आगरा: जिले के उद्यानों और वनों को विलायती बबूल से मुक्त किए जाने की मांग को लेकर पर्यावरण प्रेमियों ने रविवार की सुबह पालीवाल पार्क में प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि जब सर्वोच्च न्यायालय मथुरा के लिये विलायती बबूल हटाने का आदेश दे सकता है तो आगरा के शाहजहां पार्क, पालीवाल पार्क, संजय पार्क, ताज व्यू पार्क आदि उद्यानों से विलायती बबूल भी हटाए जाने चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ता व पर्यावरण प्रेमी केसी जैन ने कहा कि कांटेदार विलायती बबूल भूगर्भ जल को काफी अधिक सोखता है, स्थानीय प्रजाति के विरासत में मिले हुये वृक्षों और झाड़ियों को पनपने नहीं देता है। जंगलों में फलदार पेड़ हों तो शहर को बन्दरों से राहत मिल सकती है। बन्दरों को जंगलों में अपना घर मिल सकता है।
पर्यावरणविद् अंकुश दवे ने कहा कि यदि हम स्थानीय प्रजाति के पेड़-पौधे और झाड़ियों को नहीं लगायेंगे तो आगामी पीढ़ियों को महत्वपूर्ण विरासत से वंचित कर देंगे। यह प्रजाति आक्रामक है जिसने सभी स्थानीय प्रजातियों को समाप्त कर दिया है। इस दौरान अप्सा के अध्यक्ष डा सुशील गुप्ता, डा मुकुल पाण्डया, किशोर जैन, नेशनल चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष अतुल गुप्ता ने भी अभियान को और आगे बढ़ाने व जन जागृति बढ़ाने की बात कही।
कार्यक्रम में आरबी सिंह, अनिल अग्रवाल, मनीष बंसल, मनीष गुप्ता रवि शंकर अग्रवाल, संजीव गोयल, अंकित, मनोज अग्रवाल, संजय अग्रवाल, नितिन दीक्षित, हरीश बाबू, नरेन्द्र पंजवानी, विनोद गुप्ता, रवी गुप्ता, हिमांशु जैन, विजय सेठिया, विनोद सर्राफ, अनिल गुुप्ता, आजाद, ओमप्रकाश, अशोक गुप्ता शामिल रहे।
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