Agra News: फाइनेंस कर्मी गुंडई के दम पर बीच सड़क पर छीन रहे गाडियां, आखिर कार्यवाही क्यों नहीं?

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आगरा। शहर में सुबह से लेकर शाम तक फाइनेंस कर्मियों की गुंडई शहर की सड़को पर खुलेआम देखी जा सकती है।यह फाइनेंस कर्मी गिरोह बनाकर शाहदरा, सिकंदरा, रामबाग, ताजगंज, घाट, ताजगंज, बेलनगंज, रुनकता आदि जगहों पर खड़े देखे जा सकते है।

यह फाइनेंस कर्मी बिना नंबर प्लेट की गाड़ियों से चलते है। जिससे अगर यह कोई वारदात करे तो इनकी पहचान ना हो सके। पूर्व में भी कई फाइनेंस कर्मी लूट जैसे मामले में जेल जा चुके है। मगर जेल जाने के कुछ दिन बाद तक तो इनका कार्यालय बंद रहता है। मगर कुछ दिन बीत जाने के बाद ही यह गुंडे फिर से सड़को पर उतर जाते है।

थाने से चंद कदमों की दूरी पर फाइनेंस कर्मियों का कार्यालय

थाना एत्माद्दौला से कुछ ही दूरी पर कटरा वजीर खां में फाइनेंस कर्मियों का कार्यालय मौजूद है। जिस पर सुबह से लेकर शाम तक यह गुंडे गाडियां जबरन खीच कर लाते है। यह ना तो बुजर्ग देखते है। और ना ही गाड़ी पर बैठी महिला और ना बच्चे। इन्हे तो बस जबरन गाड़ी खींचने से मतलब है। और अगर कोई गाड़ी ना लेकर आए तो उसके साथ यह लोग मारपीट तक उतारू हो जाते है .

पूर्व में भी कई फाइनेंस कर्मी जेल जा चुके है। यह कार्यालय प्रवीन गिरी नामक युवक का है जो गुंडई के बल पर जबरन गाड़ियों को फाइनेंसकर्मियो के रूप में लगे गुंडो पर छिनवाता है । इसका एत्माद्दौला क्षेत्र में आतंक काफी वर्षों से है आज तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है ।

सिकन्दरा से लेकर सम्पूर्ण शहर में फाइनेंसकर्मियो का आतंक

सिकन्दरा क्षेत्र में आशुतोष इन गुंडो का मालिक है और वीरू जो गाड़ियों को गुंडई के बल पर लड़कों के साथ छिनबाता है ।इसके साथ ही बेलनगंज में अमन शर्मा नामक युवक के संरक्षण में छीनी जाती है गाड़ियां ।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गाड़ियों को छीन नहीं सकते हैं जो ग्राहक किसी कारणवश क़िस्त नहीं भर पाता तो उसको न्यायालय के माध्यम से सूचित किया जा सकता है । लेकिन आगरा में तो सुप्रीम कोर्ट के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है । रामबाग क्षेत्र में अनुज यादव तो वहीं बेलनगंज क्षेत्र में अनुज यादव का आतंक है । यह नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम दबंगई एंव गुंडई के बल पर गाड़ियां छीन रहे हैं ।

इनके आतंक में स्थानीय पुलिस का भरपूर सहयोग रहता है ।नाम ना छपाने की शर्त पर एक फाइनेंसकर्मी ने बताया कि इन लोगों के द्वारा स्थानीय पुलिस को महीनेदारी दी जाती है । इस कारण पुलिस द्वारा ग्राहक की शिकायत पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है ।

रिपोर्ट- महावीर सिंह फौजदार

Dr. Bhanu Pratap Singh