Agra News: रक्तांबर धारी के रूप में गजानन ने दिए दर्शन, 100 किलो का मोदक बना आकर्षण का केंद्र

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गणेश उत्सव में हर दिन बढ़ रही श्रीवरद वल्लभा महागणपति के दर्शन को भीड़, लाल श्रंगार में दिए दर्शन

आगरा−फिरोजाबाद रोड स्थित श्रीवरद वल्लभा मंदिर में गणेश चतुर्थी महोत्सव में मनाया छठवां दिन दिन

आगरा। रत्न जड़ित आभूषणाें और लाल गुलाब के फूलों से श्रंगारित श्रीवरद वल्लभा महागणपति जी ने रक्तांबर वस्त्र एवं चांदी के श्री तिलक को धारण कर भक्तों को दर्शन दिए। गुरुवार को आगरा फिरोजाबाद रोड स्थित श्रीवरद वल्लभा महागणपति मंदिर में चल रहे श्रीगणेश चतुर्थी उत्सव में छठवां दिन मनाया गया।

झमाझम बारिश भी श्रद्धालुओं को अपने आराध्य तक पहुंचने में रुकावट न बन सकी। भक्तों का अपार समूह मंदिर परिसर में रखे 100 किलो के मोदक को देखने के लिए आकर्षित होता रहा। जयपुर से मंगवाए गए चांदी के विशेष श्री तिलक की शाेभा महागणपति के मस्तक पर लगने से और बढ़ रही थी। मंदिर संस्थापक हरिमोहन गर्ग ने बताया कि श्रीवरद वल्लभा महागणपति के प्रति भक्तों की आस्था लगातार बढ़ती जा रही है। मुंबइ के सिद्धिविनायक मंदिर को देखकर ही आगरा में मंदिर निर्माण की प्रेरणा मिली थी। मंदिर में दिव्य सुगंध के लिए यहां प्रयोग होने वाला चंदन का लेप दक्षिण भारत से ही मंगाया जाता है। जब मंदिर निर्माण से लेकर मंदिर संचालन तक के हर कार्य में परिवार के लोग सहयोग करते हैं। जल्द ही मंदिर परिसर में ही आगरा का पहला नवग्रह मंदिर बनने जा रहा है। उन्होंने बताया कि मेवे से बने मोदक के दर्शन 17 सितंबर तक किये जा सकते हैं। इसके बाद मोदक का प्रसाद भक्तों में वितरित कर दिया जाएगा।

मंदिर प्रबंधक नितिन शर्मा ने बताया कि छठवें दिन की पूर्ण सेवा के यजमान कानपुर से आए प्रमोद चंद सेठ, राघवेंद्र चंद्र सेठ, भरत चंद्र सेठ की ओर से रही।

Dr. Bhanu Pratap Singh