कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को अपने सहयोगी कपिल सिब्बल पर पार्टी के “खिलाफ” बोलने को लेकर पलटवार किया। यही नहीं, सिब्बल की टिप्पणी के लिए उन पर भाजपा और आरएसएस की भाषा बोलने का आरोप लगाया। दरअसल, हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के भीतर की आंतरिक कलह पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के उस बयान से एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है जिसमें उन्होंने कहा है कि गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़कर किसी दूसरे नेता को मौका देना चाहिए।
राहुल गांधी के कट्टर वफादार माने जाने वाले मनिकम टैगोर ने कहा कि आरएसएस और भाजपा चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी को खत्म करने और भारत के विचार को नष्ट करने के लिए गांधी नेतृत्व की स्थिति से बाहर हो जाएं।
पार्टी के वरिष्ठ नेता सिब्बल ने अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए साक्षात्कार में कहा है कि गांधी परिवार को कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व से अलग होना चाहिए और किसी अन्य को मौका देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह ‘घर की कांग्रेस’ नहीं, बल्कि ‘सबकी कांग्रेस’ चाहते हैं।
कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के सदस्य सिब्बल ने यह टिप्पणी कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दो दिनों बाद की। सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए कहा था कि वह संगठनात्मक चुनाव पूरा होने तक पद पर बने रहें और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं।
लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने सिब्बल की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘‘आरएसएस और भाजपा क्यों चाहते हैं कि नेहरू-गांधी नेतृत्व से अलग हो? क्योंकि गांधी परिवार के नेतृत्व के बिना कांग्रेस, जनता पार्टी बन जाएगी। इस तरह से कांग्रेस को खत्म करना आसान होगा और फिर से आइडिया ऑफ इंडिया (भारत के विचार) को खत्म करना आसान होगा। कपिल सिब्बल यह जानते हैं, लेकिन वह आरएसएस/भाजपा की भाषा क्यों बोल रहे हैं?’’
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सिब्बल पर प्रहार करते हुए कहा कि ऐसे नेताओं को पार्टी के मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ रोजाना बयानबाजी करने की बजाय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना चाहिए। खेड़ा ने कहा कि ‘‘कपिल सिब्बल, डॉक्टर हर्षवर्धन (भाजपा नेता) ने आपसे नहीं कहा था कि चांदनी चौक से अलग हो जाइए। वह चुनाव लड़े और आपको पराजित किया। जो लोग कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहते हैं वह मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ रोजाना बोलने की बजाय पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं।’’
खेड़ा का संकेत दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट पर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में हर्षवर्धन द्वारा सिब्बल को पराजित किए जाने की ओर था। कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा, ‘‘गांधी परिवार कांग्रेस की प्राणवायु है। गांधी परिवार ने अपने संघर्ष और खून-पसीने से इस देश को बनाया है और नैतिक मूल्यों को बढ़ाया है…कांग्रेस का हर कार्यकर्ता गांधी परिवार के नेतृत्व में अपने आप को मजबूत पाता है।’’
सिब्बल ने इस साक्षात्कार में यह भी कहा कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर न होते हुए भी अध्यक्ष हैं, जो सभी निर्णय लेते हैं। उन्होंने सीडब्बल्यूसी का उल्लेख करते हुए कहा कि गांधी परिवार को स्वेच्छा से दूर जाना चाहिए क्योंकि उनके द्वारा नामित इकाई उन्हें कभी नहीं बताएगी कि उन्हें पार्टी की कमान नहीं संभालनी चाहिए। सिब्बल ने कहा, ‘‘मैं ‘सबकी कांग्रेस’ के लिए अंतिम सांस तक लड़ूंगा।’’
-एजेंसियां
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