दिल्ली पुलिस ने राकेश टिकैत को हिरासत में लिया – Up18 News

दिल्ली पुलिस ने राकेश टिकैत को हिरासत में लिया

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एक बार फिर दिल्ली में किसान आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इस बार दिल्ली पुलिस पहले से अलर्ट है। देशभर से किसान जंतर-मंतर पर जुटने वाले हैं। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा टिकरी सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। किसान नेता राकेश टिकैत को आज दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वो जंतर-मंतर में मौजूद किसानों से मिलने जा रहे थे। तभी दिल्ली पुलिस ने उनको हिरासत में लिया है। राकेश टिकैत ने ट्वीट कर दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया है।

22 तारीख को जंतर-मंतर में आंदोलन का ऐलान

किसानों ने सोमवार यानी 22 अगस्त को दिल्ली में आंदोलन का आवह्न किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब ने किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। किसानों ने दिल्ली पहुंचना शुरू कर दिया है। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने अपनी लंबित मांगों के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए गुरुवार 18 अगस्त को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से 75 घंटे के धरने की शुरुआत करने की घोषणा की थी।

राकेश टिकैत ने जारी किया वीडियो संदेश

एक वीडियो संदेश में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि क्या दिल्ली में किसानों का प्रवेश बैन है? उन्होंने कहा कि क्या कोई हरा गमछा और चद्दर ओढ़ कर दिल्ली में जा नहीं सकता? राकेश टिकैत ने वीडियो संदेश में बताया है कि वो जंतर-मंतर में हो रहे आंदोलन में जा रहे थे। वहां बेरोजगारी पर आंदोलन चल रहा था। राकेश टिकैत आगे कहते हैं कि वो कोई भी पॉलिटिकल आंदोलन नहीं है और ना ही मेरे बैनर में हो रहा है।

भारतीय किसान यूनियन की युवा विंग के अध्यक्ष तथा राकेश टिकैत के भतीजे गौरव टिकैत ने उनकी गिरफ्तारी की खबर की पुष्टि की। भाकियू अब थानों के घेराव की योजना बना रही है। गौरव टिकैत ने कहा कि वह अभी बागपत हैं ओर सिसौली वापस लौट रहे हैं। वहीं आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

अभी एक दिन के प्रदर्शन के लिए आए हैं: किसान

किसानों के कहना है कि सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी की है। बिना किसान संगठनों से बात किये बिजली बिल 2022 लाया गया जिससे किसानों को मिलने वाली सस्ती बिजली खत्म करने की साजिश रची गई है। वही, एमएसपी भी उनको नहीं दी गई और ना ही लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के साथ न्याय हुआ है। किसानों का कहना है कि अभी वो दिल्ली बॉर्डर पर पक्के मोर्चा लगाने नहीं आये हैं अभी तो एक दिन के प्रदर्शन के लिए आये हैं। ताकि, सरकार को चेताया जा सके।

एसकेएम में शामिल 40 संगठन

एसकेएम किसानों का एक ग्रुप है, जिसमें लगभग 40 कृषि संगठन शामिल हैं। जो मुख्य रूप से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के उचित कार्यान्वयन की मांग करते हैं। इससे पहले 31 जुलाई को पंजाब के किसानों ने अमृतसर, बठिंडा के वल्लाह में रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया था और अपनी मांगों को पूरा नहीं करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ अंबाला, पंचकूला के बरवाला और कैथल के चीका में शंभू टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया था।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh