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आचार्य यादराम सिंह वर्मा ‘कविकिंकर’ का सम्मान और खट्टी-मीठी बातें, खबर विस्तार से

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Agra, Uttar Pradesh, India. ‘श्री यादराम सिंह वर्मा ‘कविकिंकर’ प्रान्तीय सिविल सेवा के ईमानदार, कर्मठ, जनप्रिय, लब्धप्रतिष्ठ अधिकारी रहे हैं। वे अपर आयुक्त, मुरादाबाद के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी शैक्षिक उपलब्धियां भी उल्लेखनीय और बहुआयामी हैं। वे हिन्दी और दर्शन शास्त्र से एमए, रसायन शास्त्र से एमएससी तथा एलएलबी हैं। उपाधि प्राप्त ज्योतिष के आचार्य हैं। उनका हिन्दी काव्य सृजन उच्चस्तरीय है। उनके आप्तकामा (श्री रामकथा पर) महारासरसामृत (श्रीमद्भागवत की रासपंचाध्यायी पर) दो खण्ड काव्य आत्म समर्पण (श्रीमद्भागवत गीता पर छन्दावली) और अन्जलि नाटक हिन्दी की भाषा शिल्प और कथ्य विषय की कसौटी पर उत्कृष्ट रचनाएं हैं जो अध्यात्म, दर्शन, धर्म, नैतिकता सामाजिकता के उपादेय सन्देश समाज को देती हैं। उनकी लेखनी सतत कार्यरत है। उनकी एक रचना आफताब- -ए -नूर सद्य प्रकाशित हुई है जो उर्दूबहुल भाषा शैली और देवनागरी लिपि में लिखी गई है। यह भक्ति और अध्यात्ममय सुंदर सराहनीय रचना है। मृदुल और विनयशील वर्मा जी ‘आचार्य यादराम सिंह कविकिंकर’ के नाम से सोशल मीडिया पर भी अति सक्रिय हैं। प्रतिष्ठित साहित्यकारों,  माननीय अतिथियों, समाज के गणमान्य व्यक्तियों, संभ्रान्त नागरिकों की उपस्थिति में बहुतआयामी व्यक्तित्व के धनी श्री यादराम सिंह वर्मा कविकिंकर का सम्मान करते हुए सारथी फाउण्डेशन ट्रस्ट स्वयं को गौरवान्वित एवं सम्मानित अनुभव कर रहा है। हम उनके सुखमय और स्वस्थ जीवन की परमात्मा से कामना करते हैं।’

इस भावना के साथ सारथी फाउंडेशन ट्रस्ट ने यादराम सिंह वर्मा ‘कविकिंकर’ (पूर्व एडिशनल कमिश्नर) की दो पुस्तकें आप्तकामा और आफताब-ए-नूर का लोकार्पण कराया। साथ ही कविकिंकर का शानदार सम्मान किया गया। उन्हें पुष्पहारों से लाद दिया। हर कोई उनके स्वागत को आतुर था। यादराम सिंह वर्मा ने जब अपने सम्मान में बोलना शुरू किया तो हर कोई अवाक रह गया। उनके संस्कृत ज्ञान ने हर किसी को चमत्कृत कर दिया। उनकी पुस्तकें प्रकाशित करने वाले निखिल प्रकाशन के स्वामी मोहन मुरारी शर्मा ने टिप्पणी की- ‘हम तो समझते थे अन्य कवि की तरह कविता लिखते होंगे लेकिन आज सुना तो पता चला कि आप तो उच्चकोटि के विद्वान हैं। आपने आचार्य की पदवी ली है तो उसे सार्थक भी कर रहे हैं।’ यह कार्यक्रम 26 दिसम्बर, 2021 को चौधरी सभागार, 14 सुलभपुरम, सिकंदरा-बोदला रोड पर हुआ। कवि गोष्ठी भक्तिमय हो गई। राम पर चर्चा अधिक हुई।

 

 

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पुस्तक का लोकार्पण करते कविगण

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और प्रसिद्ध गीतकार शिवसासागर (मूलनाम शिवकुमार शर्मा) ने ताजमहल पर कविता सुनाकर हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आलिंगन को व्याकुल हैं चार मीनारें ताज की

दो बाहें शाहजहां की हैं, दो बहियां हैं मुमताज की

 

