आगरा: कलकत्ता में महिला चिकित्सक की रेप के बाद वीभत्स हत्या के बाद अस्पतालों एवं डॉक्टर्स एवं मेडिकल स्टॉफ की सुरक्षा को लेकर पूरे देश में सवाल खड़े हो रहे हैं। उधर, महिला चिकत्सक की हत्या के बाद राजनीति भी अपने चरम पर है। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसका असर आगरा में भी दिखाई दे रहा है। आगरा में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अरुण श्रीवास्तव के नेतृत्व में जिले के सभी सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज एवं सीएचसी – पीएचसी पर सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं।
इस संबंध में जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ राजेंद्र अरोड़ा ने बताया कि प्रमुख सचिव स्वास्थ्य चिकित्सा एवं अन्य उच्च अधिकारियों ने वीसी के माध्यम से सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि वह अपने अपने संस्थानों में सुरक्षा को और मजबूत करें। इसके लिए सभी अधिकारी समन्वय बनाकर काम करें, मुख्य चिकित्साधिकारी नोडल अधिकारी के रूप में काम करेंगे।
जिला अस्पताल की बात करें तो यहां पर मरीजों एवं तीमारदारों की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए जहाँ पूरे परिसर को अंधेरे से मुक्त किया जा रहा है, किसी भी कोने में अंधेरा ना रहे इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिला अस्पताल में प्रॉपर रोशनी होने के दिशा निर्देश दिए हैं। यही नहीं जिला अस्पताल की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए पूर्व सैनिकों की सेवाओं को भी लिया जाएगा, इसके लिए जल्द ही मुख्य चिकित्साधिकारी के दिशा निर्देशन में नियुक्ति की जाएगी।
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर राजेंद्र अरोड़ा ने बताया कि जिला अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए 24 घंटे होम गार्ड की तैनाती की जा रही है, यह होमगार्ड तीन शिफ्ट में तैनात रहेंगे। इसके साथ ही आगरा में तीसरी आंख यानी कि सीसीटीवी से भी नजर रखी जा रही है। जिला अस्पताल में करीब 41 कैमरे दुरुस्त हालत में है, जो के प्रॉपर्ली कम कर रहे हैं। उनकी संख्या को भी आगे बढ़ाया जाएगा।
डॉ.राजेंद्र अरोड़ा ने बताया कि कई बार देखा गया है कि बाहरीतत्व ओपीडी ख़त्म होने के बाद भी दिखाई देते हैं। तीमारदारों, मरीज के साथ-साथ चिकित्सकों एवं मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा पर कोई आंच न आए इसीलिए इमरजेंसी सहित सभी जिला अस्पताल के वार्डों में पास की व्यवस्था की जा रही है। अब कोई भी बाहरी व्यक्ति बगैर पास वार्ड में प्रवेश नहीं कर सकेगा। अब जिला अस्पताल तीमारदारों के लिए पास अनिवार्य कर दिया गया है। अब एक मरीज के साथ सिर्फ एक तीमारदारी मौजूद रहेगा।
गौरतलब है कि एक पखवाड़ा पहले ही महिला वार्ड में एक तीमारदार द्वारा देर रात महिला मेडिकल स्टाफ के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया था। वह तो गनीमत रही कि नर्स की चीख सुनने के बाद अन्य वार्ड के मेडिकल स्टाफ एवं चिकित्सा इलाहाबाद पहुंच गए और अपने स्टाफ को बचाया। इस मामले में पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी।
डॉ.राजेंद्र अरोड़ा ने बताया कि मंगलवार को भी ओपीडी पर्ची काउंटर पर एक बाहरी व्यक्ति घुस गया जिसने ओपीडी का पर्चा बनवा रहे एक व्यक्ति का मोबाइल पर कर दिया। जो सीसीटीवी कैमरे की कैद में आ गया और उसे पुलिस दबोच कर अपने साथ ले गई।
साभार सहित
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