हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष और पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की हत्या की जांच सीबीआई से करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड के दोषियों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा और सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। विज आज यहां विधानसभा में बजट सत्र के दौरान लाए गए काम रोको प्रस्ताव के संबंध में अपना जवाब दे रहे थे।
गृहमंत्री ने इस हत्याकाण्ड पर दुख जताते हुए कहा कि यदि विधानसभा के सदन की तसल्ली सीबीआई जांच से होती है तो इस हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाई जाएगी। विज ने कहा कि यह बहुत ही दुखद घटना है और नफे सिंह राठी उनके साथ वर्ष 1996 और 2000 में विधायक रहे और नफे सिंह उनके अच्छे मित्र भी थे।
भतीजे ने राजनीतिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है
विज ने कहा कि जैसे ही उन्हें इस हत्याकांड की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत प्रभाव से पुलिस महानिदेशक, झज्जर के पुलिस अधीक्षक और एसटीएफ के प्रमुख से बात की और इस मामले की जांच को एसटीएफ के प्रमुख को सौंपा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और जांच के संबंध में कई पहलुओं के बारे में वे सदन को नहीं बता सकते हैं लेकिन इस हत्याकांड की गहनता से जांच की जा रही है। गृहमंत्री ने कहा कि इस हत्याकांड में नफे सिंह राठी के भतीजे द्वारा राजनीतिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
यदि कोई पत्र आए और काम न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता
सदन में इस हत्याकांड के संबंध में विपक्ष द्वारा उठाए गए नफे सिंह राठी के द्वारा मांगी गई सुरक्षा के सवाल के जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि यह सही है कि नफे सिंह राठी ने सुरक्षा मांगी थी और झज्जर के पुलिस अधीक्षक को 14 जुलाई 2022 को सुरक्षा के संबंध पत्र प्रस्तुत किया था।
इस संबंध में 343 नंबर मुकदमा दर्ज किया गया। इसके उपरांत पुलिस ने उनको मिलने वाली धमकियों के बारे में तफ्तीश की। तफ्तीश में पाया कि कलकता का एक व्यक्ति उन्हें टेलीफोन पर धमकियां देता था, जिसे पकड़ा गया।
इसके अलावा विज ने कहा कि इस बारे में उनके कार्यालय में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ था, यदि कोई पत्र उनके कार्यालय में आए और काम न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता।
कांग्रेस राज में बढ़े अपराधों को हमने थामा
विज ने पुलिस की कार्य प्रणाली के संबंध में कहा कि अपराध बढा, परंतु कब बढा और किसने गुण्डागर्दी बढाई। मैं बताता हूं कि कांग्रेस के राज में गुण्डागर्दी बढ़ी। गृहमंत्री ने अपराध के आंकडों के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि हत्या के वर्ष 2005 में 784 मामले थे जो 2014 में बढकर 1106 हुए। इसी प्रकार डकैती वर्ष 2005 में 88 थी, जो वर्ष 2014 में बढकर 172 हो गई।
लूटपाट वर्ष 2005 में 390 थी, जो वर्ष 2014 में बढकर 874 हो गई। छीनाछपटी वर्ष 2005 में 461 थी, जो वर्ष 2014 में बढकर 1166 हो गई। बलात्कार वर्ष 2005 में 461 थी, जो वर्ष 2014 में बढकर 1174 हो गई।
महिलाओं के विरुद्ध अपराध वर्ष 2005 में 380 था, जो वर्ष 2014 में बढकर 1680 हो गया। बच्चों का अपहरण वर्ष 2005 में 492 थी, जो वर्ष 2014 में बढकर 3082 हो गई। हत्या का प्रयास वर्ष 2005 में 513 थी, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 783 हो गई। दहेज हत्या वर्ष 2005 में 212 थी, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 293 हो गई। विज ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि ‘‘जो आप करके गए, उसे हमने थामा है।
-एजेंसी
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