अध्यक्षता करते हुए दिनेश कुमार वर्मा सारथी ने कहा-

कवि लिखता कविता तब ही जब होते दिल में उद्गार

या हो दिल में पीड़ा या हो जाए किसी से प्यार

और

 

नाम सारथी है मेरा परिंदों की खबर रखता हूँ

हर दिल अजीज हूँ, इंसानियत की फिकर रखता हूँ।

 

डॉ. बृजबिहारी लाल बिरजू ने कहा-

जैसो जाको विधि ने है लिखौ भोगनौ ही परै

जैसे कंचन बनौ शोभा संसार की बाकूं पावक में जल कैं निखरनौ परै

 

डॉ. केशव कुमार अग्रवाल ने कहा-

हम जा गांव के वासी हैं तहां देखी सोन चिरैया रे

 

सुरेन्द्र कुमार सजग ने कहा-

बदल गई भारत की तस्वीर

अंगूठा छाप दिखे भारत की तकदीर

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जाट क्षत्राणी सभा की ओर से डॉ. हृदेश चौधऱी ने यादराम सिंह वर्मा का सम्मान किया।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. भानु प्रताप सिंह ने कहा-

ताजमहल क्या है तुम हमको सच्ची-सच्ची बतलाओ

कसम तुम्हें मुमताज महल की मन की गांठ खोल जाओ

 

रजनीकांत लवानिया ने कहा-

प्रभु संकट मोचन नाम है आपको

मेरे हू संकट टारियो तो।

 

आदर्श नंदन गुप्त ने कहा-

अवध में राम आए, नाचो-झूमो-गाओ

 

कुमार ललित ने कहा

दरवाजा, खिड़की, किचन, आंगन,रोशनदान

आपस में पूछा करे, कहां गया इंसान..

 

नारायण सिंह भदौरिया ने कहा

आप हमारे गांव कभी निज शहर छोड़कर आएं

धरती पर तुम्हें स्वर्ग का दर्शन हम करवाएं

 

दिनेश अगरिया ने कहा-

राम आदि हैं राम अनंता, सत्य सनानत वे भगवंता

राम सभी पुरुषों में उत्तम, तीन लोक में कोई न सक्षम

राम हमारे, राम तुम्हारे, राम जगत हैं रखवारे..

 

दिनेश बघेल ने कहा-

मेरी लाड़ो, मेरी बिटिया, मेरी जूही की कली

तेरी मुस्कान से इस दिल की हर एक ज्योति जली

 

रामकिशन अग्रवाल ने कहा-

हर मुसीबत में साथ खड़ी होती हैं बेटियां

 

वृंदावन से आए अरुण भदावरी ने रस भरे छंद सुनाकर हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

 

देवेन्द्र सिंह परमार समेत इन सभी कवियों का सम्मान भी किया गया। सम्मान समारोह का संचालन आदर्श शिक्षक नेता राजीव वर्मा ने किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध गीतकार शिवसागर, विशिष्ट अतिथि लेखिका डॉ. हृदेश चौधरी, ट्रस्ट के अध्यक्ष दिनेश कुमार वर्मा ‘सारथी’, सचिव डॉ. सुरेन्द्र सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ. भानु प्रताप सिंह, सुरेन्द्र कुमार ‘सजग’, डॉ. बृज बिहारी लाल वर्मा ‘बिरजू’, अरुण भदावरी (वृंदावन), रजनीकांत लवानिया, डॉ. केशव कुमार शर्मा, आचार्य यादराम सिंह वर्मा कविकिंकर, मोहन मुरारी शर्मा (निखिल प्रकाशन), डॉ. भानु प्रताप सिंह, आदर्श नंदन गुप्त, दिनेश अगरिया, देवेन्द्र सिंह परमार, कुमार ललित, नारायण सिंह भदौरिया, एडीएम डीपी सिंह आदि ने पुस्तकों का लोकार्पण किया। शिवसागर शर्मा ने कहा कि आप्तकामा संस्कृतनिष्ठ होने के बाद भी सबकी समझ में आती है। डॉ. बिरजू ने कहा कि यह पुस्तक भारतीय संस्कृति के दर्शन कराती है।

