कार्तिक पूनम महोत्सव पर नवाणु पूजा, पालकी यात्रा और दादा गुरुदेव की भव्य पूजा, जैन धर्म की जयघोष से गूंजा दादाबाड़ी परिसर
श्रद्धा और भक्ति की अनोखी छटा
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. आगरा। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर जैन दादाबाड़ी, शाहगंज (आगरा) में भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। वातावरण में मंत्रों की मधुर गूंज, दीपों की आभा और समर्पण की भावना ऐसी थी मानो स्वयं परमात्मा आदिनाथ एवं दादा गुरुदेव की कृपा बरस रही हो। आयोजन में नवाणु पूजा, ध्वजारोहण, पालकी यात्रा, दादा गुरुदेव पूजा और दीपदान जैसे पावन अनुष्ठान संपन्न हुए।श्रावक-श्राविकाओं की आस्था और समर्पण देखते ही बनता था।
नवाणु पूजा में श्रद्धा
यह आयोजन श्री वर्धमान महावीर स्वामी जैन मंदिर और दादाबाड़ी ट्रस्ट के तत्वावधान में संपन्न हुआ। पूरा परिसर भक्ति रस में डूबा रहा। नवाणु की पूजा राजेंद्र सूरी महिला मंडल की श्रीमती रीटा लालवानी द्वारा पढ़ाई गई। धर्म, अहिंसा और आत्मकल्याण के संदेशों से ओतप्रोत यह पूजा जैन समाज के लिए श्रद्धा और गौरव का प्रतीक बन गई।

पालकी यात्रा में उमड़ा जनसागर
भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा को पालकी में विराजित कर जब यात्रा प्रारंभ हुई, तो पूरा दादाबाड़ी परिसर जय भगवान महावीर स्वामी “जय दादा गुरुदेव” और “जैन धर्म की जय” के उद्घोषों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं की आस्था से भरा यह दृश्य दिव्यता का जीवंत प्रमाण था।
गुरुदेव पूजा का पावन अवसर
दादा गुरुदेव की पूजा बृजेंद्र लोढ़ा और रीटा लालवानी द्वारा संपन्न कराई गई। पूजा के लाभार्थी परिवारों में राजकुमार जैन, सुनील कुमार जैन, आशीष जैन, ममता जैन, कविता जैन और पूर्वा जैन प्रमुख रहे। इस धार्मिक अनुष्ठान ने साधना और श्रद्धा का गहन वातावरण निर्मित किया।
जन सुविधा केंद्र का शुभारम्भ
धार्मिक आयोजनों के साथ समाजसेवा की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दादाबाड़ी स्थित जन सुविधा केंद्र का भी शुभारंभ किया गया। यह सुविधा केंद्र स्वर्गीय महेंद्र सिंह डागा परिवार के सहयोग से प्रारंभ किया गया, जो समाजहित की भावना का प्रेरक उदाहरण है।

गणमान्यजनों की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम में राजकुमार जैन, सुनील कुमार जैन, आशीष जैन, विनयचंद लोढ़ा, कमलचंद जैन, अजय चोरडिया, संजय दूगड, शरद चौरड़िया, विनय वागचर, वीरेंद्र बोहरा, विजय सेठिया, राजीव पाटनी, संदेश जैन, सुशील जैन, अशोक, अजय, प्रेम, नितिन ललवानी, आदित्य, अजीत जैन सहित डॉ. बीना जैन, डॉ. सुनील शर्मा, डॉ. रमेश धमीजा, डॉ. बी.के. अग्रवाल, डॉ. अरुण जैन आदि गणमान्यजनों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
संपादकीय
कार्तिक पूनम महोत्सव, जैन समाज के लिए केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह आस्था, साधना और आत्मिक चेतना का पर्व बन चुका है। दादाबाड़ी, शाहगंज (आगरा) में नवाणु पूजा, पालकी यात्रा और दादा गुरुदेव की आराधना ने जिस प्रकार श्रद्धा और भक्ति का समन्वय प्रस्तुत किया, वह समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण है।इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि धर्म केवल पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाजसेवा, त्याग और करुणा की भावना को भी जागृत करता है। दादाबाड़ी परिसर का हर दीपक इस बात का प्रतीक था कि प्रकाश केवल बाहर नहीं, भीतर भी जलाना होता है।नवाणु पूजा ने जहां जीवन में आत्म-अनुशासन और अहिंसा की भावना को प्रबल किया, वहीं पालकी यात्रा ने एकता और भक्ति के स्वर को पूरे वातावरण में गुंजायमान कर दिया। दादा गुरुदेव की पूजा के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा व्यक्त की गई भक्ति ने यह सिद्ध किया कि जैन दर्शन आज भी समाज के आत्मकल्याण का अद्वितीय मार्ग प्रदर्शित करता है।समाजसेवा की भावना को मूर्त रूप देते हुए जन सुविधा केंद्र का शुभारम्भ यह बताता है कि धार्मिकता केवल मंदिरों तक सीमित नहीं, बल्कि मानवता की सेवा में निहित है। ऐसे आयोजन हमें यह पुनः स्मरण कराते हैं कि जब धर्म और सेवा मिलते हैं, तभी सच्चा कल्याण संभव होता है।यह कार्तिक पूनम महोत्सव केवल आशा नहीं, बल्कि आस्था का आलोक है—जो हर हृदय को दया, सेवा और आत्मबोध की दिशा में प्रज्वलित करता है।
डॉ भानु प्रताप सिंह, संपादक
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