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भागवत सुनाते समय रो पड़ीं कथाव्यास देवी माहेश्वरी श्रीजी, देवताओं के आने का दिया प्रमाण

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL RELIGION/ CULTURE

अंतिम दिन कृष्ण-सुदामा की मनमोहक झांकी

फूलों की होली के साथ राधे-राधे की गूंज

Agra, Uttar Pradesh, India. अर्पण जन कल्याण सेवा संस्थान आगरा एवं विश्व मंगल परिवार सेवा संस्थान वृंदावन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम विश्राम दिवस पर कृष्ण-सुदामा की मनमोहक झांकी प्रस्तुत की गई। फूलों की होली खेली गई। राधा-कृष्ण के साथ नृत्य करने के लिए हर कोई आतुर हो उठा। संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया। राधे-राधे की गूंज होने लगी। अंतरराष्ट्रीय कथाव्यास देवी माहेश्वरी श्रीजी (वृन्दावन धाम) ने इस बात प्रमाण दिया कि भागवत कथा सुनने के लिए सभी देवता हुए हैं। ठाकुर जी ही भागवत के रूप में हैं। भागवत समाज और देश के कल्याणार्थ है। भागवत हर व्याधि की औषधि है।

कृष्ण-सुदामा की कथा सुनाते समय कथाव्यास श्रीजी इतनी भावविभोर हो गईं कि उनके नेत्रों से अश्रुधार बहने लगी। श्रद्धालु भी रोने लगे। उन्होंने कहा- सुदामा गरीब अवश्य थे परंतु दरिद्र नहीं थे। पांच घरों में मांगने पर जो मिलता उससे ही परिवार चलाते। एक दिन सुशीला के कहने पर सुदामा द्वारिकापुरी गए। सुदामा को आया जान श्रीकृष्ण नंगे पैर सुदामा से मिलने दौड़ पड़े और अपने अश्रुओं से उनके चरण धोए। सुदामा द्वारा लाये चावलों की दो मुट्ठी खाकर दो लोक दे दिए। भगवान श्रीकृष्ण ने वास्तविक मित्रता का परिचय दिया।

कृष्ण और राधा का विवाह, कृष्ण-रुकमणि विवाह, सत्यभामा से विवाह, जामवंत से युद्ध, जरासंध का वध, 16000 रानियों से विवाह, नारद का कृष्ण के परिवार में आगमन, कृष्ण का ध्यान में राधे-राधे कहना, ऊधौ की कथा, यदुवंश का नाश, भगवान का परलोक गमन, राजा परीक्षित के मन से मृत्यु का भय दूर हो जाना आदि कथाएं सुनाईं।

उन्होंने बताया कि श्रीमद भागवत कथा के दौरान दो बार मधुमक्खी का आगमन हुआ। आज अंतिम दिन तितली आई है। यह इस बात का प्रमाण है कि ठाकुर जी और राधारानी के साथ देवगण कथा सुन रहे हैं। आगरा वालों के लिए यह बड़े गौरव की बात है। उन्होंने संकल्प दिलाया कि न दहेज लें और न ही दें। युवानों को माता-पिता की सेवा की सलाह दी।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त प्रचारक डॉ. हरीश रौतेला, प्रचारक कीर्ति सिंह, आगरा ग्रामीण से भाजपा विधायक हेमलता दिवाकर कुशवाह, टीकम सिंह एडवोकेट, अमर सिंह, सर्व व्यवस्था प्रमुख मुकेश चन्द गोयल मुकेश नेचुरल, सहसंयोजक मुनेन्द्र श्रोत्रिय, मीडिया प्रभारी ऋषि अग्रवाल, अजेन्द्र चौहान, अंकुर, संजय मिश्रा, पवन अग्रवाल, नरेश पाठक, एपीएस तोमर एडवोकेट, वीपी सिंह, विमलेश सारस्वत, लक्ष्मण चौधरी, आर के शुक्ला, कमलेश जाटव पार्षद, मंजू वार्ष्णेय, प्रतिभा जिन्दल, सुरक्षा प्रमुख किशोर तिवारी, नरेश शर्मा, अनिल सारस्वत, दीपक तोमर एडवोकेट आदि ने व्यवस्थाएं संभालीं।

मुख्य यजमान श्रीप्रकाश सिंह-सीमा सिंह, मधुकर पांडेय- अम्बिका पांडेय,  कृष्ण कुमार सिंह (रायबरेली), लालता प्रसाद सारस्वत, सत्यप्रकाश तिवारी, प्रतिमा तिवारी, सीएम सिंह, अंजली सिंह, पवन अग्रवाल, योगराज गुप्ता, रेखा चतुर्वेदी, ज्ञानेश्वरी दीक्षित, कंचन आदि ने आरती की। मंजू बघेल, यशस्वी चतुर्वेदी, सूर्यमुखी सिंह, जितेन्द्र चौहान, गीता शर्मा, सुनीता चौहान, अनिल गुप्ता, कामिनी शर्मा, विनोद कुमार सारस्वत, प्रेमलता सारस्वत, अशोक कुलश्रेष्ठ, दिनेश चन्द्र शर्मा, हरेन्द्र सिंह तरकर आदि ने व्यासपीठ से आशीर्वाद लिया।