आगरा: कमलानगर के एक निजी अस्पताल पर राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस राशि को मृतका की पांच बेटियों में बराबर बांट कर फिक्स डिपॉजिट करवानी होगी। मृतका के पति ने वर्ष 2018 में आयोग में शिकायत की थी।
कमलानगर निवासी रामू का कहना है, उसकी पत्नी उषा गर्भवती थी और उसका कमलानगर के रश्मि मेडिकेयर सेंटर से इलाज चल रहा था। नियमित जांच हो रही थी। रामू द्वारा राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में दायर किए गए वाद में कहा गया कि दो मई, 2018 को वह अपनी पत्नी को अस्पताल में नियमित जांच के लिए लेकर गया था। पत्नी को कोई परेशानी नहीं थी। आरोप है कि पैसे ऐंठने के लिए जल्दबाजी में तीन मई को उषा का ऑपरेशन कर दिया गया। चार मई को अल्ट्रासाउंड करने के बाद डॉक्टर ने कहा कि उनके पेरिटोनियल में खून इकट्ठा हो गया है। इसके लिए फिर से आपरेशन किया गया। इससे 13 जून को उषा की मौत हो गई। पत्नी की मौत के बाद रामू ने आयोग में वाद दायर किया.
दोनों पक्षों और मेडिको लीगल एक्सपर्ट की राय जाने के बाद राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष ने रश्मि मेडिकेयर सेंटर, मुगल रोड पर दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया। पीड़ित परिवार को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देने के लिए दो लाख, 20 हजार रुपये का अतिरिक्त भुगतान अस्पताल को करना होगा। निर्देश दिए गए हैं कि मृतका की पांच बेटियां हैं, इन सभी के नाम बराबर धनराशि फिक्स डिपॉजिट करानी होगी।
- मैनपुरी: एंबुलेंस कर्मियों की सूझबूझ से बची नवजात की जान, सुरक्षित पहुंचाया अस्पताल - October 29, 2025
- गाथा शिव परिवार की– गणेश कार्तिकेय’ में सुभान खान का समर्पण — भगवान कार्तिकेय बनने से पहले सीखी प्राचीन युद्धकला - October 29, 2025
- ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ में बड़ा ड्रामा: दीप्ति का बलिदान बना दर्द की वजह, कादंबरी की साजिश से मचेगा हंगामा! - October 29, 2025