योगी राज-अपराधियों पर एक्शन में प्रदेश में दूसरे नंबर पर आगरा पुलिस, अब तक 14 को एनकाउंटर में किया ढेर – Khabar Bharti UP

अपराधियों पर एक्शन में प्रदेश में दूसरे नंबर पर आगरा पुलिस, अब तक 14 को एनकाउंटर में किया ढेर

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आगरा। यूं तो आगरा पुलिस पर समय समय पर आरोप लगते रहते है मगर आगरा पुलिस योगी सरकार की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत राज्य के अपराधियों से लोहा लेने और उन्हें ठिकाने लगाने में प्रदेश में दूसरे नंबर पर है. आगरा पुलिस और अपराधियों के बीच साल 2017 से अब तक सबसे ज्यादा 1845 एनकाउंटर हुए हैं. जिसमें 14 अपराधियों को ढेर किया गया. जबकि 4654 अपराधियों को मुठभेड़ के दौरान धर दबोचा. इन मुठभेड़ों में पुलिस के 55 जवान भी घायल हुए हैं।

योगी ने सीएम बनते ही दिया था कानून व्यवस्था सुधारने पर जोर 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की सत्ता संभलाते ही कानून व्यवस्था पर सबसे ज्यादा जोर दिया है. योगी सरकार माफिया और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम कर रही है. जिसका नतीजा यह है कि यूपी पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ एक्शन तेज करते हुए पिछले छह सालों में दस हज़ार से ज्यादा एनकाउंटर किए. जिससे यह पता चलता है कि यूपी में योगी सरकार के आने के बाद राज्य में अपराधियों के लिये कोई जगह नहीं है.जो प्रदेश कभी लचर कानून व्यवस्था और माफियाओं के अत्याचार के लिए जाना जाता था, आज उसकी छवि अपराध और भय मुक्त प्रदेश की बन गई है.

खूंखार अपराधी किये आगरा पुलिस ने ढेर

चाहे अपहरण में लिप्त डकैत बदन सिंह हो,बैंक लूट में शामिल बदमाश मुकेश ठाकुर हो ,दीवानी से भागा हुया हिस्ट्रीशीटर विनय श्रोतीया या फिर सरे आम गोल्ड कंपनी में लूट करके दहशत मचाने वाले बदमाश हो कोई भी आगरा पुलिस के जाबांज अधिकारियों से बच न सका और आगरा पुलिस ने इन बदमाशो को ढेर कर दिया। आगरा पुलिस की इस कार्यवाही ने बदमाशो की कमर तोड़ दी।

एनकाउंटर में मेरठ पहले, बरेली पुलिस तीसरे नंबर पर

यूपी पुलिस ने साल 2017 से अब तक 10713 एनकाउंटर किए। इस मामले में आगरा पुलिस जहाँ दूसरे नंबर पर है। वहीं पहले नंबर पर मेरठ पुलिस है। मेरठ पुलिस ने अब तक कुल 3152 एनकाउंटर में/5967 अपराधियों को गिरफ्तार किया जबकि 63 दुर्दांत अपराधियों को मार गिराया। मुठभेड़ के दौरान 401 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। जबकी एक पुलिस जवान शहीद हो गया। यूपी पुलिस की इस कार्रवाई में बरेली पुलिस तीसरे नंबर पर है। बरेली पुलिस ने अब तक 1497 एनकाउंटर किए हैं, जिसमें 3410 अपराधियों को दबोचा गया जबकि 7 की मौत हो गई। पुलिस की कार्रवाई में 437 अपराधी घायल भी हुए।

मुलायम और मायावती सरकार में योगी सरकार से भी ज्यादा एनकाउंटर में मारे गए अपराधी

यूपी में कानून-व्यवस्था और क्राइम कंट्रोल एक बड़ा मुद्दा है। 2017 में भी चुनाव प्रचार के दौरान तमाम बड़े नेता कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने का वादा कर रहे थे। इसके बाद जब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो क्राइम कंट्रोल के लिए एनकाउंटर की एक अघोषित पॉलिसी पर पुलिस ने अमल करना शुरू कर दिया। ‘फुल एनकाउंटर’ के साथ ही मुठभेड़ में अपराधी के पैर में गोली लगने को ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ और ‘हाफ एनकाउंटर’ कहा गया। हालांकि इस सबके बावजूद, आंकड़े देंखे तो मुलायम सिंह यादव और मायावती की सरकार में योगी आदित्यनाथ की तुलना में ज्यादा अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे। वर्ष 2003 से 2007 के बीच एनकाउंटर में मारे जाने वाले अपराधियों का रिकॉर्ड बना। इस दौरान 499 अपराधी मारे गए थे। वहीं मायावती की सरकार में 2008 से 2012 के बीच एनकाउंटर्स में 261 अपराधी मारे गए, जबकि योगी सरकार में 6 साल में 178 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए हैं।

योगी सरकार मे अखिलेश सरकार से ज्यादा एनकाउंटर

आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि वर्ष 2017 से 2022 के दौरान योगी सरकार में 9185 एनकाउंटर हुए, जबकि अखिलेश सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में कुल 4359 एनकाउंटर हुए थे। वहीं योगी सरकार में जहां 156 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए, जबकि अखिलेश सरकार में 40 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे। इसके अलावा अलावा योगी सरकार में 19908 अपराधी एनकाउंटर में गिरफ्तार किए गए, जबकि अखिलेश सरकार में 11963 अपराधी गिरफ्तार किए गए थे। योगी सरकार के दौरान एनकाउंटर में घायल होने वाले अपराधियों की संख्या 3664 थी, जबकि अखिलेश सरकार में 282 अपराधी एनकाउंटर में जख्मी हुए थे। योगी सरकार में इन्हीं घायल अपराधियों के लिए ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ या ‘हाफ एनकाउंटर’ शब्द का इस्तेमाल हुआ।

अखिलेश सरकार मे घायल पुलिस कर्मियों की संख्या कम

योगी सरकार में करीब 1400 पुलिसकर्मी एनकाउंटर में जख्मी हुए तो अखिलेश सरकार में घायल हुए पुलिसकर्मियों की संख्या 150 थी। योगी सरकार में 15 पुलिस वाले पुलिसकर्मी एनकाउंटर में शहीद हुए, जबकि अखिलेश सरकार में 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।

मुलायम और मायावती शासन में हुए ज्यादा एनकाउंटर, जबकि कम पुलिसकर्मी हुए थे शहीद

योगी सरकार के दौरान यह साबित करने की कोशिश होती रही है कि अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए सख्ती से कार्यवाही की जा रही है, जिसका अहम हिस्सा ये एनकाउंटर हैं। हालांकि आंकड़ों पर अगर गौर करें तो वर्ष 2002 से 19 मार्च 2017 के बीच यूपी में 800 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे, यानी हर साल औसतन 56 अपराधियों की मुठभेड़ में मौत हुई, जबकि योगी सरकार में यह औसत निकालें तो हर साल 30 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए हैं।यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि मुलायम सिंह यादव और मायावती की सरकार में योगी आदित्यनाथ की तुलना में ज्यादा अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे। वर्ष 2003 से 2007 के बीच एनकाउंटर में मारे जाने वाले अपराधियों का रिकॉर्ड बना। इस दौरान 499 अपराधी मारे गए थे। खास यह भी कि मुलायम सरकार में 11 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे, वहीं मायावती की सरकार में 2008 से 2012 के बीच एनकाउंटर्स में 261 अपराधी मारे गए और 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।

Dr. Bhanu Pratap Singh