यमुना एक्प्रेस वे पर ’अपराध, हादसों को कम करने को बनेंगे तीन यातायात थाने

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाओं की भयावहता लोगों को डराने लगी है। नये साल की पहली तारीख की सुबह ही एक्सप्रेस वे पर दो दर्दनाक सडक हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई थी। दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने और घयलों को जल्द से जल्द मदद मुहैया कराने की कवायद के तहत तीन पुलिस थाने यमुना एक्सप्रेस वे पर खोलने की प्रक्रिया चल रही है। इनके लिए जगह तलाशी जा रही है। ये तीनों थाने मथुरा जनपद की सीमा में होंगे और नोएडा से आगरा तक का क्षेत्र इनके अंतर्गत आयेगा। इन तीनों थानों के  लिए फरह, रिफाइनरी और छाता क्षेत्र में जमीन चिन्हित की जा रही है।

यातायात थाना नौहझील की सीमा नोएडा और यातायात थाना फरह की सीमा आगरा तक होंगे

हालांकि अभी भी मथुरा के सात थाने यमुना एक्सप्रेस वे की सीमा में पडते हैं जिनमें थाना नौहझील, कोतवाली सुरीर, थाना मांट, थाना जमुनापार, कोतवाली राया, थाना महावन, थाना बलदेव शामिल हैं। इन्हें यातायात थाने के नाम से जाना जाएगा। यातायात थाना नौहझील की सीमा नोएडा और यातायात थाना फरह की सीमा आगरा तक होंगे। पुलिस अधीक्षक यातायात कमल किशोर के मुताबिक प्रस्तावित थानों के लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है। जमीन मिलने के बाद ही थानों के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। इस साल में यह पूरा हो जाएगा। 
गिरोह वारदात करने के लिए एक्सप्रेस वे के किनारे खड़े होकर शिकार की तलाश करते हैं

यमुना एक्सप्रेस का करीब 67 किलोमीटर का सफर मथुरा की सीमा से होकर गुजरता है। आगरा से नोएडा तक के 160 किलोमीटर के यमुना एक्सप्रेसवे पर एक्सल गिरोह, लिफाफा गैंग, जहरखुरान गिरोह, ड्राइवर किलर गिरोह, टटलू का गिरोह, बाइकर्स गिरोह के बदमाश सक्रिय रहते हैं। इन गैंग के सदस्य एक्सप्रेस वे के किनारे खड़े होकर शिकार की तलाश करते हैं। हर गिरोह का वारदात करने का तरीका भी अलग-अलग है। अब पुलिस भी लोगों को इन गिरोह के बारे में जानकारी दे रही है ताकि लोग इनके जाल में न फंस सकें। जहरखुरान गिरोह के सदस्य आमतौर पर ढाबों के आसपास दिखते हैं। या फिर लिफ्ट लेकर गाड़ी में चढ़ जाते हैं। किसी बहाने से चालक को खाने के लिए बिस्कुट या चॉकलेट देते हैं। इन्हें खाते ही चालक बेहोश हो जाते हैं। बस चालक के साथ लूटपाट कर ली जाती है। कई बार गाड़ी को लूटकर ले जाते हैं और चालक को फेंक जाते हैं। सडक हादसों के लिए यमुना एक्सप्रेस वे कुख्यात हो चुला है। सडक हादसों में घायल होने वालों को अगर समय से उपचार मिल जाये तो कुछ की जान बचाई जा सकती है।

Dr. Bhanu Pratap Singh