Government school teachers stoty

Government school teachers की ये कहानी, आपकी आंखों में ला देगी पानी, पढ़िए अंदर की बात

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

शासन शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु तमाम प्रयास कर रहा है। इन सब प्रयासों के बावजूद सरकार का ध्यान शिक्षकों के बढ़ते गैर शैक्षणिक कार्यों पर बिल्कुल नहीं जा रहा है। जनपद आगरा में ही देखें तो दूरदराज के ब्लाकों और नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों का टोटा पहले से ही है। वहीं इन स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और क्लर्क का कार्य भी शिक्षकों को ही करना पड़ रहा है। परिषदीय स्कूलों में जुलाई से लेकर अब तक किताबें, यूनीफार्म, स्वेटर का वितरण करने के साथ-साथ वर्तमान में जूतों का वितरण भी शिक्षक कर रहे हैं। और अभी आगे शिक्षकों को बैग का वितरण भी करना है। यदि शासन छात्रों को वितरित सभी सामग्री विभाग एक ही बार में उपलब्ध करा देता तो शिक्षक भी एक ही बार में सामग्री का वितरण कर शेष समय को शिक्षण कार्य में लगा सकते थे।

इसके अतिरिक्त शिक्षकों को कम्पोजिट ग्राण्ट से मिली धनराशि से विद्यालय में रंगाई पुताई, मरम्मत, जरूरी कायाकल्प कार्य भी कराने पड़ रहे हैं। जिसमें शिक्षक को ही काम करवाने के कारण शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होती है। नगर क्षेत्र के स्कूलों में विभाग की ओर से सफाईकर्मी की कोई व्यवस्था नही है। शिक्षक पहले स्कूल आकर वह सफाई व्यवस्था करवाता है जिससे शिक्षक के पढ़ाने का समय प्रभावित हो रहा है।

यहाँ देखने वाली बात यह है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तभी संभव हो सकेगा जब शिक्षकों को सिर्फ पढ़ाने के अवसर मिलें और शिक्षकों को पढ़ाने के अवसर तभी मिल सकेंगे जब शिक्षकों से विद्यालय और विद्यालय से बाहर के गैर शैक्षणिक कार्य पूर्ण रूप से हटा लिए जाएं। शिक्षकों की नियुक्ति बच्चों को पढ़ाने के लिए हुई है। इसलिए शिक्षकों से सिर्फ बच्चे पढ़ाने का कार्य ही लिया जाना बच्चों के हित में रहेगा। तभी ईमानदारी से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार संभव हो सकेगा। गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखना चाहिए तभी शैक्षिणिक वातावरण सृजन होगा। धरातल पर देखा जाए तो ‘सब पढ़ें सब बढ़ें’ का नारा ‘कैसे पढ़ें कैसे बढ़ें’ में बदल गया है। 

शिक्षक के कंधों पर इन कामों की जिम्मेदारी

1- बाल गणना करना

2- स्कूल चलो अभियान

3- यूनीफार्म सिलवाकर उसका वितरण करना

4- मिड डे मील बनवाना

5-रसोईयों का चयन करना

6-दूध व फल का वितरण करना

7- मिड डे मील के लिए आटा पिसवाना और गैस सिलेंडर भरवाना

8- निर्माण कार्य कराना

9- एस.एम.सी. बैठक करना

10-एस.एम.सी. खाते का प्रबंधन

11- एम.डी.एम. खाते का प्रबंधन

12-बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी करना

13- पोलियो व अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों में प्रतिभाग करना

14- बी.एल.ओ. ड्यूटी करना

15- चुनाव ड्यूटी करना

16- जनगणना करना

17- शिक्षक संकुल की और बी. आर. सी. की बैठक में प्रतिभाग करना

18- विद्यालय की रंगाई पुताई और कायाकल्प के कार्य करना

19- विद्यालय अभिलेख तैयार करना

20- बच्चों को घरों से बुलाना

21- टी.एल.एम. की व्यवस्था बनाना

22- पौधारोपण करना

23- पौधों को सींचना

24- विद्यालय की सफाई कराना

25- जिला स्तरीय अफसरों के आदेशों का पालन करना

26-शिक्षण कार्य

राजीव वर्मा

जिला महामंत्री, यूनाइटेड टीचर्स एसोसियेशन (यूटा), आगरा