Agra, Uttar Pradesh, India, भारतीय जनता पार्टी के नेता अशफाक सैफी को उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल तीन साल का है। आयोग में दो जैन समाज से भी हैं। सात सदस्यों में दो महिला हैं।
अल्पसंख्यक आयोग के सात सदस्य नामित किए गए हैं। ये हैं- हैदर अब्बास चांद (वाराणसी), सुरेश जैन ऋतुराज (मेरठ), नवेन्दु सिंह इजिकेल (शाहजहांपुर), सम्मान अफरोज खान (अलीगढ़), बक्सीस अहमद वापसी (गोरखपुर), रूमाना सिद्दीकी (लखनऊ) और अनीता जैन (लखनऊ)।
अशफाक सैफी के बारे में थोड़ी बात कर ली जाए। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन के उपाध्यक्ष भी हैं। यह संस्था अल्पसंख्यक छात्रों के लिए बनाए जाने वाले भवनों के निमित्त अनुदान देती है। पूरे देश में अल्पसंख्यक छात्रावास बनाए जा रहे हैं। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के न होने पर अशफाक सैफी ही बैठक की अध्यक्षता करते हैं। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के शहर अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रहे हैं।
अशफाक सैफी वंदेमातरम अभियान की देन हैं। उन्होंने वंदेमातरम के समर्थन में अभियान चलाया था। इसका कट्टरपंथी मुस्लिमों ने विरोध किया था। फिर उन्हें इस्लाम से खारिज कर दिया गया था। अमर उजाला ने व्यापक कवरेज दिया था। ऐसा लगा था कि शहर में दंगा हो जाएगा। इस कारण अखबार को अभियान बंद करना पड़ा था। अशफाक सैफी अपने पथ पर अडिग रहे। उन्होंने वंदेमातरम कहना बंद नहीं किया। लोगों को अभियान से और जोड़ा। अब उनकी ऊंची उड़ान है।
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