डॉ. भानु प्रताप सिंह
Agra, Uttar Pradesh, India. फतेहपुर सीकरी से भारतीय जनता पार्टी के तेजतर्रार सांसद राजकुमार चाहर ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं फिल्म अभिनेता राज बब्बर को हराकर इतिहास रच दिया था। वे भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे हैं। इसी कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर गौरवान्वित हैं। पूरे देश में किसानों के बीच जा रहे हैं। 15 राज्यों का भ्रमण कर चुके हैं। इसके साथ ही तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलनरत हैं। हाल ही में यूपी के मुजफ्फरनगर में रैली हुई। इस समय किसान हरियाणा के करनाल में डटे हुए हैं। किसानों के मुद्दों पर ‘जनसंदेश टाइम्स’ ने राजकुमार चाहर से बातचीत की। श्री चाहर ने कृषि कानून के विरोधियों को खुली बहस की चुनौती देते हुए कहा- नए कृषि कानूनों का विरोध किसानों की बढ़ती आय और उन्नति में बाधक है। अब हम हर किसान के घर जाकर नए कृषि कानूनों का लाभ बताएंगे।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः भाजपा किसान मोर्चा इस समय क्या कर रहा है?
राजकुमार चाहरः मोर्चा का काम भाजपा को किसानों के क्षेत्र में मजबूती प्रदान करना, हमारी केन्द्र और प्रदेश सरकार के कार्यों को किसानों तक पहुंचाना, सरकार-किसान-गांव के बीच में सेतु की भूमिका निभाना।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः जब राजनाथ सिंह 2003 में कृषि मंत्री थे तब से कहा जा रहा है कि किसानों की आय दोगुनी करेंगे, आखिर कब तक होगा ये काम?
राजकुमार चाहरः आपने देखा होगा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तब किसानों के सामने बड़ा संकट था। खाद, बीच, कृषि उपकरणों के लिए पैसों का अभाव रहता था। तब वाजपेयी सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड दिया। पहली बार किसान के हाथ में पैसा आना शुरू हुआ, जिससे खेती कार्य में धन का अभाव समाप्त हो गया। नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही सबसे पहले किसानों की चिन्ता की, किसान सम्मान निधि, सॉइल हेल्थ कार्ड, फसल बीमा दिया। ‘किसान रेल’ से किसानों का उपज देश में कहीं भी जा सकती है। नए तीन कृषि कानून लाकर किसानों को आजादी दी है। डीएपी आधे रेट पर दी जा रही है। स्वामीनाथन रिपोर्ट में फसल की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) लागत का डेढ़ गुना करने की बात है लेकिन प्रधानमंत्री ने दोगुना किया। छह फसलों की एमएसपी दोगुना किया गया है।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः विपक्षी दलों का कहना है कि दोगुनी आय के नाम पर भाजपा किसानों को झांसा दे रही है?
राजकुमार चाहरः ये आरोप वो दल लगा रहे हैं जिन्होंने अपने शासनकाल में किसानों के लिए कोई काम नहीं किया। पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों हित के लिए कार्य कर रहे हैं। विपक्षी दलों को तो मोदी का अभिनंदन करना चाहिए लेकिन दुर्भाग्य है कि राजनीतिक कारणों से विरोध कर रहे हैं।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः भ्रमण के दौरान देश में किसानों की क्या समस्याएं पाई हैं?
राजकुमार चाहरः मैंने देश के 15 प्रांतों का भ्रमण किया है। मैंने पाया कि सब जगह किसानों की स्थिति एक जैसी है। किसान बहुत पीड़ित और शोषित रहा है। अब किसान और गांव का उत्थान मोदी जी लगातार कर रहे हैं। तीन कृषि कानूनों का लाभ भी किसान ले रहा है। सिंचाई के लिए फुव्वारा सिंचाई चलाई है। किसान लाभ उठा रहा है। 65 वर्ष तक कांग्रेस का राज देश पर रहा। फिर भी कांग्रेस ने किसान हित की नीतियां नहीं बनाईं।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः अगर तीन नए कृषि कानून इतने लाभकारी होते तो किसान आंदोलन क्यों करते?
राजकुमार चाहरः देश का किसान आंदोलन नहीं कर रहा है। जो राजनीतिक दल भाजपा के वैचारिक विरोधी हैं, मोदी की लोकप्रियता से बौखलाकर विपक्षियों ने किसान के कंधे पर बंदूक रख दी है। किसान भोली कौम है, इसी कारण कृषि कानूनों को लेकर किसानों के मन में भ्रम डाल दिया। कृषि कानून सीमांत और छोटे किसानों का भला करेंगे। मैं इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के नेताओं को खुली बहस की चुनौती देता हूँ। किसानों के बीच बैठें, पंचायत में कृषि कानूनों पर चर्चा करें, भ्रमित न करें। नए कृषि कानूनों का विरोध किसानों की बढ़ती आय और उन्नति में बाधक है।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः किसान सम्मान निधि में छह हजार रुपये वार्षिक मिलते हैं, इससे क्या होता है?
राजकुमार चाहरः पहले की सरकारों ने तो 50 रुपये भी नहीं दिए। किसान के हिस्से का भी विपक्षी दल खींच लेते थे। गरीब किसान जानता है कि छह हजार रुपये की कीमत क्या होती है। ट्विटर पर खेलने वाले राहुल गांधी क्या जानें?
डॉ. भानु प्रताप सिंहः किसान के उपयोग वाली बिजली और डीजल लगातार महंगे हो रहे हैं?
राजकुमार चाहरः कांग्रेस के समय नीतियां इतनी खराब रहीं कि किसानों को आज तक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली पहले से अधिक मिल रही है। सरकार से अनुरोध करेंगे कि किसानों को और राहत दी जाए।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः किसान आपसे किस तरह की शिकायत करते हैं?
राजकुमार चाहरः गांवों में मालिकाना हक को लेकर झगड़े होते थे। अब मालिकना हक मिल रहा है। केन्द्र और योगी सरकार ने यह क्रांतिकारी काम किया है। वैसे पूरे देश का किसान काम में लगा है। परिवारों के दल जैसे कांग्रेस, सपा, बसपा अपने परिवारों की राजनीति को बचाने के लिए किसान के नाम का दुरुपयोग करते हैं।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः क्या आपको ऐसा लगता है कि किसान आंदोलन का जवाबी आंदोलन नहीं करना चाहिए?
राजकुमार चाहरः लगातार यह काम हुआ है। गांव-गांव में पत्रक बांटे हैं। तीन कृषि कानूनों के लाभ के बारे में बताने के लिए पूरे देश में फिर से अभियान चलेगा। केन्द्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के बारे में बताने के लिए हर किसान के घर पर जाएंगे।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः क्या किसान मोर्चा का गठन पूरे देश में हो गया है?
राजकुमार चाहरः मंडल स्तर पर गठन हो गया है। न्याय पंचायत और सेक्टर स्तर पर गठन की कोशिश है।
डॉ. भानु प्रताप सिंहः आरएसएस का भारतीय किसान संघ है, भाजपा का किसान मोर्चा है, एक ही मोर्चे पर काम हो रहा है क्यों?
राजकुमार चाहरः हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं। किसान मोर्चा भाजपा का काम किसानों के बीच करता है। किसान संगठन संघ का आनुषांगिक संगठन है।