल्ली में इलाज चला और पूरी तरह स्वस्थ हो गईं थीं। चिकित्सक की सलाह पर वर्ष 2017 से अन्न का सेवन नहीं कर रही हैं। सिर्फ पानी और दूध ले रही थीं। 18 जून, 2023 को फिर से कैंसर हो गया। 15 दिन सर गंगाराम हॉस्पिटल नई दिल्ली में भर्ती रहीं। फिर टाटा मेमोरियस हॉस्पिटल मुंबई में दो माह इलाज चला। 20 अगस्त, 2023 को मुंबई से आगरा ले आए। स्वस्थ हो गई थीं। घर पर हवन भी किया। दोबारा जांच के लिए मुंबई ले गए। नई दिल्ली में जी-20 की बैठक होने के करण मुंबई से कोई फ्लाइट नहीं मिली। इस कारण ट्रेन से आना पड़ा, जिससे समस्या बढ़ गई। कैंसर तो ठीक हो गया था लेकिन फेंफड़ों का संक्रमण बढ़ता ही गया। कोरोना काल में फेंफड़ों का संक्रमण हुआ था, जिसका दुष्प्रभाव मौत के रूप में सामने आया। पांच माह तक जीवन-मृत्यु के बीच संघर्ष करती रहीं। 10 दिन पहले अस्पताल से घर आ गई थीं। जयपुर हाउस स्थित आवास पर ही 23 अक्टूबर को प्रातः 5.10 बजे अंतिम श्वांस ली।
चाहरवाटी के प्रसिद्ध और संपन्न परिवार कुंवर जी पहलवान व सूरजमल के यहां शांति देवी का जन्म हुआ था। 22 फरवरी, 1966 को चौधरी उदयभान सिंह से विवाह हुआ। उन्होंने पांच पुत्रों को जन्म दिया- डॉ. संजीव पाल सिंह, राजीव पाल सिंह, मंजीत सिंह, अरविंद (आशू) और चौ. देवेन्द्र सिंह बैराठ (दीपू भाई)। मंजीत सिंह का असामयिक निधन हो गया, जिसकी टीस उन्हें जीवन भर रही। चौ. उदयभान सिंह ने दुग्ध, मिष्ठान्न, विद्यालय आदि का नाम अपनी पत्नी श्रामती शांति देवी के नाम पर रखा और सफलता अर्जित की।
चौधरी उदयभान सिंह ने बताया कि शांति देवी का अंतिम संस्कार 23 अक्टूबर को जगनेर-तांतपुर रोड पर शांति देवी कन्या इंटर कॉलेज, नौवां मील स्थित कृषि फार्म पर अपराह्न 3 बजे होगा। अंतिम यात्रा हसनपुरा, लोहामंडी स्थिति आवास से अपराह्न दो बजे प्रस्थान करेगी।
चौधरी उदयभान सिंह ने बताया कि मेरी पत्नी शांति देवी अत्यंत मृदुल, सौम्य और शांत स्वभाव की थीं। राजनीतिक में सक्रिय होने के बाद मैं घर से बाहर रहता था और घर के संभाला शांति देवी ने। आवास पर प्रतिदिन लोगों का आना-जाना लगा रहता था। उन्हें प्रेमपूर्वक भोजन कराती थीं। हर किसी के प्रति दयालु थीं। मेरे कई वाल्मीकि मित्र हैं, उनकी झूठी थाली उठाने में तनिक भी संकोच नहीं था। यहां तक कि नौकरों को भी अपनी थाली में खिलातीं और अपना पास सुलाती थीं। कोई महिला रोती हुई आ जाए और मदद मांगे तो उसकी हर तरह से मदद करती थीं।
मेरा अनुभव
श्रीमती शांति देवी को सब अम्मा कहते थे। उन्हें भोजन पकाने और खिलाने में आनंद की अनुभूति होती थी। घर में पर्याप्त संख्या में नौकर हैं, फिर भी बहुत सारे काम स्वयं करती थीं। जिसने भी उनके हाथ की खीर खा ली, स्वाद हमेशा याद रहा। चौ. उदयभान सिंह की 10 प्रकार के अनाज और औषधियों के आटे की रोटी खाते हैं। उन्होंने यह आटा मुझे भी दिया। घर के लिए खीर भी रख देती थीं। मुझे तो वे लल्लू कहकर पुकारा करती थीं।
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