Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। किसान की फसल पर विद्युत विभाग की भी नजर लगी हुई है। फसल अच्छी हुई तो विभाग अपने वसूली लक्ष्य को पूरा करने की उम्मीद पाले बैठा है। खरीफ की फसल पक कर तैयार है। कहीं कटाई शुरू हो चुकी है कहीं कहीं कटाई की तैयारी चल रही है। फसल बिकेगी तो किसानों की जेब में पैसा आएगा। जब जेब में पैसा होगा तो वसूली भी संभव है। इसी मौके का लाभ विद्युत विभाग उठाने की योजना में जुटा है।
अच्छी पैदावार होने की संभावना है, जनपद में लगभग 90 प्रतिशत खेती में धान और बाजरा है
खरीफ की फसल को मानसून की फसल भी कहा जाता है। इनका समय जून से सितम्बर तक का होता है। वर्षा जल का समय और मात्रा इस फसल के लिए बहुत महत्व रखती है, क्यूंकि इस बार अच्छी बरसात हुई है इस लिए खेतों में खडी धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, कपास, मूंगफली, गन्ना, हल्दी, दालें आदि की अच्छी पैदावार होने की संभावना है। मथुरा जनपद में लगभग 90 प्रतिशत खेती में धान और बाजरा है।
उपभोक्ताओं के कनेक्शन भी काटे जाएंगे जिनके उपर 10 हजार से ज्यादा का बकाया है
अधीक्षण अभियंता ग्रामीण विनोद गंगवार ने बताया कि सघंन बसूली अभियान के लिए कुल 357 गांव चुने गये हैं, जिनमें 100 से अधिक उपभोक्ता ऐसे हैं जिन्होंने एक साल से भुगतान नही किया है। इसके अलावा उन उपभोक्ताओं के कनेक्शन भी काटे जाएंगे जिनके उपर 10 हजार से ज्यादा का बकाया है। देहात क्षेत्र में 2 लाख 16 हजार उपभोक्ता हैं जिनमें से 1 लाख 6 हजार ने भुगतान नहीं किया है। कुल मिला कर पूरे जनपद में 395 करोड बिजली बकाया है जिनमें शहरी और ग्रामीण सभी तरह के उपभोक्ता सामिह हैं। सरकारी विभागों पर करीब 88 करोड की देनदारी बकाया चल रही है। इसके लिए भी संपर्क किया जा रहा है। ग्राम प्रधानों को बकायेदारों की सूची सौंप दी गई है। वहीं विभागीय सूत्रों का कहना है कि इन में से करीब 80 ग्राम प्रधान ऐसे हैं जिन्होंने खुद बिल जमा नहीं किया है। विभाग शुरूआती चरण में गांधीगीरी का सहारा ले रहा है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है और उन्हें बिल जमा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी के तहत अडूकी, मोहनपुर तथा मुडेसी में विभाग की ओर से बाइक रैली निकाली गई। दूसरे चरण में विभाग ऐसे बकायेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाही करेगा। विनोद गंगवार ने बताया कि उपभोक्ताओं की परेशानी को देखते हुए मौके पर ही बिल सही करने और मीटर नहीं होने पर तत्काल मीटर लगाने की भी व्यवस्था की गई है।
कोरोना काल में खेती बनेगी विद्युत विभाग का भी संबल
कोरोना काल में कृषि ही ऐसा सैक्टर रहा है जहां उतना हाहाकार नहीं है जिनता कि दूसरे सेक्टर में मचा हुआ है। खेती किसानी से जुडे लोगों की शिकायतें भी ज्यादा नहीं रही हैं। मानसून अच्छा रहा है, ऐसे में अगर उत्पादन भी ठीक रहता है तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। लोगों की जेब में पैसा आएगा। दूसरे कई सेक्टर से वसूली में परेशानी महसूस कर रहे विभाग को ग्रामीण उपभोक्ताओं से उम्मीद है।
चुनाव नजदीक, जोखिम से बचेंगे प्रधान
विद्युत विभाग ग्राम प्रधानों के जरिये वसूली का लक्ष्य हासिल करना चाहता है। दूसरी ओर ग्राम पंचायत चुनावों की सुगबुहाट शुरू हो गई है। जबकि 70 से 80 ग्राम प्रधान खुद ऐसे हैं जिन्होंने खुद लम्बे समय से बिल जमा नहीं किया है। वहीं सरकारी नलकूल और सरकारी स्कूल का बिल जमा ग्राम पंचायत के खाते से ही जमा होता है। ग्राम प्रधान यह बिल भी जमा नहीं कर रहे हैं। राजनीतिक नफानुकसान के चलते वह विभाग का साथ देने की स्थिति में भी नहीं है।
15 प्रतिशत तक लाइन लॉस आने पर मिलेगी 24 घंटे बिजली
अधीक्षण अभियंता ग्रामीण विनोद गंगवार ने बताया कि जिन क्षेत्रों में लाइन लॉस 15 प्रतिशत तक आ जाएगा उन क्षेत्रों को 24 घंटे बिजली की सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी। लाइन लॉस कम करने के लिए भी जनप्रतिनिधियों और खास कर ग्राम प्रधान और सचिव का सहयोग लिया जा रहा है। चैकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
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