सूरसदन सभागार में सामाजिक एकजुटता का विराट दृश्य
लोधी क्षत्रिय इम्पलाइज एसोसिएशन (लक्ष्य) आगरा ने आठवें प्रतिभा सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की 450 से अधिक प्रतिभाओं का किया भाव भरा अभिनंदन
*सम्मान की चमक, बच्चों की आँखों में सपने—सूरसदन बना भविष्य की पाठशाला
*एक रोटी कम, उम्मीदें ज़्यादा: लोधी समाज ने बच्चों को दिया आगे बढ़ने का हौसला
*जहाँ तालियाँ नहीं, आशीर्वाद बरसे—प्रतिभा सम्मान बना यादगार पल
@तालियों के बीच चमके सपने: जब सम्मान बना बच्चों की नई उड़ान
@एक रोटी कम, भविष्य अनमोल—सूरसदन में उम्मीदों की जीत
@सम्मान जो ज़िंदगी बदल दे: 450 चेहरों पर आत्मविश्वास की मुस्कान
प्रतिभाओं के सम्मान का गौरवपूर्ण आयोजन
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.
आगरा। लोधी क्षत्रिय इम्पलाइज एसोसिएशन (लक्ष्य) आगरा द्वारा गुरुवार को सूरसदन सभागार में आयोजित आठवें प्रतिभा सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की 450 से अधिक प्रतिभाओं का भाव भरा अभिनंदन किया गया। इस दौरान आगरा और बाहर से पधारे लोधी राजपूत क्षत्रिय समाज के सैकड़ों गणमान्य जनों की एकजुटता ने समाज को नया उत्साह प्रदान किया।
दीप प्रज्वलन से शुभारंभ
इससे पूर्व आगरा इकाई के अध्यक्ष और समारोह संयोजक इंजी. किशोरी सिंह राजपूत और विशिष्ट अतिथि पूर्व मुख्य आयकर आयुक्त डॉ. बनवारी लाल सिंह लोधी ने दीप जलाकर समारोह का शुभारंभ किया।
मंच पर प्रतिष्ठित अतिथियों की उपस्थिति
इस दौरान इंडो तिब्बत फोर्स से रिटायर्ड आईजी केपी सिंह, बरेली विकास प्राधिकरण के मुख्य नगर नियोजक अजय कुमार सिंह, मिलिट्री सर्विसेज के पूर्व मुख्य अभियंता इंजी. चैतन्य देव, आईआईटी उत्तर प्रदेश के अपर निदेशक मानपाल सिंह, समाज कल्याण विभाग के अधीक्षण अभियंता इंजी. मुनिवीर सिंह और सूडा की पूर्व परियोजना निदेशक श्रीमती अंजू सिंह भी प्रमुख रूप से मंच पर मौजूद रहीं।

450 से अधिक प्रतिभाओं का सम्मान
समाज के आइकॉन के रूप में मंच पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट में 80 फ़ीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 343 मेधावी छात्र-छात्राओं, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले 15 खिलाड़ियों, राज्य एवं केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्ति प्राप्त करने वाले 35 कर्मचारी एवं अधिकारियों, विभिन्न पदों पर प्रोन्नति प्राप्त करने वाले 06 अधिकारियों, विभिन्न विभागों एवं पदों से सेवानिवृत्त होने वाले 18 अधिकारी एवं कर्मचारियों सहित 450 से अधिक प्रतिभाओं को सम्मानित कर उनको हार्दिक बधाई के साथ उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभाशीष प्रदान किया।

प्रेरक संदेश और संगठन का उद्देश्य
इस अवसर पर समारोह संयोजक एवं आगरा इकाई के अध्यक्ष इंजी. किशोरी सिंह राजपूत ने सम्मानित प्रतिभाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा –
“रख तू राह में दो चार ही कदम मगर जरा तबीयत से,
फिर देख मंजिल खुद ब खुद चल कर तेरे पास आएगी।
ऐ हालत को रोने वाले यह मत भूल,
तेरी मेहनत ही तेरी तकदीर बदल पाएगी।”

उन्होंने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि लोधी समाज के बुद्धिजीवियों द्वारा आगरा में समाज को एकजुट करने, जाग्रत करने, समाज की विशिष्ट प्रतिभाओं को प्रोत्साहित व सम्मानित करने, शिक्षा को बढ़ावा देने, कुरीतियों के विरुद्ध अभियान चलाने और समाज के गौरवशाली इतिहास का प्रचार-प्रसार करने के लिए यह संगठन बनाया गया है, जो पिछले आठ वर्षों से लगातार अपने उद्देश्य को साकार कर रहा है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रकाशन
इस दौरान महावीर सिंह वर्मा के नेतृत्व में विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समारोह में चार चाँद लगा दिए।
सतीश राजपूत के संपादन में प्रकाशित वार्षिक पत्रिका लक्ष्य संदेश का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम संचालन एवं सहभागिता
कार्यक्रम का संचालन सतीश राजपूत ने किया। महामंत्री लक्ष्मण सिंह ने विगत वर्ष का लेखा-जोखा सामने रखा। संरक्षक इंजी. रतिराम वर्मा सहित अनेक पदाधिकारी एवं वरिष्ठजन उपस्थित रहे।

शिक्षा का अमिट संदेश
एक रोटी कम खाओ लेकिन बच्चों को अवश्य पढ़ाओ — वक्ताओं ने बच्चों के सर्वांगीण विकास, दृढ़ संकल्प और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
संपादकीय
यह आयोजन केवल एक सम्मान समारोह नहीं, बल्कि समाज की आत्मा का उत्सव था। इसके पीछे जिन तीन स्तंभों की ऊर्जा, सोच और समर्पण निरंतर दिखाई देता है, वे हैं इंजीनियर किशोरी सिंह राजपूत, इंजीनियर रतिराम वर्मा और इंजीनियर सतीश राजपूत।

इंजीनियर किशोरी सिंह राजपूत संगठन की धड़कन हैं। वे केवल कार्यक्रम संयोजक नहीं, बल्कि विचारों के शिल्पकार हैं। हर वर्ष बच्चों की आँखों में आत्मविश्वास और माता-पिता के चेहरे पर गर्व लाने का जो संकल्प वे निभा रहे हैं, वह समाज के लिए दीर्घकालीन निवेश है।

इंजीनियर रतिराम वर्मा अनुभव, अनुशासन और नैतिक नेतृत्व के प्रतीक हैं। संरक्षक के रूप में उनका मार्गदर्शन संगठन को संतुलन देता है और पीढ़ियों को जोड़ने का काम करता है। उनका सादा व्यक्तित्व, गहरी सोच और समाज के प्रति प्रतिबद्धता अनुकरणीय है।
इंजीनियर सतीश राजपूत कर्मठता और रचनात्मकता का जीवंत उदाहरण हैं। कार्यक्रम संचालन से लेकर ‘लक्ष्य संदेश’ जैसी वार्षिक पत्रिका के संपादन तक, उनकी कलम और वाणी दोनों समाज की चेतना को दिशा देती हैं।

इन तीनों का सबसे बड़ा योगदान यह है कि वे हर वर्ष लोधी समाज के बच्चों का सम्मान कर उनके भीतर यह विश्वास भरते हैं कि मेहनत की पहचान होती है, और समाज उनके साथ खड़ा है। यही सम्मान आने वाली पीढ़ियों की रीढ़ बनता है।
ऐसे आयोजक, ऐसे मार्गदर्शक और ऐसे कर्मयोगी ही किसी समाज को साधारण से असाधारण बनाते हैं।
डॉ भानु प्रताप सिंह, संपादक
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