आगरा। डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (डीबीआरएयू) एक बार फिर विवादों में है। विश्वविद्यालय की रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर गौतम जैसवार के खिलाफ पीएचडी छात्रा ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया है। न्यू आगरा थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर पर शादी का झांसा देकर छात्रा से बार-बार शारीरिक शोषण, भावनात्मक प्रताड़ना और करियर बर्बाद करने की धमकी देने के गंभीर आरोप लगे हैं।
बताया जा रहा है कि पीड़िता बीते दो साल से प्रोफेसर गौतम जैसवार के अंडर में पीएचडी कर रही है। छात्रा का आरोप है कि इसी दौरान प्रोफेसर ने उसे शादी का वादा करके कई बार शारीरिक संबंध बनाए। रिपोर्ट के अनुसार, प्रोफेसर अक्सर उसे तब बुलाते थे जब लैब या विभाग में कोई मौजूद नहीं होता था।
छात्रा ने तहरीर में कहा कि खजुराहो के एक होटल में भी प्रोफेसर ने उसके साथ शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया। इसके अलावा बरसाना में नाइट स्टे के दौरान भी यही हरकत दोहराई गई। जब छात्रा ने शादी की बात दोहराई तो प्रोफेसर ने टालमटोल शुरू कर दी और मानसिक रूप से परेशान करने लगे।
आरोप है कि सबूत मिटाने के लिए प्रोफेसर ने छात्रा का मोबाइल तोड़ दिया और जान से मारने की धमकी दी। छात्रा ने पुलिस को प्रोफेसर की कथित अश्लील बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सौंपी है, जिसकी फोरेंसिक जांच कराई जा रही है।
पुलिस जुटी जांच में, खजुराहो और बरसाना में भी होंगे साक्ष्य संकलन
न्यू आगरा पुलिस ने छात्रा की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और अब साक्ष्य एकत्र करने में जुटी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच टीम खजुराहो और बरसाना जाकर भी घटनास्थलों की पुष्टि कर सकती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रोफेसर की जल्द गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
विवि प्रशासन ने शुरू की आंतरिक जांच
मामले ने विश्वविद्यालय प्रशासन की साख पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कुलपति ने अपने स्तर पर जांच के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि यही प्रोफेसर कुछ माह पूर्व विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में “बेस्ट प्रोफेसर अवार्ड” से सम्मानित किए गए थे। अब सवाल उठ रहा है कि विवि ने इस सम्मान के चयन में क्या मानदंड अपनाए थे।
मामला दबाने की कोशिश, विजिलेंस जांच की आंच एक और प्रोफेसर तक
विश्वविद्यालय के सूत्रों का कहना है कि इस मामले को दबाने के लिए एक अन्य प्रोफेसर ने पर्दे के पीछे से काफी प्रयास किए। दिलचस्प बात यह है कि वही प्रोफेसर वर्तमान में विजिलेंस जांच के घेरे में हैं। आरोप है कि उन्होंने एक विषय में पीएचडी की, लेकिन किसी अन्य विषय में नियुक्ति प्राप्त की। विजिलेंस विभाग पहले से ही उनकी योग्यता और नियुक्ति से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रहा है।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
दो वर्ष पहले भी एक प्रोफेसर पर भी छात्रा ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों से विश्वविद्यालय की छवि धूमिल होती जा रही है। अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है कि आखिर उनकी बेटियां विश्वविद्यालय में कितनी सुरक्षित हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस दोनों स्तरों पर जांच जारी है। फिलहाल प्रोफेसर गौतम जैसवार फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि ठोस साक्ष्य मिलने के बाद जल्द ही गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।
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