FLW agra training

एफएलडब्लू ट्रेनिंग का हुआ आयोजन

PRESS RELEASE

-आशा, एनएमएम और आशा संगनी फ्रंटलाइन वर्कर्स को बताए कोविड-19 से सुरक्षा के साथ काम करने के उपाय

Agra (Uttar Pradesh, India)

स्वास्थ्य विभाग द्वारा यूनिसेफ , उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से शुक्रवार को अॉनलाइन माध्यम से संचार संवाद का आयोजन किया गया. जिसमे फ्रंटलाइन वर्कर आशा, एएनएम व आशा संगिनियों के साथ कोविड-19 एवं आरएमएनसीएचए व पोषण सेवाओं संबधित संचार चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए चर्चा की गई  इसमें आगरा जनपद की समस्त आशा, आशा संगिनी एवं एएनएम ने प्रतिभाग किया। इस कार्यशाला में सी एम् ओ, एसीएमओ आरसीएच, डीएचईआईओ, डीसीपीएम, यूपी टीएसयू, यूनिसेफ एवं सीफार के प्रतिनिधियों ने प्रशिक्षण दिया.

कार्यशाला की शुरूआत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय ने अपने स्वागत वचनों से की और कोविड-19 की इस लड़ाई को सुरक्षा के साथ आगे जारी रखने के लिये कहा। जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा अधिकारी अमित कुमार ने आगरा के भौगोलिक एवं पर्यावरणीय महत्व का जिक्र करते हुए बताया कि आगरा जिले में 15 बीसीपीएम, 10 एसीएमओ, 8 डिप्टी सीएमओ, 31 आयुष के चिकित्सक व दो दंत चिकित्सक तैनात हैं. इसके साथ ही जिले में 523 एएनएम लगातार फील्ड पर काम कर रही हैं. उन्होंने आगरा की कोविड-19 के दौर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गये प्रयासों की भी जानकारी दी. इसके पश्चात यूनिसेफ के दयाशंकर सिंह ने एफएलडब्लू को फील्ड पर कोविड-19 से खुद का बचाव रखते हुए कैसे दूसरों को जागरूक किया जाए और कोविड-19 से संबधित सेवाओं को कैसे आमजन तक सुरक्षित पहुंचाया जाए. इसके बारे में जानकारी दी. इस सेशन में कोविड-19 के बारे में सही जानकारी के महत्व, कोविड-19 से सुरक्षा के लिये बचाव, अपनी आदतों में बदलाव लाने और लक्षण आने पर जांच के लिये आगे आने के बारे में बताया गया।

कोविड-19 के साथ नई गाइडलाइन के साथ आरएमएनसीएचए सेवाएं भी जरूरी

लखनऊ से जुड़ीं यूपीटीएसयू की संचार विशेषग्य ने आरएमएनसीए सेवाओं पर भी जोर दिया। उन्होंने इस सेशन में बताया कि पहले से चली आ रही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की सेवाओं पर कोविड-19 के कारण ब्रेक लग गया, लेकिन अब इन्हें नई गाइडलाइन के तहत फिर से शुरू किया गया है। लगातार फील्ड पर काम करने वाली आशा,एएनएम व आशा संगिनियों को इस बारे में जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि कंटेनमेंट जोन को छोड़कर आरएमएनसीए सेवाएं शुरू कर दी गई हैं, बस इस दौरान कोविड-19 से बचाव के लिये जारी की गई गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है। इस सेशन में टीकाकरण, वीएचएनडी सत्र के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया।

स्वास्थ्य संचार है जरूरी

सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च की रंजना द्विवेदी ने इस सेशन में स्वास्थ्य संचार के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वास्थ्य संचार की अवधारणा को समझाते हुए उसे और रोचक बनाने की बात कही और बताया कि स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाए, एेसा संदेश सबमें फैलाना चाहिए। इसके बाद यू पी टी एस यू की विशेषग्य ने कोविड-19 के दौर में परिवार नियोजन से संबधित सेवाओं के महत्व को समझाया और बताया कि इस दौर में परिवार नियोजन सेवाओं को इस दौर में भी लगातार लोगों तक पहुंचाना जरूरी है, इससे हम इस मुश्किल दौर में आने वाले खतरे से बच सकते हैं। कार्यशाला के अंत में जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी अमित कुमार ने सभी सहयोगी संस्थाओं का इस महत्वपूर्ण कार्यशाला के धन्यवाद ज्ञापित किया और सीफार, यूपीटीएसयू, डब्लूएचओ, यूनिसेफ को स्वास्थ्य के क्षेत्र में चार स्तंभों की संज्ञा दी। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय, डीएचईआईओ अमित कुमार, यूनिसेफ से दयाशंकर सिंह, यूपीटीएसयू से डॉ. शालिनी रमन, सीफार से रंजना द्विवेदी व डीएमसी मधुलिका व समस्त सहयोगी संस्थाओं की टीम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल रहे। कार्यशाला में आगरा जनपद में फील्ड पर लगातार काम करने वाली एफएलडब्लू आशा, एएनएम व आशा संगिनियों ने प्रतिभाग किया।