अमित शाह ने देश में नई सहकारिता नीति की जरूरत पर जोर दिया

अमित शाह ने देश में नई सहकारिता नीति की जरूरत पर जोर दिया

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देश की राजधानी नई दिल्ली में सहकारिता नीति पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में अमित शाह ने देश में नई सहकारिता नीति की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र अगले 8 से 9 महीनों में नई नीति लेकर आएगा जो प्राथमिक कृषि ऋण समिति के मुद्दे को एपेक्स सहकारी संघ को संबोधित करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यों को सहकारिता पर अपना कानून बनाने का अधिकार है और हम इसमें हस्तक्षेप करने का इरादा नहीं रखते हैं। हमारा लक्ष्य सहकारी नीतियों को मजबूत करने का होना चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि देश के विकास में ढेर सारा योगदान सहकारिता का है। कृषि फाइनन्स में 25 प्रतिशत, उर्वरक वितरण में 35 प्रतिशत, खाद का उत्पादन 25 प्रतिशत, चीनी का उत्पादन 31 प्रतिशत, दूध की खरीद और उत्पादन 25 प्रतिशत, गेहूं की खरीद में 30 प्रतिशत, धान की खरीद में 20 प्रतिशत और मछली उत्पादन में 21 प्रतिशत का योगदान है।
पारदर्शिता लानी पड़ेगी तभी छोटे किसान का हम पर बढ़ेगा भरोसा: शाह
साथ ही कहा कि हमें सहकारिता को, सहकारिता आंदोलन को आज के समय की जो चुनौतियां हैं इसके लिए तैयार करना होगा। हमें पारदर्शिता लानी पड़ेगी तभी जाकर छोटे से छोटे किसान का भरोसा हम पर बढ़ेगा। हमें चुनाव में लोकतांत्रिक मूल्यों को कानून के तहत स्वीकारना पड़ेगा।
अमित शाह ने कहा कि सहकारी निकायों के लिए ऋण सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण की आवश्यकता है। उन्होंने सहकारिता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के उद्देश्य से एक नया सहकारिता मंत्रालय बनाया है।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh