आगरा: उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन की ओर से बीडब्ल्यूआई के सहयोग से स्टेक होल्डर मीटिंग का आयोजन किया गया था। इस मीटिंग में संगठन के पदाधिकारियों कुशल श्रमिकों व मजदूरों के साथ साथ निर्माण क्षेत्र से जुड़े विभिन्न ठेकेदारों ने भाग लिया। इस एक दिवसीय मीटिंग में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा की वरिष्ठ नेत्री व समाजसेविका बीना लवानिया मौजूद रही। इस पूरी मीटिंग का उद्देश्य पेंट वर्कोट्स कौशल परिषद द्वारा सर्टिफाइड महिला श्रमिकों को रोजगार के अवसरों से जोड़ना था।
पेंटिंग-वॉल पुट्टी का प्रशिक्षण
यूपी ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा ने बताया कि सभी श्रमिक महिलाओं को पेंटिंग और वॉल पुट्टी का प्रशिक्षण दिलाया गया है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से वो कुशल श्रमिक बन गयी है और पुरुषों के समान ही कार्य करने में पूरी तरह से सक्षम है। इन सभी महिलाओं ने नेशनल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल की काेर काउंसिल पेंट एंड कोट्स स्किल काउंसिल से प्रशिक्षण लिया है। करीब सवा महीने प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने वाल पुट्टी और घरों में पेटिंग का काम सीखा।
हितधारक नेटवर्किंग मीटिंग का उद्देश्य
इस अवसर पर नेटवर्किंग मीटिंग का आयोजन किया जिसका मुख्य उद्देश्य ठेकेदारों को महिला श्रमिकों के कौशल से अवगत कराना था। उनसे कहा गया कि यदि उनके कार्य कार्य स्थल पर पेंटर की आवश्यकता हो तो महिला श्रमिकों को वरीयता के आधार पर रोजगार दिया जाए, जिससे महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकें।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वीना लवानिया ने जब वहां मौजूद महिला श्रमिकों से खुलकर वार्ता की तो उनकी कुशलता और पेंटिंग वॉल पुट्टी में जो प्रशिक्षण लिया है उसकी झलक भी उन्हें देखने को मिली। उन्होंने महिला श्रमिकों से खुलकर वार्ता करते हुए सेफ्टी पॉइंट सुरक्षा के उपकरण के साथ-साथ किस तरह से पेंटिंग और वॉल पुट्टी के कार्य को अंजाम दिया जाता है, इसके बारे में पूछा तो महिला श्रमिकों ने खुलकर उन्हें जवाब भी दिया। क्योंकि डेढ़ महीने तक उन्होंने इसी का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वलाम्बी बनाने के संगठन के प्रयास की उन्होंने भूरी भूरी प्रशंसा की।
मुख्य अतिथि बीना लवानिया ने संगठन की प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि लगभग 40 सालों से उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा मजदूरों के बीच में रहकर उनके बेहतर जीवन के लिए कम कर रहे हैं। मजदूरों के बच्चे कैसे शिक्षित हो इसके लिए उनके द्वारा श्रमिक स्कूल खोले गए तो वहीं अब इस महंगाई के दौर में श्रमिक महिलाओं को कुशल श्रमिक बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिलवा रहे हैं। इतना ही नहीं इस तरह की मीटिंग का आयोजन करके उन्हें काम दिलाने का भी प्रयास कर रहे हैं। यह एक तपस्वी ही कर सकता है और उनकी तपस्या इस कार्य में झलकती है। उन्होंने यह भी कहा कि संगठन के इस कार्य में वह भी उनके सहयोगी बनना चाहती हैं, जहां संगठन को जरूरत होगी वह हर संभव उनकी मदद के लिए खड़ी रहेगी।
श्रमिक महिला को आत्मनिर्भर बनाना उद्देश्य
संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा ने कहा कि संगठन के प्रयास है कि महिला श्रमिकों को कौशल विकास के साथ-साथ रोजगार से जोड़ा जाए जिसके लिए संगठन लगातार प्रयासरत है। जिस महिला श्रमिक पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन सकें। इसी कड़ी में संगठन ने सहकारी समिति का भी गठन किया है जिसके माध्यम से महिला श्रमिकों को नियमित रोजगार मिल सके और सहकारी समिति का संचालन महिला श्रमिकों द्वारा ही किया जाएगा। इस पूरे कार्यक्रम के माध्यम से वह कुशल श्रमिक महिलाओं को भी पुरुष के समान वेतन दिलवाने का प्रयास कर रहे हैं।
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