Vikas Dubey

विकास दुबे की मौत के साथ सारे राज भी दफन हो गये

Crime NATIONAL POLITICS PRESS RELEASE REGIONAL

Kanpur (Uttar Pradesh, India) कानपुर शुक्रवार की सुबह जब एसटीएफ की टीम उज्जैन से उसे लेकर आ रही थी। और कानपुर की सीमा में प्रवेश के दौरान बर्रा टोल प्लाजा के करीव 20 किलोमीटर कानपुर की ओर आने के बाद बुलेरो यूपी 70 एजी 3497 अचानक हाईवे के सड़क किनारे पलट गई। मीडिया कर्मियों को 20 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया था। जब घटना स्थल पर मीडियाकर्मी पहुचे तो मालुम हुआ कि जिस गाड़ी में विकास दुबे को लाया जा रहा था वह पलट गयी है। प्रत्यक्षदशियों ने बताया कि गोलियों की आवाज आ रही थी। कुछ समय के वाद निकट के अस्पताल में विकास को घायल अवस्था में लाया गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन अब प्रश्न यह उठ रहे हैं कि विकास को हथकड़ी क्यों नही लगाई गयी। और वह इतने इत्मीनान से बैठा था कि एसटीएफ के जवानों से ही हथियार छुडा कर भागने का प्रयास करे। अगर उसने भागना ही था तो उज्जैन में चीख चीख कर अपने विकास दुबे होने का नाटक करके खुद को गिरफ्तार क्यों कराया।

विकास तो मारा गया लेकिन विकास के साथ वह सब राज भी दफन हो गये जिसमें अनेक राजनेताओं और पुलिस महकमें तथा शासन प्रशासन से उसके क्या क्या और कौन कौन के साथ रिश्ते थे। यह अब हमेशा हमेशा के लिए दफन हो गया है, शासन की भी यही मंशा रही हो कि क्यों इसके राज को उजागर कराया जाये। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तो अपने ट्विटर एकाउन्ट पर आरोप लगाया है कि विकास को मारा जाना सरकार को गिराये जाने से बचा लिया।

विकास के परिवार के वारे में और अधिक जानें

विकास दुबे का परिवार जिसमें एक बेटा पढ़ रहा है डॉक्टरी-दूसरा 12 वीं का छात्र, सालों पहले हो चुका है भाई का मर्डर

8 पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी मोस्टवांटेड बदमाश विकास दुबे की कुंडली खंगालने में यूपी पुलिस ने दिन रात एक कर दिया। विकास अब मारा जा चुका है। पुलिस अब विकास के करीबियों व उसके रिश्तेदारों पर शिकंजा कस सकती है। पुलिस ने विकास के बहनोई से कड़ी पूछताछ की वहीं उसके करीबी जय वाजपेयी को पुलिस हिरासत में लेकर लखनऊ ले गई है। हम बता दें कि आखिर उसके परिवार में कौन-कौन है।

कानपुर का हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे तीन भाइयों में सबसे बड़ा है। दूसरे नम्बर पर दीपू दुबे और सबसे छोटे भाई का नाम अविनाश दुबे था। सबसे छोटे भाई अविनाश की सालों पहले हत्या हो गई थी।

विकास दुबे के पिता का नाम रामकुमार है, जो बिकरू गांव में ही रहते हैं, पेशे से किसान रामकुमार ही विकास की सारी गलतियों पर शुरू से ही पर्दा डालते आ रहे हैं। विकास दुबे की मां सरला दुबे आजकल लखनऊ में रहती हैं।

विकास दुबे की तीन बहनें हैं बिट्टन, किरण और रेखा, जिसमें की बिट्टन की शादी शिवली में हुई है। किरण की शादी उन्नाव में और रेखा की रामपुर में हुई है। इसमें किरण और रेखा मर चुकी हैं।

विकास दुबे की प्यार की कहानी, अपने दोस्त की बहन से ही प्यार कर बैठा

विकास दुबे ने पच्चीस साल पहले अपने दोस्त राजू खुल्लर श्रीवास्तव की बहन सोनू उर्फ़ रिचा से लव मैरिज की थी। विकास के दो बेटे आकाश और शानू हैं। विकास दुबे का बड़ा बेटा आकाश विदेश से एमबीबीएस कर रहा है, जबकि शानू 12 वीं का छात्र है। वह अपनी मां और दादी के साथ लखनऊ में ही रहता है।

एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, विकास ने एनकाउंटर से पहले अपने करीबी जय वाजपेयी से बातचीत की थी और बड़ी घटना होने की बात की थी। विकास ने जय के साथ बातचीत में पत्नी ऋचा दुबे और बेटे को सुरक्षित जगह पहुंचाने के लिए कहा था।

बताया जाता है कि रात 2 बजे जय ने अपनी लग्जरी गाड़ी से विकास दुबे की पत्नी और बेटे को चंदौली मैं सुरक्षित स्थान पहुंचा दिया था। बाद में जय वाजपेयी की लग्जरी गाड़ियां लावारिस हालत में मिली थी। कहा जाता है कि जय वाजपेयी ही विकास दुबे के फाइनेंस का पूरा काम देखता था। फिलहाल, एसटीएफ ने उसे हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है।

