आगरा की जूता मंडी दिवालिया, लाखों लोगों पर संकट, आखिर कैसे चला पाएंगे परिवार..?

आगरा की जूता मंडी दिवालिया, लाखों लोगों पर संकट, आखिर कैसे चला पाएंगे परिवार..?

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आगरा की जूता मंडी, जो एशिया की सबसे बड़ी जूता मंडी है जहा से पूरी दुनिया में जूता बन कर जाता है कुछ महीनों से मद्दे की मार झेल रहा है। जिस वजह से मध्यम वर्ग के लोगो पर भरी संकट गुजर रहा है,आगरा में जूता मंडी दिवालिया हो गई है। दिवाली से पहले ही इस मंडी के दिवालिया होने से लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।

आगरा की जूता मंडी में बड़े-बड़े जूता उद्योग और छोटे-छोटे जूता कारखाने हैं। इन उद्योगों और कारखानों में लाखों लोग काम करते हैं। हर साल दिवाली पर जूते के काम में तेजी आती है लेकिन इस बार दिवाली से पहले ही इस मंडी के दिवालिया होने से इन लोगों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।

आगरा की जूता मंडी का दिवालिया होने के कई कारण हैं। इनमें से एक कारण यह है कि पिछले कुछ महीनों से जूते की बिक्री में कमी आई है। इसके अलावा, चीन से जूतों के आयात में भी वृद्धि हुई है। इन कारणों से आगरा की जूता मंडी को काफी नुकसान हुआ है। जिसका सीधा असर लाखों जूते का काम करने वाले लोगो पर और उनके परिवार पर पढ़ रहा है।

आगरा की जूता मंडी के दिवालिया होने से आगरा की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा झटका लगा है, जिस वजह से बाकी की चीजों पर भी मद्दे का असर नजर आ रहा है क्योंकि जूते से ही आगरा की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ता है। आगरा की जूता मंडी आगरा की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस मंडी के दिवालिया होने से आगरा की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान हो रहा है और होगा।

आगरा की जूता मंडी के दिवालिया होने से सबसे ज्यादा नुकसान छोटे-छोटे जूता कारखाने वालों और घरेलू जूता बनाने वालों को हुआ है। इन लोगों के पास ऋण है जो किसी से कर्जा लेकर के अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे वह उम्मीद लगा कर बैठे थे की शायद 3 महीने काम न चला हो दिवाली पर चलेगा लेकिन ऐसा होता नजर नही आ रहा है, कर्जा लेने के बाद जिसे वे चुकाने में असमर्थ हैं जिससे भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा।

आगरा की जूता मंडी के दिवालिया होने से आगरा में बेरोजगारी भी बढ़ेगी। आगरा की जूता मंडी में काम करने वाले लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे।

आगरा की जूता मंडी के दिवालिया होने से आगरा में सामाजिक और आर्थिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आगरा में गरीबी और असमानता बढ़ सकती है जिससे वह और भी पीछे चले जायेंगे ।

आगरा की जूता मंडी के दिवालिया होने से आगरा के लिए यह एक बड़ा संकट है। इस संकट से आगरा की अर्थव्यवस्था और समाज को काफी नुकसान होगा।

आगरा में जूता उद्योग में समस्याओं के कारण

आगरा में जूता उद्योग में कई समस्याएं हैं, जो इस उद्योग को दिवालिया होने के लिए जिम्मेदार हैं। इन समस्याओं में शामिल हैं:

चीन से जूतों के आयात में वृद्धि: चीन से जूतों के आयात में वृद्धि ने भारत में जूता उद्योग को नुकसान पहुंचाया है। चीन से जूते कम कीमत पर उपलब्ध हैं, जिससे भारतीय जूतों की प्रतिस्पर्धा कम हो गई है।
जूतों की बिक्री में कमी: पिछले कुछ महीनों से जूतों की बिक्री में कमी आई है। इसकी कई वजहें हैं, जैसे कि महंगाई, आर्थिक मंदी और लोगों का खर्च कम करना।

जूता उद्योग में आधुनिकीकरण की कमी: आगरा में जूता उद्योग में आधुनिकीकरण की कमी है। चीन में जूता उद्योग पूरी तरह से आधुनिक है, जबकि आगरा में जूता उद्योग अभी भी पारंपरिक तरीकों पर निर्भर है।

जूता उद्योग में श्रमिकों की कमी: आगरा में जूता उद्योग में श्रमिकों की कमी है। चीन में श्रमिक सस्ते और आसानी से उपलब्ध हैं, जबकि भारत में श्रमिकों की कीमत अधिक है और उन्हें काम पर रखना मुश्किल है।

इन समस्याओं के कारण आगरा की जूता मंडी दिवालिया हो गई है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार और उद्योगपतियों को मिलकर प्रयास करने होंगे।

Dr. Bhanu Pratap Singh