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आगरा का सैन्य हवाई अड्डा और मिस्टर जीएस मग्गो, पढ़िए रोचक कहानी

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Agra, Uttar Pradesh, India. आगरा सैन्य हवाई अड्डा 1938 के आसपास बनाया गया था। टाटा के द्वारा रखरखाव किया जाता था। इसी कारण आगरा सैन्य हवाई अड्डे के एक गेट का नाम टाटा गेट के नाम से रखा गया है। शुरू में टाटा द्वारा आगरा- मुंबई-कराची, कराची-मुंबई-आगरा डाक सेवा  की जाती थी। काफी समय तक रेलवे लाइन और पेट्रोलियम की सप्लाई सीधे सैन्य हवाई अड्डे तक उपलब्ध थी।

आगरा का सैन्य  हवाई अड्डा इंडियन एयर फोर्स का और एशिया में सबसे बड़ा एयरबेस है। इसमें ढाई सौ ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और 6000 से ज्यादा कर्मचारी तैनात हैं। इस सैन्य हवाई अड्डा ने एयर मार्शल तक दिए हैं जिन्होंने देश की सुरक्षा में अपना बड़ा महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आगरा सैन्य हवाई अड्डे का सेकंड वर्ल्ड वॉर के समय एयरड्राप नाम था। सहालाँकि सेकंड वर्ल्ड वॉर खत्म होने के बाद रॉयल इंडियन फोर्स ने इसका इस्तेमाल करना बंद कर दिया था।

आगरा सैन्य हवाई अड्डा ने द्वितीय विश्व युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह एयरबेस स्टैटिकल कार्य करता हैं। वर्ष 1942 में जापान से लड़ने के लिए अमेरिका विमान इस एयरबेस को सप्लाई और मेंटेनेंस के लिए इस्तेमाल करता था। आज भी यह एयरबेस स्टैटिकल, फ्यूल सप्लाई व मेंटेनेंस का महत्वपूर्ण काम करता है। देश के पहले पैराट्रेनिंग सेंटर की स्थापना यहीं की गई । आगरा सैन्य हवाई अड्डा देश की पैरा ड्रॉपिंग सिखाने के लिए देश भर में जाना जाता है। यह हवाई अड्डा आसमान में ही फ्यूल सप्लाई कर सकता है।

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश के चार इंटरनेशनल लेवल क़े एयर फोर्स स्टेशन की स्थापना कराई थी, इसमें आगरा का एयरबेस का शिलान्यास चौथी विंग के रूप वर्ष 1948 में सरदार बलदेव सिंह तत्कालीन रक्षा मंत्री ने किया था। इसी वर्ष रॉयल वायु सेना से भारतीय वायु सेना नाम हुआ। इसके बाद यहां पर डेवलपमेंट का काम शुरू हुआ और आज यह एशिया का सबसे विशाल एयरबेस बन चुका है।

 वर्ष 1971 में जब पाकिस्तान से युद्ध के दौरान उसके विमानों ने आगरा में बमबारी की थी और एक हवाई पट्टी को क्षतिग्रस्त कर दिया था उसी समय आगरा के ठेकेदार मिस्टर जीएस मग्गो के पिताजी जी ने रात की रात उस हवाई पट्टी को न केवल दुरुस्त किया बल्कि हवाई जहाज उड़ा कर और वहां के मौजूद एंटी एयरक्राफ्ट गन ने लगातार फायर करके पाक विमानों को वहां से भागने पर मजबूर कर दिया था। इन्हीं मग्गो साहब के पिताजी ने आगरा हवाई अड्डा के निर्माण में शुरू से योगदान दिया है।

आज भी मिस्टर जीएस मग्गो प्रत्यक्षदर्शी के रूप में अपने अनुभव बताते हैं कि किस तरीके से पट्टी क्षतिग्रस्त हुई और किस तरीके से उन लोगों ने उसको मेहनत से बनाया। अर्जुन नगर गुरुद्वारा की नींव एयर कमोडोर मिस्टर जहांगीर ने रखी थी। उन्हीं के कहने पर मिस्टर मग्गो के परिवार ने तीन कमरे से एयर फोर्स स्कूल की शुरुआत कराई थी जो आज एक नामी स्कूल की श्रेणी में आता है.

आगरा हवाई अड्डे की गाथाओं की फेहरिस्त लम्बी है लेकिन सभी गाथाओं को यहां पर देने से अनेक सुरक्षा दृष्टिकोण से उचित नहीं होगा। आने वाले दिनों में सेना हवाई अड्डे पर खतरों को देखते हुए आगरा –लखनऊ एक्सप्रेस वे को भी लड़ाकू विमानों के उतरने लायक बनाने की कोशिश कर रहा है। यदि किसी वजह से युद्ध के दौरान रनवे बंद हो जाएं तो ऐसी स्थिति में विमानों को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर उतारा जा सके ताकि इसमें फ्यूल और हथियार फिर से लोड किए जा सकें।

आगरा हवाई अड्डा इसका ICAO कोड है VIAG और IATA कोड है AGR। यह एक सैन्य हवाई अड्डा है। इसकी प्राणी यांत्रिक नहीं है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 9000 फीट है।

आगरा हवाई अड्डा आसमान में दुश्मनों के ऊपर नजर रखने वाला सैन्य हवाई अड्डा है। यहां विमान पर अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल (अवॉक्‍स) भी तैनात हैं ।इसकी खासियत है यह आसमान में 400 किलोमीटर दूर तक की गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं। पाकिस्तान हो या चीन, भारत में रहकर ही इनकी हवाई निगरानी की जा रही है। आगरा एयरबेस पर आईएल-76, एएन-32, सी-17, सी-124 जहाजों का बेड़ा है। आगरा वायु सैन्य स्थल में एक सिनेमाघर है जो ब्लू बर्ड के नाम से जाना जाता है। साथ ही एक संग्रहालय है, जिसमें देश भर के सैन्य हीरो व उपकरणों की तस्वीरें देखने को मिल सकती है।

rajiv gupta
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15 अगस्त को आगरा एयर फोर्स स्टेशन का स्थापना दिवस है।

राजीव गुप्ता ‘जनस्नेही’

लोकस्वर, आगरा