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जाट क्षत्राणी सभा की डॉ. हृदेश चौधरी, महामंत्री शैल परिहार, कोषाध्यक्ष चन्द्रावती नरवार, उपमंत्री तारा चौधरी, संतोश चाहर, राष्ट्रीय जाट एकता संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह, प्रदेश महासचिव अमित चौधरी, निखिल प्रकाशन के एमएम शर्मा, प्रेम सिंह सोलंकी, सुरेन्द्र वर्मा एडवोकेट, इन्दु सिंह, सुनीत, रामलता, जाट क्षत्राणी की ओर से डॉ. हृदेश चौधरी आदि ने माला और साफा पहनाकर आचार्य यादराम सिंह वर्मा ‘कविकिंकर’ और उनकी पत्नी उर्मिला वर्मा का सम्मान किया।शास्त्रीपुरम जनसेवा समिति की ओर से पार्षद मंजू वार्ष्णेय, कमलेश जाटव, देवेन्द्र सिंह परमार, राजवीर सिंह, मुकेश गोयल आदि ने यादराम सिंह वर्मा का सम्मान किया। डॉ. हृदेश चौधरी को भी सम्मानित किया गया। सम्मान पत्र का वाचन यूटा के कोषाध्यक्ष संजीव कुमार शर्मा ने किया।

सचिव डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने ट्रस्ट की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा– वर्ष 2015 में स्थापित सारथी फांउडेशन ट्रस्ट ने अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अब तक अनेक कल्याणकारी सामाजिक कार्य किए हैं। इनसे निश्चित रूप से समाज के विभिन्न वर्गों के लोग लाभान्वित हुए हैं। ट्रस्ट का जनकल्याण का यह अभियान लगातार जारी है। ट्रस्ट ने सबसे पहले सामाजिक बुराइयों पर प्रहार करने और मानवीय चेतना को जगाने के लिए ‘सारथी सच’ नामक काव्य संग्रह का प्रकाशन कराया। ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री दिनेश कुमार वर्मा द्वारा रचित इस काव्य संग्रह में बहुत ही सारगर्भित कविताएं हैं। पुस्तक का विमोचन होटल क्लार्क्स सिराज में तत्कालीन जिलाधिकारी अमृत अभिजात से कराया गया। कार्यक्रम में जाने माने कवि सोम ठाकुर के अलावा शहर के प्रतिष्ठित उद्यमियों और अन्य गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया। काव्य संग्रह की एक हजार प्रतियां छपवाकर वितरित की गईं।

उन्होंने कहा- वर्ष 2016 में एसएस एजूकेशनल इंस्टीट्यूट और श्यामा श्याम टीचर्स ट्रेनिंग कालेज, गामरी, मलपुुरा में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित कर सैकड़ों पौधे रोपे गए। विद्यार्थियों को पौधारोपण के महत्व की जानकारी दी। पीपी गार्डन, राधे ग्रीन, दयालबाग में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग पर आधारित एक संगोष्ठी कर लोगों को जागरूक किया। साथ में सघन पौधारोपण का कार्यक्रम भी किया गया। इसमें कालोनी के लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने कहा- वर्ष 2017 और 2018 में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के समर्थन में स्वच्छता के कार्यक्रम चलाए गए। इसके अलावा गरीबों को भोजन देने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र यादव को पांच हजार रुपये दान किए। गरीबों को कंबल वितरित कराने के लिए 10 हजार रुपये सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र यादव को दिए गए। वर्ष 2021 में कोरोना काल में गरीबों के भोजन, सेनेटाइजर और मास्क के वितरण का कार्य सदस्यों ने व्यक्तिगत स्तर से किया।

उन्होंने कहा- 2021 में ट्रस्ट के कार्यों से प्रभावित होकर सेवानिवृत अपर आयुक्त श्री यादराम सिंह वर्मा ट्रस्ट में शामिल हुए। उन्हें सर्वसम्मति से वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया। उनके सुझाव पर ट्रस्ट द्वारा कैलाश मंदिर के निकट रामलाल वृद्धाश्रम में वृद्ध लोगों को भोजन कराया गया। ट्रस्ट द्वारा नया कार्यक्रम आज श्री यादराम वर्मा का सम्मान एवं कवि सम्मेलन कराया जा रहा है। इसके बाद शीघ्र ही कीठम स्थित अंधों के विद्यालय में बच्चों को पौष्टिक भोजन कराया जाएगा। इसके लिए ट्रस्ट द्वारा सात हचार रुपये का भुगतान कर दिया गया है। जल्द ही ट्रस्ट का आयकर की धारा 80ए के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। जिसके अंतर्गत इस दान दी जाने वाली राशि आयकर से मुक्त होगी।

 

 

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