बिहार में लगातार कांग्रेस की हार और चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा पर इस्तीफे का दबाव बना हुआ था। इसे लेकर कर कल से ही चल रही थी कि प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा इस्तीफा दे सकते हैं। आज इस पर मुहर लग गई मदन मोहन झा ने इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है। मदन मोहन झा इस वक्त दिल्ली में हैं। बिहार में कांग्रेस की स्थिति लगातार खराब हो रही, इसके लिए सीधे तौर पर बिहार के प्रदेश मदन मोहन झा को जिम्मेदार माना जा रहा था। करीब चार साल बाद मदन मोहन झा से बिहार कांग्रेस अध्यक्ष की कमान वापस ली गई है।
मदन मोहन झा का इस्तीफा
पार्टी के कद्दावर नेता और MLC प्रेमचंद मिश्रा ने बताया कि वो करीब चार साल से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान संभाल रहे थे। हालांकि कांग्रेस में कार्यकाल जैसी कोई बता नहीं लेकिन पार्टी की ओर से मदन मोहन झा से इस्तीफा मांगा गया था। जिसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। प्रेमचंद मिश्रा ने बताया कि मदन मोहन झा बिहार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी लंबे समय निभा रहे थे। जिसके बाद अब उन्होंने इस्तीफा सौंप दिया है। मदन मोहन झा पर लगातार इस बात का दबाव बना हुआ था कि बिहार में पार्टी ठीक तरीके से काम नहीं कर रही है। उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
70 में से 19 सीट जीतने के बाद बढ़ा था दबाव
बताते चलें कि लगातार पार्टी की स्थिति खराब होने लगातार कार्यकर्ताओं में कमी, चुनावों हार, जिला लेवल पर कमेटियों का गठन न हो पाने की वजह से अब मदन मोहन झा की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे थे। जिसे लेकर आलाकमान असंतुष्ट था। पार्टी के भीतर के एक अधिकारी का कहना है कि मदन मोहन झा पर इस्तीफे का दबाव बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से ही बना हुआ था क्योंकि पार्टी 70 सीट पर चुनाव लड़ी और केवल 19 सीट जीत सकी। जिसके बाद से उन पर इस्तीफे का भारी दबाव था। जिसके बाद मदन मोहन झा ने इस्तीफे की पेशकश तो की थी लेकिन इस्तीफा दिया नहीं था।
भक्त चरण दास और मदन मोहन झा में हो चुकी है बहस
पार्टी के सूत्रों की मानें तो बंद कमरे में बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास और मदन मोहन झा के बीच इस बात को लेकर तीखी नोक झोक भी हो चुकी है। ये मामला 2 साल पहले का है। जिसमें भक्त चरण दास ने मदन मोहन झा को ये साफ तौर पर कह दिया था कि कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। जिसपर मदन मोहन झा ने भी कहा कि ‘अगर देना होगा तो इस्तीफा दिल्ली जाकर दूंगा। आप में हिम्मत है तो मुझे पार्टी से बर्खास्त कर दें।’ लेकिन अब मदन मोहन झा का इस्तीफा हो गया है।
बिहार में टली गांधी संदेश यात्रा, चर्चा तेज
मदन मोहन झा पर लगातार इस्तीफे का दबाव बना हुआ था। माना जा रहा है इसी चरण में दो दिन पहले उन्हें दिल्ली बुलाया गया था। जिसके बाद कल सूचना आई कि बिहार में गांधी संदेश यात्रा टाल दी गई। 17 अप्रैल से गांधी संदेश यात्रा की शुरुआत चंपारण से होना था। बिहार में यह यात्रा 2 सप्ताह तक आयोजित की जानी थी। यात्रा को बिना वजह स्थगित करने के बाद कांग्रेसी नेताओं के बीच तरह-तरह की चर्चा हो रही है। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में कांग्रेस की ओर से पूरे देश में गांधी संदेश यात्रा का आयोजन किया जाना था, इसमें गुजरात के साबरमती और बिहार में महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण से यात्रा शुरू होनी थी, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा को अचानक दिल्ली बुला लिया गया था। जिसके बाद से चर्चा का बाजार गर्म हो गया था, लेकिन अब प्रदेश कांग्रेस मदन मोहन झा ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
राहुल गांधी से होगी मुलाकात
मदन मोहन झा की दिल्ली में आज राहुल गांधी से मुलाकात फिक्स हो गई है। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद तमाम विषयों पर चर्चा होगी। बताते चलें कि बिहार में कांग्रेस की स्थिति लगातार खराब हो रही है। जनता के बीच कांग्रेस की मौजूदगी खत्म होती जा रही है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिला कमेटी का गठन दो-दो साल से नहीं हो पा रहा है। जिला कार्यालयों के ताले दो-दो साल से नहीं खोले जा रहे हैं। पार्टी की ओर से जनता के मुद्दों को नहीं उठाया जा रहा है।
-एजेंसियां
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