आगरा: मोहब्बत की निशानी ताजमहल के दीदार के लिए गुरुवार को पर्यटकों का सैलाब उमड़ पड़ा। आलम यह था कि कोविड की गाइडलाइन की तो धज्जियां उड़ ही रही थी वहीं सामाजिक दूरी भी तार-तार हो रही थी। पर्यटकों की भीड़ के चलते व्यवस्थाएं इस तरह धराशाई हुई कि लोग भीड़ में दबने लगे। सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना तो छोटे-छोटे मासूमों और फिर उसके बाद आधी आबादी को उठाना पड़ा। भीड़ का दबाब इतना बढ़ गया कि मासूमों की चीख निकलने लगी तो मासूमों के अभिभावकों ने उन्हें बचाने के लिए कंधों पर बैठा लिया।
मासूमों की निकली चीख तो कंधों पर बैठाया मासूमों को:-
इस समय बच्चों की स्कूलों की छुट्टियां पड़ गई है तो लोगों ने घूमने का मन बना लिया है इसी के चलते ताजमहल पर पर्यटकों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। काफी पर्यटक तो 2022 को विदाई और नए साल का जश्न के लिए भी मोहब्बत की नगरी पहुँच रहे है। गुरुवार को ताजमहल पर सुबह से पर्यटकों का पहुंचना शुरू हो गया था। ताजमहल के पश्चिमी गेट पर पर्यटकों की लाइन लगी थी। दोपहर तक हजारों की संख्या में पर्यटक ताज के दीदार के लिए लाइन में नजर आने लगे। पर्यटकों की लंबी लाइनें देखकर एएसआई और प्रशासन की व्यवस्थाएं भी धराशाई हो गईं। ताज में प्रवेश के लिए लंबी लाइन लग गई। भीड़ के दवाब के चलते धक्का मुक्की होने लगी। इसमें महिला और बच्चे बुरी तरह से परेशान हुए। बच्चे भीड़ के बीच फंस गए। बच्चे रोने लगे। ऐसे में बच्चों को बचाने के लिए अभिभावकों को उन्हें गोद में या कंधे पर बैठा लिया। कंधे पर बैठने के बाबजूद भी मासूम रोते और बिलखते रहे। इन मासूमों की यह तस्वीरें कैमरे में भी कैद हुई। इन तस्वीरों ने पूरी तरह से ताजमहल पर एएसआई और प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी।
पर्यटकों ने कहा कि एंट्री गेट की संख्या बढ़ाई जाए:-
अपने मासूमों को गोद में या फिर कंधे पर बिठाए हुए पर्यटकों से बात हुई तो उनका कहना था कि भीड़ इतनी है कि लोग एक के ऊपर एक गिरने को मजबूर हैं क्योंकि हर कोई चाहता है कि वह जल्दी से ताज में प्रवेश करें और मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार करके वापस लौट जाए। वह भी ताज के दीदार के लिए आए हुए हैं लेकिन भीड़ के दबाव ने उनको बेहाल कर दिया है मासूम बच्चे भी इस भीड़ और उसके दबाब के चलते रोने व बिलखने लगे हैं ऐसे में मजबूरन बच्चों को बचाने के लिए कंधे पर बैठाना पड़ रहा है।
भीड़ को देखकर काफी लोगों ने तो नहीं खरीदा टिकट:-
कुछ ऐसी पर्यटकों से भी वार्ता हुई जो टिकट विंडो के पास खड़े हुए थे लेकिन टिकट नहीं खरीद रहे थे। उन लोगों से जब पूछा गया कि आप इतनी देर से खड़े हैं लेकिन टिकट क्यों नहीं खरीद रहे तो उनका साफ तौर से कहना था कि पर्यटकों की इतनी लंबी लंबी लाइनें लगी है। धक्का-मुक्की हो रही है। टिकट खरीद भी लेंगे तो 3 घंटे से पहले प्रवेश भी नहीं कर पाएंगे। ऐसे में वह ताज का सही से भ्रमण व दीदार नही कर सकेंगे। फिलहाल भीड़ को देखकर ताज को देखने की हिम्मत ही नहीं हो रही है
बुधवार को हुआ था हंगामा
बुधवार को ताजमहल पर पर्यटकों ने टिकट न मिलने पर हंगामा किया था। टिकट विंडो पर लाइन लगने के कारण घंटों में टिकट मिल पा रही थी। ऐसे में पर्यटकों ने हंगामा कर दिया था। पर्यटन पुलिस ने समझा बुझाकर पर्यटकों को शांत कराया था।
आगामी दिनों में और बढ़ेगी मुश्किले:-
गुरुवार को ताजमहल पर भारी भीड़ उमड़ी। शनिवार और रविवार को और ज्यादा भीड़ रहने की संभावना है। पिछले सालों में नए साल पर भीड़ की तुलना करें तो इस बार करीब एक लाख पर्यटक के आने की उम्मीद है। ऐसे में अगर ताजमहल पर व्यवस्थाएं दुरुस्त न की गई तो पर्यटकों को परेशानी झेलनी पडे़गी। लगातार पर्यटकों की बढ़ रही भीड़ ने एएसआई और स्वास्थ्य विभाग दोनों की नींद उड़ा दी हैं दोनों मजबूर है। कैसे वह पर्यटकों के लिए व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें तो स्वास्थ विभाग चिंतित है कि वह बढ़ती संख्या के बीच कैसे उनकी RT-PCR की जांच कर सकेगा।
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