नूपुर शर्मा मामले में दिल्ली पुलिस ने दर्ज कीं दो अलग-अलग FIR

नूपुर शर्मा मामले में दिल्ली पुलिस ने दर्ज कीं दो अलग-अलग FIR

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दिल्ली पुलिस ने सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप में और भड़काऊ बयानों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हुए FIR दर्ज की है. दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी है.
दिल्ली पुलिस के ट्वीट के मुताबिक़ सोशल मीडिया पर मौजूद पोस्ट्स को देखने और उनका विश्लेषण करने के बाद इन मामलों में लगने वाली धाराओं के आधार पर दो एफ़आईआर दर्ज की गई हैं.
इनमें से एक एफ़आईआर नूपुर शर्मा से जुड़ी हुई है और दूसरी एफ़आईआर अलग-अलग सोशल मीडिया अकाउंट्स के ख़िलाफ़ है.
इस संबंध में शामिल यूज़र्स और उनके अकाउंट्स की जांच के लिए नोटिस भी भेजे जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करके सभी से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी तरह के भड़काऊ बयान को पोस्ट ना करें, जिससे सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचे.
इससे पहले मुंबई पुलिस ने आईपीसी की धारा 153ए, 295ए और 505(2) के तहत बीजेपी की प्रवक्ता नुपूर शर्मा के खिलाफ़ मामला दर्ज किया है. एक टीवी इंटरव्यू के दौरान नूपुर शर्मा ने पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ यह कार्रवाई की गई है.
मुंबई पुलिस ने यह मामला एक मुस्लिम सामाजिक संस्था रज़ा एकेडमी की शिकायत पर दर्ज किया है.
क्या है पूरा मामला?
नूपुर शर्मा ने टाइम्स नाउ के एक पैनल में हिस्सा लिया था. यह डिबेट ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर की जा रही थी. नूपुर शर्मा ने अपनी बारी आने पर कुछ ऐसा कह दिया जिससे विवाद छिड़ गया.
नूपुर पर आरोप हैं कि उन्होंने पैगंबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की जा रही है.
विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी ने कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया.
बीजेपी ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि “पार्टी ऐसी किसी भी विचारधारा के बिल्कुल ख़िलाफ़ है, जो किसी संप्रदाय या धर्म का अपमान करती है.” साथ ही बीजेपी ने लिखा, “वह सभी धर्मों आदर करती है और किसी भी धार्मिक महापुरुष के किसी अपमान का पुरज़ोर निंदा करती है.”
नूपुर शर्मा की इस टिप्पणी पर भारतीय मुसलमानों और 12 से अधिक देशों में आपत्ति जताई है.
माफ़ी भी मांगी
पार्टी से निलंबित किए जाने के बाद नूपुर शर्मा ने एक बयान जारी किया और कहा कि वो “बिना शर्त” अपनी टिप्पणी वापस ले रही हैं. हालांकि उन्होंने अपनी टिप्पणी को सही ठहराते हुए ये भी दावा भी किया कि “मेरे सामने बार-बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिवजी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आकर कुछ बातें कह दीं.”
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh