Agra News: मंत्री डॉ. संजय निषाद ने आगरा में की विभागीय समीक्षा, बोले— “मत्स्यपालन से बढ़ेगा रोजगार, दुगनी होगी आय”

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आगरा। प्रदेश के मत्स्य मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने शुक्रवार को सर्किट हाउस, आगरा में मत्स्य विभाग, सिंचाई विभाग और बैंकिंग संस्थाओं के अधिकारियों के साथ मंडलीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने जनपद के मत्स्य पालकों से संवाद कर उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ने के निर्देश दिए।

बैठक में मंत्री ने संबंधित विभागों को आपसी समन्वय बनाकर पात्र लाभार्थियों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना जैसी योजनाओं का अधिकतम लाभ देने के निर्देश दिए। उन्होंने तालाबों के पट्टे, ऋण की सुलभ उपलब्धता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की समीक्षा भी की।

डॉ. निषाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मत्स्य विभाग द्वारा पशुपालकों और मत्स्य पालकों के हित में अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा,  “पिछली सरकारों ने 67 वर्षों में मत्स्य विभाग को मात्र 3 हजार करोड़ रुपये दिए, जबकि हमारी सरकार ने पिछले साढ़े छह वर्षों में 41,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।”

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत देश में मत्स्य उत्पादन, रोजगार सृजन और आय दोगुनी करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। इससे लोगों को प्रोटीन युक्त भोजन भी सुलभ हो रहा है।

आगरा-मथुरा में बनेंगे हाइटेक एक्वा पार्क और प्रोसेसिंग यूनिट्स

मंत्री ने बताया कि आगरा और मथुरा में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हाइटेक एक्वा पार्क और प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। मथुरा में बंद पड़ी यूनिट को जल्द ही पुनः आरंभ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगरा में खारे पानी की उपलब्धता के कारण यहां झींगा पालन (श्रिम्प फार्मिंग) को प्राथमिकता दी जा रही है।

अब तक आगरा जनपद में 282 प्रोजेक्ट चिह्नित किए गए हैं, जिनमें से लगभग 200 प्रोजेक्ट स्वीकृत होकर संचालित किए जा रहे हैं।

बीमा और शिक्षा सहायता की भी सुविधा

मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछुआरों को बीमा कवरेज प्रदान किया जा रहा है। इसमें आकस्मिक मृत्यु या स्थायी विकलांगता पर ₹5 लाख, जबकि आंशिक विकलांगता पर ₹2.5 लाख की सहायता दी जाती है।

इसके अलावा मत्स्य पालक कल्याण कोष के माध्यम से मत्स्य पालकों और उनके बच्चों को शिक्षा, चिकित्सा और प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है।

मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य मत्स्यपालन को रोजगार और आत्मनिर्भरता का मजबूत साधन बनाना है। उन्होंने सभी विभागों से कहा कि वे सहयोगात्मक भावना से कार्य करें ताकि प्रदेश के मत्स्य पालक समाज को अधिकतम लाभ मिल सके।

— रिपोर्ट: शीतल सिंह माया

Dr. Bhanu Pratap Singh