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बाबा रामदेव के बाद डॉक्टर्स पर केशो मेहरा का भी वार, प्रधानमंत्री, रसायन मंत्री, भाजपा अध्यक्ष और महामंत्री को भेजा पत्र

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Agra, Uttar Pradesh, India. ऐलोपैथी चिकित्सकों के संगठन आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) और पंतजलि ग्रुप के सर्वेसर्वा बाबा रामदेव के साथ विवाद चल रहा है। इसके बीच में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के पूर्व महामंत्री संगठन एवं पूर्व विधायक केशो मेहरा भी कूद गए हैं। उन्होंने कहा है कि ‘ब्रांडेड’ दवा लिखने के स्थान पर केवल ‘सॉल्ट’ का नाम लिखने का अधिनियम बनाया जाए। ‘जेनेरिक’ दवा व ‘ब्रांडेड’ दवा की कीमतें निर्धारित की जाएं।

कमजोर नस दबाई

उल्लेखनीय है कि ऐलोपैथ चिकित्सक सिर्फ ब्रांडेड दवा लिखते हैं और यह भी सिर्फ उन्हीं के पास के मेडिकल स्टोर पर मिलती है। इसके बदला दवा कंपनियां चिकित्सकों की विभिन्न प्रकार से ‘सेवा’ करती हैं। दवा कंपनियां ऐलोपैथ चिकित्सकों की कमजोर नस है, जिसे केशो मेहरा ने दबा दिया है। इसे बाबा रामदेव के बाद केशो मेहरा का डॉक्टर्स पर वार माना जा रहा है। इसका कारण यह है कि अगर डॉक्टर जेनेरिक दवा लिखेंगे तो उनकी कमाई के कई स्रोत बंद हो जाएंगे।

ब्रांडेड’ दवा के स्थान पर जेनेरिक’ दवा लिखें

केशो मेहरा ने इस संबंध में केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सभी लोगों को उचित मूल्य पर दवाएं दिलाने के लिए प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्र खुलवाए हैं। इनका लाभ एवं उद्देश्य तभी पूरा हो सकेगा, जब यह सुनिश्चित किया जाए कि देश की जनता को ‘जेनेरिक स्टोर्स’ पर सभी प्रकार की दवाएं हर हाल में मिलें। जनता को अन्य मेडिकल स्टोर्स पर जाने के लिए मजबूर न होना पड़े। अधिनियम बनाकर चिकित्सकों के लिए यह अनिवार्य एवं बाध्यकारी करना होगा कि वह ‘ब्रांडेड’ दवा का नाम लिखने के स्थान पर जेनेरिक’ दवा पर्चे पर लिखें। ब्रिटेन में यह नियम लागू है। वहां के डॉक्टर पर्चा पर ब्रांडेड दवा का नाम नहीं लिखते हैं।

आमिर खान के शो ‘सत्यमेव जयते’ का उल्लेख

श्री मेहरा ने पत्र में कहा है- अधिनियम बनाकर ‘सॉल्ट’ का नाम लिखना ही पर्याप्त नहीं होगा, उसकी अधिकतम बिक्री कीमतें निर्धारित करनी होंगी, भले ही दवा ब्रांडेड हो। फिल्म अभिनेता आमिर खान के शो ‘सत्यमेव जयते’ में स्पष्ट रूप से दर्शित किया गया था कि ‘जेनेरिक’ दवा की कीमतों से कई गुना कीमतों पर ब्रांडेड दवा खरीदने के लिए देश की जनता को मजबूर होना पड़ता है, जबकि दोनों का ‘सॉल्ट’ एक ही होता है।

35 का प्रोटीन पाउडर ब्रांडेड होते ही 600 तक में

उल्लेखनीय है कि जेनेरिक रूप में केवल रु0 35 में मिलने वाला प्रोटीन पाउडर ब्रांडेड होते ही रुपये 250 से 600 तक में बिक रहा है। एपेटाइजर सीरप की जेनेरिक कीमत केवल रुपये 15 है, जबकि ब्रांडेड सीरप रुपये 150 तक मिलता है। यह पत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष को भी भेजा गया है।

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