लखनऊ। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के पूर्व कार्यवाहक कुलपति और छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक की याचिका पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। अब कल यानी गुरुवार की दोपहर दो बजे इसका फैसला सुनाया जाएगा। कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे तक बहस चली है जिसमें पाठक की तरफ़ से वरिष्ठ वकील एलपी मिश्र के नेतृत्व में वरिष्ठ वकीलों ने पैरवी की, AAG विनोद शाही, जयदीप माथुर ने सरकार का पक्ष रखा।
प्रोफेसर विनय पाठक पर लखनऊ के इंदिरा नगर में रंगदारी मांगने और मारपीट के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके बाद आज सोमवार को एसटीएफ आगरा विश्वविद्यालय पहुंची। और करीब दो घंटे तक रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार कार्यालय में कर्मचारियों से पूछताछ की। वहीं रंगदारी वाले मामले में प्रोफेसर विनय पाठक के साथ सम्मिलित आरोपी अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी। जस्टिस राजेश सिंह चौहान एवं जस्टिस विवेक कुमार सिंह की पीठ के समक्ष बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई नियत की गई थी।
प्रोफेसर विनय पाठक की ओर से दाखिल याचिका में उनके खिलाफ थाना इंदिरा नगर में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी। साथ ही गिरफ्तारी पर तत्काल रोक लगाने की गुजारिश भी याचिका में की गई थी।
बीते 29 अक्टूबर को यह एफआईआर डेविड मारियो डेनिस ने इंदिरा नगर थाने में दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति रहने के दौरान प्रोफेसर विनय पाठक व एक अन्य अभियुक्त ने उसकी कम्पनी द्वारा किए गए कार्यों के भुगतान के लिए उससे 15 प्रतिशत कमीशन वसूला था। उससे कुल एक करोड़ 41 लाख रुपये की जबरिया वसूली की गई है। एफआईआर में अभियुक्तों से अपनी जान को खतरा भी बताया है।
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