आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने एक बार फिर अपने कौशल और विशेषज्ञता का लोहा मनवाया है। कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग ने एक 27 वर्षीय महिला के गर्भाशय से 1.26 किलोग्राम वजनी मायोमा (गांठ) को सफलतापूर्वक निकालकर चिकित्सा जगत में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह ऑपरेशन जटिल और जोखिमपूर्ण था, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने इसे पूरी तरह सफल बनाया। मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है।
कॉलेज की प्रवक्ता डॉ. प्रीति भारद्वाज ने बताया कि अविवाहित महिला अनियमित व अत्यधिक मासिक रक्तस्राव और पेट दर्द की शिकायत के साथ अस्पताल आई थी। जांच में सामने आया कि उसके गर्भाशय की पिछली दीवार पर 139 x 40 x 121 मिमी आकार की एक विशाल गांठ मौजूद थी, जो उसकी दाहिनी ओर की मूत्रनली को दबा रही थी और इससे हाइड्रोनेफ्रोसिस (गुर्दे में सूजन) की स्थिति बन गई थी।
यह मामला प्रोफेसर अनु पाठक की यूनिट में पहुंचा, जहां मरीज और परिजनों को पूरी स्थिति से अवगत कराते हुए सर्जरी का निर्णय लिया गया। सर्जरी टीम में डॉ. अनु पाठक के साथ डॉ. आकांक्षा, डॉ. आकृति, डॉ. आस्था, डॉ. श्वेता तथा एनेस्थीसिया टीम से डॉ. योगिता, डॉ. रजनी और डॉ. आशीष शामिल रहे। विभागाध्यक्ष डॉ. शिखा सिंह ने भी सहयोग प्रदान किया।
ऑपरेशन में यह सुनिश्चित किया गया कि गर्भाशय की भीतरी गुहा सुरक्षित रहे, जिससे महिला के भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं न हों। चार दिन के उपचार व निगरानी के बाद महिला को अस्पताल से स्वस्थ अवस्था में डिस्चार्ज कर दिया गया।
प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने चिकित्सकों की टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि एसएन कॉलेज लगातार जटिल मामलों में उत्कृष्ट परिणाम दे रहा है, जिससे मरीजों को महानगरों तक जाने की जरूरत नहीं पड़ रही।
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