8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद में रोज नए- नए राज का खुलासा

       कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में हुई 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में रोज नए-नए राज का खुलासा हो रहा हैं। मुख्य आरोपी विकास दुबे फरार हो गया था। पुलिस की तकरीबन 100 टीमें उसे तलाशने में लगी हुई थी। विकास कितना खूंखार है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुश्मनी निभाने में उसने अपने प्यार तक को नहीं छोड़ा। दिन रात उसका मर्डर करने के लिए योजना बनाता रहता था। उसने अपने साले के लिए ही इतनी दहशत पैदा कर दी की वह आज तक यूपी लौट कर ही नहीं आया।

विकास दुबे के इतने चेहरे हैं कि उसे अच्छे-अच्छे नहीं पहचान सकते। दुश्मनी निभाने में उसने अपने सगे संबंधियों तक को नहीं छोड़ा। न सिर्फ चचेरे भाई की हत्या में उसका हाथ रहा, बल्कि प्रेमिका से पत्नी बनी युवती और उसके भाई तक का भी जान का दुश्मन बन गया।

इन दोनों की हत्या के लिए वह लंबे समय तक प्रयासरत रहा। आखिरकार विकास के भय की वजह से युवती उसकी शरण में आ गई और भाई हमेशा के लिए यूपी छोड़कर भाग गया।

       कानपुर के शास्त्री नगर के रहने वाले शातिर बदमाश राजू खुल्लर और उसकी बहन सोनू की। आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हुए राजू खुल्लर और विकास दुबे वर्ष 1995 के आसपास एक दूसरे के संपर्क में आए। कुछ ही समय में दोनों पक्के यार बन गए ।

विकास के राजू के घर भी आना-जाना हो गया, जिसकी वजह से उसकी मुलाकात राजू की बहन सोनू से हुई। विकास और सोनू दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे और दोनों के बीच रिश्ते बन गए।

       कुछ दिनों के बाद विकास ने राजू खुल्लर की बहन सोनू से शादी कर ली। सोनू से शादी के बाद राजू विकास का साला हो गया, जिसके बाद वह विकास के सारे गैरकानूनी धंधे संभालने लगा। इन वर्षों में विकास ने बेशुमार दौलत कमाई और वह सारी संपत्ति पत्नी सोनू के नाम करता चला गया।

विकास के साथ राजू खुल्लर की भी ताकत बढ़ती गई। वर्ष 2000 में ताराचंद्र इंटर कालेज के सेवानिवृत्त प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय और वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री की हत्या के बाद विकास पर पुलिस का शिकंजा कसा तो वह तकरीबन 5 साल तक जेल में रहा।

इस दौरान विकास की सारी सत्ता काफी हद तक राजू खुल्लर और उसकी बहन सोनू के पास रही। इसी बीच सोनू के संबंध विकास के एक बहुत ही करीबी शख्स से हो गए। तीनों ने विकास से दूरी बनाने का प्रयास किया। राजू बहन सोनू को लेकर काफी समय तक गायब रहा।

राजू विकास के द्वारा सोनू के नाम खरीदी हुई हुई जमीनों को बेचने की फिराक में था। इसी बीच संतोष शुक्ला हत्याकांड में विकास बरी हो गया। राजू और सोनू की कारस्तानी का पता चलने पर वह आग बबूला हो गया। उसे सोनू के बेवफा होने और अपराध की दुनिया से कमाई हुई अपनी बेशुमार दौलत के जाने का डर सताने लगा।

उसने अपनी पूरी फ़ौज को पत्नी सोनू और साले राजू की खोज में लगा दिया। विकास पत्नी की इस बेवफाई से विकास इतना बौखला गया कि उसने अपने गुर्गों से दोनों बहन-भाई को जिंदा या मुर्दा वापस लाने का फरमान सुना दिया ।

       विकास के खौफ से राजू यूपी छोड़कर लापता हो गया और आज तक वापस नहीं आया. जबकि उसकी बहन सोनू अकेली पड़ जाने के कारण फिर से विकास की शरण में आ गई बताते हैं कि उसके बाद फिर से सोनू ने नाम बदलकर विकास का काम संभाल लिया। चर्चाओं बात करें तो विकास दुबे के लखनऊ आवास में बतौर पत्नी साथ रहने वाली महिला रिचा दुबे ही सोनू है। अपराध की दुनिया में वह विकास की हर कदम पर सहयोगी रही है। यहां तक कि वह घरों के सीसीटीवी कैमरे अपने मोबाइल फोनों को खुद ऑपरेट करती थी। घर पर दबिश की सूचनाएं विकास तक पहुंचाती रही और विकास इस तरह से हमेशा बचता रहा।

आज विकास का तो अन्त हो गया मगर उससे जुडे़ जितने भी राज थे वह भी दफन हो गये हैं अब किसी को यह पता नहीं चल पायेगा कि उसको इतना संरक्षण किस किस ने दिया था और पुलिस के वह कौन कौन से लोग थे जो उससे नजदीकी रखते थे।