मुसलमानों में शादी, तलाक़ और महिला अधिकारों पर असम के CM का बड़ा बयान

मुसलमानों में शादी, तलाक़ और महिला अधिकारों पर असम के CM का बड़ा बयान

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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मुसलमानों में शादी, तलाक़ और महिलाओं के संपत्ति में अधिकार को लेकर बयान दिया है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य सरकार इस बात को लेकर पूरी तरह स्पष्ट है कि मुसलमान पुरुषों को तीन शादियां नहीं करनी चाहिए. साथ ही मुसलमान महिलाओं को संपत्ति में बराबर का अधिकार भी मिलना चाहिए. हिमंत बिस्व सरमा मोदी सरकार की आठ साल की उपलब्धियों पर बात कर रहे थे.
इस दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ”असम सरकार इसे लेकर बहुत स्पष्ट है कि मुसलमान पुरुषों को तीन महिलाओं से शादी नहीं करनी चाहिए. तलाक़ मत दो, वैध तरीक़े से तलाक़ लो. बेटों की तरह बेटियों को भी संपत्ति में समान अधिकार होना चाहिए. संपत्ति में 50 प्रतिशत अधिकार पत्नियों को दें. सरकार और सामान्य मुसलमानों के विचार एक ही हैं.”
उन्होंने कहा कि असम में इसे लेकर कोई टकराव नहीं है बल्कि मुसलमान ख़ुद इसका समर्थन करते हैं. कोई बाहर से आकर टकराव करता है तो अलग बात है.
सामान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर देश में अक्सर बयानबाज़ी होती रही है. हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सामान नागरिक संहिता जल्द ही लागू करने की बात कही थी. वहीं, हिमंत बिस्व सरमा भी इसके पक्ष में बयान देते रहते हैं.
इस दौरान उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के लोगों के साथ भेदभाव कम होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को श्रेय दिया.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में पीएम के पूर्वोत्तर में आने से यहां के विद्यार्थियों के साथ भेदभाव कम हुआ है.
जब पीएम कहते हैं कि पूर्वोत्तर भारत विकास का नया इंजन है, ये अष्टलक्ष्मी है तो यहां को लोगों का सम्मान बढ़ा है. अब पूर्वोत्तर भारत दिल्ली नहीं जाता बल्कि दिल्ली उसके दरवाजे में आती है. ऐसे पहले कभी नहीं हुआ.
साथ ही हिमंता बिस्व सरमा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वो 2024 के आम चुनाव में विपक्ष का दर्जा भी नहीं बनाकर रख पाएगी.
कश्मीरी पंडितों पर हाल की घटनाओं पर राहुल गांधी के ट्वीट को लेकर एक सवाल का जवाब देते हुए हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राहुल गांधी को कश्मीर में उनके साथ बैठकर आना चाहिए.
उन्हें पहले अपने स्थान के बारे में बताना चाहिए. जब ​असम में बाढ़ आई थी, तो वो यूके में थे. राहुल गांधी को ऐसा नहीं कहना चाहिए. वह राहुल गांधी हैं, महात्मा गांधी नहीं.
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh