Agra News: नगर भ्रमण को निकले बाबा श्रीमनःकामेश्वर नाथ, हर हर महादेव के गुलाल की रंगत से आसमान हुआ सतरंगी

RELIGION/ CULTURE

आगरा। ये नगरी है देवों के देव महादेव की। जहां नगर देव भी हैं महादेव और नगर कोतवाल भी महादेव। हर हर महादेव की गूंज…खेले होली मसाने की स्वर लहरियां और कुंतलों उड़ता अबीर गुलाल। ये दृश्य काशी नगरी नहीं बल्कि आगरा नगरी का बना जब दशकों पुरानी परंपरा का निर्वाहन करते हुए श्रीमनः कामेश्वर मंदिर द्वारा बाबा का डोला नगर भ्रमण को निकाला गया।

होलिका दहन के दिन श्रीमनः कामेश्वर बाबा का डोला मंदिर परिसर से रावत पाड़ा, जौहरी बाजार, सुभाष बाजार, दरेसी आदि क्षेत्रों में नगर भ्रमण को निकला। डोले में सबसे आगे ग्राम दिगनेर की टोली ब्रज के फाग का ढोल ताशे पर गायन की संस्कृति को फैला रही थी। इसके बाद महंत योगेश पुरी और मंदिर मठ प्रशासक हरिहर पुरी खुले रथ पर कुंतलों अबीर− गुलाल और फूलों की वर्षा के मध्य उड़त अबीर गुलाल रसिया होली में…, रसिया को नार बनाओ री, रसिया को…, तेरी बंशी पर जाउं रसिया होली में… जैसे भजनों को अपने स्वर दे रहे थे।

इसके बाद श्वेत चांदी के डोले और सर्पों के मध्य में सवार श्रीमनः कामेश्वर बाबा के स्वरूप जब आरती के बाद मंदिर से नगर भ्रमण को निकले तो भक्तों को लगा जैसे उनकी कुशलक्षेम की जानकारी बाबा ले रहे हों। मंदिर महंत योगेश पुरी ने बताया कि बाबा के डोले की परंपरा अति प्राचीन है। पूर्व में ये फूलडोले के रूप में निकाली जाती रही है, जिसका आरंभ मंदिर से ही होता था। श्रीमनः कामेश्वर बाबा वर्ष में एक बार नगर भ्रमण को निकलते हैं, जिसका अर्थ अपने भक्तों की कुशलता लेना होता है।

बाबा के डोले में भगवान शंकर और नंदी की सवारी ने सभी को आकर्षित किया तो फाग के रसिया गाती टोली के स्वरों पर हर भक्त बस झूमे जा रहा था। बाबा के डोले का मार्ग में विभिन्न जगह भक्तों ने स्वागत किया और गुलाल उड़ाकर आशीर्वाद ग्रहण किया। गुलाल की रंगत से आसमान बार बार गुलाबी होता जा रहा था। नगर भ्रमण के बाद श्रीमनः कामेश्वर बाबा को विश्राम देकर भक्तों ने प्रसादी का आनंद लिया।

Dr. Bhanu Pratap Singh