लखनऊ। किसान सम्मान दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के परिश्रम, धैर्य और योगदान को नमन करते हुए कहा कि किसान की मेहनत ही प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था की असली ताकत है। उन्होंने किसान समृद्धि योजना के तहत ट्रैक्टर प्राप्त करने वाले किसानों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब कोई किसान अपनी मां या पत्नी को ट्रैक्टर पर बैठाकर ले जाता है, तो वह दृश्य किसान की आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का प्रतीक बन जाता है। किसान मौसम की परवाह किए बिना जब पसीना बहाता है, तभी धरती अन्न के रूप में सोना उगलती है।
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की जयंती पर विधान भवन परिसर स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को ट्रैक्टर की चाबियां सौंपीं तथा किसानों, वैज्ञानिकों और एफपीओ प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। साथ ही चौधरी चरण सिंह सीड पार्क, अटारी—लखनऊ के प्लॉट आवंटन की प्रक्रिया का बटन दबाकर शुभारंभ भी किया।
किसान को पहली बार मिला नीतियों के केंद्र में स्थान
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बनने के बाद किसान पहली बार सरकार के एजेंडे के केंद्र में आया। स्वायल हेल्थ कार्ड के माध्यम से धरती मां की सेहत की जांच से लेकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि सिंचाई योजना, पीएम किसान सम्मान निधि और न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसी पहलों से किसानों को सीधा लाभ मिला। बीज से बाजार तक की व्यवस्था को सुदृढ़ कर किसान की आय बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया गया।
सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ अब किसान तक
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने से किसानों का मान बढ़ा है। उत्तर प्रदेश में लघु एवं सीमांत किसानों के लिए कृषि ऋण मोचन जैसी योजनाएं लागू की गईं। अब बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो रही है और किसान को उसकी फसल का उचित मूल्य मिल रहा है। यदि बाजार में उचित दाम नहीं मिलता, तो सरकार स्वयं फसल खरीद रही है। प्रदेश में धान, गेहूं, चना, सरसों, बाजरा और मक्का जैसी फसलों का उत्पादन बढ़ा है, जबकि लागत में कमी आई है।
ग्रामीण भारत की समृद्धि का सपना
मुख्यमंत्री ने चौधरी चरण सिंह के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि वे मानते थे कि जब तक किसान समृद्ध नहीं होगा, भारत अमीर नहीं बन सकता। उन्होंने जमींदारी उन्मूलन, भूमि सुधार अधिनियम, मंडी व्यवस्था और किसानों को राहत देने वाले अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए। कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए नाबार्ड की स्थापना में भी उनकी अहम भूमिका रही।
किसानों के खाते में रिकॉर्ड भुगतान
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 1996 से 2017 तक की तुलना में पिछले आठ वर्षों में किसानों को लगभग 75 हजार करोड़ रुपये अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। पेराई सत्र 2025–26 के लिए अगेती गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है। नई तकनीक और उन्नत बीजों के उपयोग से कम लागत में अधिक उत्पादन संभव हुआ है।
कृषि ढांचे को मजबूत कर रही डबल इंजन सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में 20 नए कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित किए गए हैं और अब प्रदेश में इनकी संख्या 89 हो गई है। विभिन्न जलवायु क्षेत्रों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित किए जा रहे हैं। कृषि और मत्स्य विभाग मिलकर किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
तकनीक, प्रशिक्षण और प्राकृतिक खेती पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक, समय पर खाद-बीज और प्रशिक्षण से ही किसान समृद्ध होगा। प्राकृतिक खेती को अपनाकर कैंसर, किडनी और लीवर जैसी बीमारियों से भी बचा जा सकता है। शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी और बहराइच में रिकॉर्ड उत्पादन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इन सफल किसानों के अनुभव अन्य किसानों तक पहुंचाए जाएंगे।
तेज फैसले, मजबूत सुरक्षा और किसानों के साथ सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 लाख निजी नलकूपों से जुड़े किसानों का ऋण माफ किया गया है। सहकारी संस्थाओं के माध्यम से अब किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। योजनाओं की गति अब तेज है और सरकार हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है। चौधरी चरण सिंह की सोच के अनुरूप डबल इंजन सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए निरंतर कार्य करती रहेगी।
किसान सम्मान दिवस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही सहित कई मंत्री, जनप्रतिनिधि और किसान संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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