लखीमपुर खीरी। नवम्बर की ठंडी सुबह के साथ ही दुधवा नेशनल पार्क के द्वार सैलानियों के लिए खुल गए। शनिवार को प्रदेश के वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने पूजा-अर्चना के बाद पर्यटन सत्र 2025-26 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पहले दिन आने वाले सैलानियों को निशुल्क जंगल सफारी कराई गई।
इस दौरान मंत्री के साथ विधायक रोमी साहनी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी, प्रधान सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अनिल कुमार, डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एफडी डॉ. एच. राजमोहन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। उद्घाटन के बाद मंत्री ने सैलानियों को रवाना किया और स्वागत में खड़े राजकीय हाथियों को फल खिलाए।
इस बार 14 दिन पहले खुला दुधवा
आम तौर पर नवंबर के मध्य में खुलने वाला दुधवा इस बार 14 दिन पहले ही सैलानियों के लिए खोल दिया गया है। पर्यटन सत्र अब 15 जून 2026 तक चलेगा। वन मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह निर्णय लिया गया ताकि दिवाली सीजन में पर्यटकों को अतिरिक्त मौका मिल सके।
उन्होंने कहा कि इस बार दुधवा में कई नई व्यवस्थाएं की गई हैं। सैलानी ऑनलाइन बुकिंग के जरिए आसानी से सफारी, हट और गेस्ट हाउस की बुकिंग करा सकते हैं।
नए रूट और सुविधाएं
वन मंत्री ने बताया कि शुल्क में मामूली बढ़ोतरी की गई है, लेकिन सैलानियों की सुविधा के लिए नए पर्यटन रूट खोले जा रहे हैं। इस बार कतर्नियाघाट के निशानगढ़ क्षेत्र में भी पर्यटन की शुरुआत होगी। इसके अलावा पार्क के 63 नंबर रूट को भी जंगल सफारी के लिए खोला जाएगा।
बाघ से लेकर बारहसिंघा तक देखने का मौका
दुधवा नेशनल पार्क अपनी जैव विविधता और दुर्लभ वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है। यहां 450 से अधिक पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं। हिरनों की पांच प्रजातियां — चीतल, सांभर, काकड़, पाढ़ा और बारहसिंघा — के अलावा बाघ, तेंदुआ, भालू, सेही और बंगाल फ्लोरिकन यहां की पहचान हैं।
किशनपुर और दुधवा दोनों क्षेत्रों में सैलानियों को बाघों के दीदार की उम्मीद रहती है, खासकर सर्दी में जब बाघ खुले इलाकों में धूप सेंकने आते हैं।
हाथियों ने किया स्वागत
पार्क में मौजूद 25 राजकीय हाथियों में से कुछ को विशेष रूप से सैलानियों के स्वागत के लिए सजाया गया। उद्घाटन के दिन हाथी आकर्षण का केंद्र रहे।
स्वच्छता और पर्यावरण पर जोर
इस सत्र में भी प्लास्टिक और पॉलीथिन पूरी तरह वर्जित रहेगा। सभी सफारी वाहनों में फर्स्ट एड बॉक्स रखना अनिवार्य किया गया है। गाइडों को पर्यटकों को दुधवा के वन्यजीवों और इतिहास से परिचित कराने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
ठहरने की व्यवस्था
सैलानियों के लिए 14 थारू हट, एक डॉरमेट्री और छह कमरों का गेस्ट हाउस उपलब्ध है। इसके अलावा दुधवा से मात्र 10 किलोमीटर दूर पलिया शहर और दुधवा मार्ग पर कई रिजॉर्ट और होटल भी ठहरने के लिए तैयार हैं।
ऐसे पहुंचे दुधवा
लखनऊ से सड़क मार्ग द्वारा सीतापुर–लखीमपुर–पलिया होते हुए दुधवा पहुंचा जा सकता है।
शाहजहांपुर से खुटार–मैलानी–पलिया होकर भी दुधवा का मार्ग है।
सबसे नजदीकी हवाई अड्डा लखनऊ एयरपोर्ट (238 किमी) है, जहां से निजी वाहन या टैक्सी द्वारा दुधवा पहुंचा जा सकता है।
-एजेंसी
- ‘जय श्री राम’ और ‘जय बजरंगबली’ के नारे अब हिंसा भड़काने का लाइसेंस बन चुके हैं: स्वामी प्रसाद मौर्य - November 2, 2025
- Agra News: चार महीने से महिला का पीछा करने वाले युवक की करतूत CCTV में कैद, पुलिस जुटी तलास में - November 1, 2025
- Agra News: देवउठनी एकादशी पर मंदिरों में गूंजी मंगलध्वनियाँ, तुलसी–शालिग्राम विवाह ने रचा दिव्य उत्सव - November 1, 2025