ऑल इंडिया बार असोसिएशन (AIBA) ने एआईएमआईएम के प्रमुख व वकील असद्दुीन ओवैसी को कड़ी नसीहत दी है। वकीलों के इस अखिल भारतीय संगठन ने ओवैसी से कहा है कि वे ‘जज को जज न करें’ यानी किसी न्यायाधीश के बारे में कोई निर्णय या उनकी आलोचना न करें।
ओवैसी ने कर्नाटक के हिजाब केस में फैसले सुनाने वाले जस्टिस ऋतुराज अवस्थी को लॉ कमीशन का अध्यक्ष बनाए जाने की आलोचना की थी।
बार असोसिएशन ने जस्टिस अवस्थी की आलोचना को लेकर ओवैसी को फटकार लगाई है। जस्टिस अवस्थी जब कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे, तब उनकी पीठ ने हिजाब केस में फैसला सुनाया था। बार असोसिएशन के अध्यक्ष व वरिष्ठ वकील आदिश सी. अग्रवाल ने एक बयान जारी कर कहा कि विधि आयोग (Law Commission) के पुनगर्ठन व जस्टिस अवस्थी को उसका अध्यक्ष बनाए जाने का स्वागत किया है।
अग्रवाल ने कहा कि जस्टिस अवस्थी की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की पीठ के फैसले को बाद में सुप्रीम कोर्ट ने यथावत रखते हुए उस भावना में बरकरार रखा था। बार असोसिएशन के प्रमुख ने कहा कि ओवैसी द्वारा विधि आयोग के अध्यक्ष के रूप में अवस्थी की नियुक्ति की आलोचना की कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। ओवैसी को खुद एक वकील और बैरिस्टर होने के नाते, तथ्यों को गलत तरीके से पेश नहीं करना चाहिए। उन्हें देश की न्यायपालिका में अपना विश्वास प्रदर्शित करना चाहिए।
अग्रवाल ने कहा कि एआईबीए विधि आयोग और उसके नए अध्यक्ष जस्टिस अवस्थी को अपना समर्थन देने का वचन देता है और सभी विघटनकारी और अस्थिरतावादी ताकतों के खिलाफ खड़ा होने का वचन देता है। कर्नाटक हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस अवस्थी को बुधवार को विधि आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है।
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