Agra News: नगला पदी में राशन डीलर की दबंगई, यूनिट से कम अनाज, सवाल पर धमकी — ‘कार्ड रद्द कर दूंगा’

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गरीब की थाली में साजिश: राशन कम धमकी ज्यादा!

नगलापदी में राशन डीलर का तानाशाह रवैया उजागर, वीडियो वायरल

आगरा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सरकार हर जरूरतमंद को मुफ़्त राशन देने का दावा करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे अलग और चौंकाने वाली है। आगरा के नगला पदी क्षेत्र में सरकारी राशन डीलर की दबंगई का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह राशन की कटौती के खिलाफ सवाल उठाने पर उपभोक्ताओं को खुलेआम धमका रहा है — राशन कार्ड रद्द कर दूंगा।

क्या है मामला?

आगरा के नगला पदी में स्थित एक सरकारी राशन की दुकान पर डीलर द्वारा यूनिट के अनुसार पूरा राशन न दिए जाने से स्थानीय उपभोक्ताओं में आक्रोश है। लेकिन हाल ही में एक लाभार्थी द्वारा कटौती पर आपत्ति जताने पर डीलर ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और सार्वजनिक रूप से धमकी दी कि शिकायत कर दी तो कार्ड रद्द करवा दूंगा।

यह घटना पीड़ित उपभोक्ता ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि डीलर न सिर्फ राशन कम दे रहा है, बल्कि सवाल करने वालों को धमकी भी दे रहा है।

गरीबों का राशन, डीलर की मनमानी

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार स्थानीय निवासियों का आरोप है कि उक्त डीलर लंबे समय से इस तरह की करतूतें कर रहा है। किसी उपभोक्ता दो किलो राशन कम करता है, तो किसी का नाम काटने की धमकी देता है। जो भी गरीब या मजदूर वर्ग सवाल उठाता है, उसे ‘सूची से नाम कटवाने’ या ‘कार्ड कैंसिल कराने’ की धमकी देकर चुप करा दिया जाता है।

स्थानीय उपभोक्ता ने बताया कि प्रत्येक राशन कार्ड पर प्रति यूनिट के हिसाब से 500 ग्राम, राशन कम देता है। उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत करने की बोलने पर कहता है—जा शिकायत कर, कार्ड रद्द करवा दूंगा। अब हम जाएं तो जाएं कहां?

गरीब की थाली में जबरन कटौती और दबंगई की यह घटना साबित करती है कि सरकारी योजनाओं की जमीनी निगरानी अब भी बेहद कमजोर है। जब तक ऐसे डीलरों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक प्रधानमंत्री की कल्याण योजनाएं सिर्फ कागज़ों में ही “कल्याणकारी” रहेंगी।

प्रश्न यह है कि क्या अब कोई ठोस कार्रवाई होगी?

क्या प्रशासन जागेगा, या फिर… हर बार की तरह ‘जांच’ की चादर ओढ़कर गहरी नींद सोता रहेगा?

जांच के नाम पर महीनों बीत जाते हैं, और डीलर का तराजू तब तक अपना खेल करता रहता है?

क्योंकि सवाल अनाज का नहीं, गरीब की गरिमा का है। और इस बार कैमरा गवाही दे रहा है।

रिपोर्टर- ब्रज निगम

Dr. Bhanu Pratap Singh