Agra, Uttar Pradesh, India. अखिल भारतीय राजपूत समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रवक्ता दिलीप सिंह चौहान के आह्वान पर महाराणा प्रताप की जयंती लोगों ने सादगी के साथ अपने घरों में मनाई। चौहान ने तलवार लहराते हुए राणा प्रताप के शौर्य का बखान किया। कोरोना काल के चलते इस बार शोभायात्रा नहीं निकाली गई।
घास की रोटी खाई लेकिन स्वाभिमान न गिरने दिया
दिलीप सिंह चौहान ने बताया कि लोगों ने महाराणा प्रताप के बताए हुए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। महान योद्धा को नमन किया जिसने मात्र 20000 राजपूत सैनिकों के साथ अकबर की 80000 सैनिकों वाली विशाल सेना के साथ लोहा लिया। अंततः अकबर ने महाराणा प्रताप से हार मान संघर्ष विराम कर लिया। महाराणा प्रताप ने संपूर्ण क्षेत्र पुनः अर्जित कर लिया। राणा प्रताप पहाड़ों, जंगलों में भटके, घास की रोटी खाई लेकिन अपने स्वाभिमान और सम्मान को कभी भी गिरने नहीं दिया। महाराणा प्रताप की मृत्यु हुई तो अकबर भी फूट-फूट कर रोया। अकबर ने उनकी बहादुरी और स्वाभिमान को सलाम किया।
देश के सम्मान पर आंच न आने देंगे
उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमने उसी राजपूत जाति में जन्म लिया है। निश्चित ही हम देश के लिए अपने आप को न्योछावर कर देंगे। देश में अंदरूनी परेशानी हो या बाहरी, राष्ट्र के सम्मान को आंच नहीं आने देंगे। यही हमारी महाराणा प्रताप को श्रद्धांजलि है। इस अवसर पर जनकराज सिंह सिसौदिया, जितेन्द्र सिंह चौहान, देवेंद्र सिंह चौहान, धर्मेंद्र सिंह, सुरेंद्र, राम भरोसी राठौर, दीपक चौहान, बंटी चौहान, विष्णु, वीरेंद्र आदि उपस्थित थे।
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