जेल में हर कैदी को उसके नाम नहीं बल्कि कैदी नंबर से जाना जाता है। वहीं जेल पहुंचते ही कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू अब कैदी नंबर 241383 हो गए हैं। सिद्धू को जेल को काम के बदले 30 से 90 रुपए रोजाना मिलेंगे। उन्हें सेंट्रल जेल में 10×15 की कोठरी अलॉट की गई है। इस बैरक में सिद्धू के साथ चार और कैदी भी हैं। इन कैदियों में दो पूर्व पुलिसकर्मी हैं और दो आम नागरिक हैं जो अलग-अलग अपराधों की सजा काट रहे हैं। हालांकि अब सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक सिद्धू के बैरक में बदलाव किया गया है। सिद्धू को पहले बैरक नंबर 7 अलॉट की गई थी, जिसे बदलकर अब बैरक संख्या 10 कर दिया गया है।
ज्ञात रहे कि पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुना दी है। सिद्धू को यह सजा 34 साल पुराने रोडरेज मामले में दी गई है। इससे पहले सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ रोडरेज मामले में दायर पुनर्विचार याचिका खारिज करने का अनुरोध किया था। सिद्धू ने पुनर्विचार याचिका के जवाब में कहा था कि यह घटना 34 साल पहले की है और विचारणीय नहीं है। वहीं अब सजा होने के बाद सिद्धू का कहना है कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं।
धुर विरोधी बने जेल में पड़ोसी
सिद्धू को जेल में जो जगह अलॉट की गई है। वहीं पास में ही शिरोमणि अकाली दल के नेता व धुर विरोधी बिक्रम सिंह मजीठिया भी हैं। गौरतलब है कि मजीठिया और सिद्धू राजनीतिक तौर पर एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं।
मुश्किल से कटी पहली रात, नहीं खाया खाना
सूत्रों के मुताबिक जेल पहुंचने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने पहली रात खाना नहीं खाया। इससे पहले सिद्धू ने शुक्रवार शाम को मेडिकल टेस्ट के दौरान ही खाना खाया था। सिद्धू को जेल में आम कैदियों की तरह ही रखा गया है और उन्हें किसी प्रकार की कोई खास सुविधा नहीं दी गई है। जिसे लेकर आज उनका जेल में ही टेस्ट भी हो सकता है। सिद्धू को शुक्रवार रात जेल की लाइब्रेरी के आहते में रखा गया था।
वकील ने खाने-पीने को लेकर किया आवेदन
सिद्धू के पटियाला कोर्ट के वकील एचपीएस वर्मा के मुताबिक “जेल ले जाने से पहले उन्होंने खाना खाया था। हमने जेल में सिद्धू की चिकित्सा आवश्यकताओं का हवाला देते हुए एक आवेदन दिया है क्योंकि वह गेहूं, मांसाहारी भोजन, घी और चीनी का सेवन नहीं कर सकते। वह डबलटोन दूध ले सकते हैं।”
जेल में सिद्धू को मिला ये सामान
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को जेल में एक टेबल, एक कुर्सी, दो पगड़ी, एक अलमारी, एक कंबल समेत तीन सेट अंडरवियर, दो तौलिए, एक मच्छरदानी, एक पेन, एक नोटबुक और एक जोड़ी जूते दिए गए हैं। इसके साथ ही सिद्धू को पटियाला सेंट्रल जेल में दो चादरें, चार जोड़ी कुर्ता-पायजामा और दो तकिए के कवर भी दिए गए हैं।
कौन सी घटना बनी सिद्धू के जेल जाने की वजह?
सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1988 रोड रेज केस में एक साल जेल की सजा सुनाई है। यह घटना तब की है जब सिद्धू एक क्रिकेटर हुआ करते थे और उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर शुरू हुए एक साल ही हुआ था। नवजोत सिंह सिद्धू की उम्र उस वक्त 25 साल की थी। सिद्धू ने पटियाला में 27 दिसंबर 1988 की दोपहर गुरनाम सिंह(65) से हुए कार पार्किंग के मामूली विवाद में उनके सिर पर मुक्का मार दिया था। उसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इस विवाद के वक्त सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में थे।
-एजेंसियां
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