प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में आम आदमी पार्टी (AAP) लीगल सेल के आह्वान को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी की किसी भी अदालत में कोई भी विरोध प्रदर्शन करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की डिविजन बेंच ने सवाल किया कि अदालत परिसर में विरोध प्रदर्शन कैसे किया जा सकता है।
एक वकील ने आम आदमी पार्टी के लीगल सेल के आह्वान के खिलाफ अपनी शिकायत का जिक्र हाई कोर्ट में किया, जिसके बाद जस्टिस मनमोहन ने कहा कि अदालत में विरोध प्रदर्शन करने के परिणाम बहुत गंभीर होंगे। कोर्ट ने कहा कि वह मामले की सुनवाई कल करेगा। साथ ही कोर्ट ने अदालत परिसर के अंदर विरोध करने की मंशा रखने वाले वकीलों को चेतावनी भी दी।
जस्टिस मनमोहन ने कहा कि इसके गंभीर परिणाम होंगे। सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित कानून लागू होगा। उन्होंने आगे कहा कि न तो कोर्ट की कार्यवाहियों को और न ही वादकारियों को अदालतों में आने से रोका जा सकता है। हाई कोर्ट ने कहा कि AAP लीगल सेल किसी के अदालत जाने के मौलिक अधिकार को नहीं छीन सकता, यह स्थापित कानून है। साथ ही कहा कि अगर कोई ऐसा करता है, तो वह इसे अपने जोखिम पर करेगा और जरूरत पड़ने पर अदालत कार्रवाई करेगी।
आम आदमी पार्टी के लीगल सेल ने आज विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है और वकीलों को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में आज दोपहर करीब 12:30 बजे सभी जिला अदालतों में इकट्ठा होने के लिए कहा था। इसके अलावा बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने लीगल फ्रेटरनिटी से अदालतों में विरोध प्रदर्शन नहीं करने का अनुरोध किया है।
-एजेंसी
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