जान की परवाह न करते हुए कार्य कर रहे डेंटल सर्जन

HEALTH NATIONAL

Chandigarh (Capital of Haryana, India) प्रदेश के डेंटल सर्जन फ्रंटलाइन कोरोना योद्धा बने हुए है जिसमें उनको मुख्य रूप से कोविड-19 संभावित मरीजों के सैंपल, आइसोलेशन वार्ड, रैपिड रिस्पांस टीम, क्वॉरेंटाइन सेंटर इंचार्ज, शेल्टर होम में मरीजों की जांच, फ्लु एवं फीवर ओपीडी इमरजेंसी ड्यूटी हॉस्पिटल कोविड नोडल ऑफिसर इत्यादि की ड्यूटी आ निभा रहे हैं। हरियाणा सिविल डेंटल सर्जन एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. इंद्रजीत यादव ने बताया कि डेंटल सर्जन अपनी जान की परवाह ना करते हुए 45 डिग्री तापमान में पीपीई किट पहनकर सैंपल कलेक्शन का कार्य कर रहे हैं जो काबिले तारीफ है। लगातार कई घंटे तक पीपीई के पहनने के कारण अत्यधिक पसीना आता है तथा डिहाइड्रेशन हो जाती है और कई जगह पर बेहोश तक होकर डॉक्टर गिर जाते हैं लेकिन फिर भी इस  अदृश्य दुश्मन को हराने के लिए डेंटल सर्जन एवं अन्य हेल्थ केयर वर्कर दिन रात एक किए हुए हैं हम उनके जज्बे को सलाम करते हैं।

हाई रिस्क जोन में डेंटल सर्जन

कोरोनावायरस से फैली महामारी के कारण देश प्रदेश के सभी डेंटल सर्जन को हाई रिस्क जोन में माना गया है क्योंकि उनको ओरल कैविटी के अंदर काम करना पड़ता है। कोरोना वायरस के कारण यह जोखिम अत्यधिक बढ़ गया है आज के दिन डेंटल पेशेंट को एग्जामिनेशन करना भी हाई रिस्क कैटेगरी में आता है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा डेंटल ओपीडी प्राइवेट डेंटल क्लिनिक्स पीएचसी सीएचसी के लिए विशेष गाइडलाइन जारी की गई थी। उन गाइडलाइन के हिसाब से डेंटल ओपीडी में मूलभूत सुविधाओं को बदलना था सेफ्टी मेजरस अपनाने थे, जोकि स्वास्थ्य विभाग हरियाणा में अभी तक सही ढंग से लागू नहीं किया गया है। सिर्फ एडवाइजरी जारी की गई है लेकिन फील्ड में वह अभी तक एडवाइजरी बनकर ही रह गई है।

सेफ्टी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता

हरियाणा सिविल डेंटल सर्जन एसोसिएशन के राज्य प्रधान डॉ. इंद्रजीत यादव ने बताया कि डेंटल सर्जन की सेफ्टी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हम स्वास्थ्य विभाग के सभी उच्च अधिकारियों से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के हिसाब से डेंटल ओपीडी में मॉडिफिकेशन करवाया जाए ताकि परेशान हो रहे डेंटल मरीजों को जरूरी सलाह दी जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 19 मई को यह एडवाइजरी जारी की थी उसी को फॉलो करते हुए 22 मई को महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा द्वारा एडवाइजरी तो जारी की गई। लेकिन ग्राउंड लेवल पर फील्ड में यह सब मॉडिफिकेशन नहीं हो पाया है, जिसके कारण डेंटल ओपीडी बाधित हो रखी है।